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250 साल से चला आ रहा इस ‘बहन’ का डर, आज भी इस गांव के लोग नहीं मनाते रक्षाबंधन

संभल जिले में बेनीपुर चक नाम के इस गांव में यादव जाति के लोग बड़ी संख्या में हैं. गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि लगभग 250 साल पहले उनके बुजुर्ग अलीगढ़ जिले में सिमरऊ गांव में अपनी सारी संपत्ति और जमीन जायदाद अपनी धर्म बहन को सौंप कर बेनीपुर चक में आकर बस गए थे...

देश में आज भाई बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का त्योहार पूरी धूम धाम से मनाया जा रहा है. लेकिन यूपी के संभल जिले में एक ऐसा गांव है, जिसमें रक्षा बंधन का त्योहार नहीं मनाया जाता. जानें क्या है वजह…

एक युवती की वजह से नहीं मनाया जाता त्योहार
दरअसल, 250 साल अलीगढ़ से आकर संभल जिले के बेनीपुर चक गांव में बसे ग्रामीणों के बुजुर्गों के अनुसार, सालों पहले रक्षाबंधन के त्योहार पर क्षत्रिय जाति की युवती ने यादव जाति के भाई को राखी बांधी थी. युवती ने अपने धर्म भाई को आजमाने के लिए नेग में सारी संपत्ति मांग ली. युवती के धर्म भाई (यादव जाति के जमींदार) ने भी अपने वचन की रक्षा के लिए सारी संपत्ति अपनी बहन को सौंप दी और गांव छोड़कर चला गया. वह संभल के बेनीपुर चक गांव में आकर बस गया. इस गांव के लोग आज भी इस भय से रक्षा बंधन का त्योहार नहीं मनाते कि कहीं रक्षा बंधन पर कोई बहन नेग में सारी संपत्ति न मांग ले. और उन्हें अपना वचन निभाने के लिए गांव ही छोड़ना पड़ जाए.

भेंट वापस करने की भी की थी कोशिश
संभल जिले में बेनीपुर चक नाम के इस गांव में यादव जाति के लोग बड़ी संख्या में हैं. गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि लगभग 250 साल पहले उनके बुजुर्ग अलीगढ़ जिले में सिमरऊ गांव में अपनी सारी संपत्ति और जमीन जायदाद अपनी धर्म बहन को सौंप कर बेनीपुर चक में आकर बस गए थे. ग्रामीण बताते हैं कि वे रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाते. बताते हैं कि राजपूत युवती ने ऐसा सिर्फ अपने धर्म भाई यादव जमींदार को आजमाने के लिए किया था. बाद में उसने भेंट में मिली सारी संपत्ति और जमीन-जायदाद वापस करने की भी पेशकश की थी, लेकिन यादव जमींदार ने भेंट वापस लेने से इनकार कर दिया और उसी समय अपने परिवार और ग्रामीणों के साथ गांव छोड़कर संभल जिले के बेनीपुर चक गांव में आकर बस गया.

लोगों को इस बात का है डर
दरअसल, वचन को निभाने की खातिर अलीगढ़ जिले में अपना पैतृक गांव छोड़कर संभल जिले के बेनीपुर चक गांव में आकर बसे यादव जाति के लोगों के मन में आज भी यह डर है कि रक्षाबंधन पर राखी बांधने के बाद कोई बहन नेग में कहीं उनकी संपत्ति और जमीन-जायदाद न मांग ले. इस भय से बेनीपुर चक गांव में आज भी रक्षाबंधन नहीं मनाया जाता.

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