
नवजोत सिद्धू लखीमपुर खीरी में मौन व्रत और अनशन पर बैठ गए हैं। सिद्धू ने मृतक किसान लवप्रीत के घर पर परिजनों से मुलाकात की। इसके बाद वो हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के घर पर गए। जहां सिद्धू ने कहा कि मैं तब तक मौन धारण कर यहीं भूख हड़ताल पर बैठूंगा, जब तक केंद्रीय मंत्री का बेटा जांच में शामिल नहीं होता या फिर उसे गिरफ्तार नहीं किया जाता। सिद्धू के साथ पंजाब सरकार के मंत्री विजयेंद्र सिंगला, पंजाब कांग्रेस के अनुसूचित जाति विंग के प्रधान विधायक राजकुमार चब्बेवाल, वर्किंग प्रधान कुलजीत नागरा और विधायक मदन जलालपुर भी गए हैं।
सिद्धू ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना इंसाफ और लोकतंत्र को कत्ल करने का प्रयास है। पैसों से इंसान के जीवन की भरपाई नहीं हो सकती। सिद्धू ने कहा कि लवप्रीत के पिता ने कहा कि वो इंसाफ चाहते हैं। उन्हें पैसे (मुआवजा) नहीं चाहिए। पूरे मामले का वीडियो, सुबूत, केस में नाम और गवाह कह रहा है कि मैंने उसका हाथ पकड़ा था। फिर क्या गिरफ्तारी इसलिए नहीं हो रही कि वो मंत्री के बेटे हैं। अगर रखवाले ही जुर्म करने लगे तो गरीब आदमी किसके दरवाजे पर दस्तक करेगा।

सिद्धू ने कहा कि बहुत हो गया है। किसान आंदोलन को देखकर सिस्टम से भरोसा उठ गया है। मैंने तब भी मांग की थी कि सब कुछ है तो मंत्री के बेटे को तुरंत जांच में शामिल होना चाहिए या फिर उसे गिरफ्तार करना चाहिए। इसके बावजूद सब कुछ नजरअंदाज किया जा रहा है। सिद्धू ने कहा कि सोच-समझकर पीठ के ऊपर से गाड़ी चढ़ाकर किसानों को रौंदा गया। यह हैवानियत है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
इससे पहले गुरुवार को मोहाली से काफिला लेकर निकले सिद्धू को यूपी पुलिस ने सहारनपुर के पास ही बॉर्डर पर रोक दिया था। जब कांग्रेसियों ने बैरिकेड तोड़ा तो यूपी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्हें सरसावा थाने में रखा गया। हालांकि देर रात लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत दे दी गई। उनकी रात उत्तराखंड के बाजपुर में कटी। जिसके बाद वह सुबह लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुए।

मोहाली से निकाला था मार्च
लखीमपुर खीरी में किसानों को जीप से कुचलने के मामले में पंजाब कांग्रेस का मार्च गुरुवार को मोहाली से निकला था। इसकी अगुवाई नवजोत सिंह सिद्धू ने की। रोष मार्च की शुरुआत के वक्त CM चरणजीत चन्नी भी पहुंचे। इसके बाद वे हरियाणा होते हुए सहारनपुर में यूपी बॉर्डर पहुंचे। सिद्धू लगातार लखीमपुर खीरी हत्याकांड के आरोपी केंद्रीय मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।

यूपी बॉर्डर पर तनातनी के बाद लिए गए थे हिरासत में
नवजोत सिद्धू काफिला लेकर जब यूपी बॉर्डर पर पहुंचे तो पुलिस ने रोक लिया। उन्हें लखीमपुर खीरी में धारा 144 लगी होने का हवाला दिया गया। यहां सिद्धू और कांग्रेस मंत्रियों की यूपी पुलिस से बहस हो गई। इसके बाद पुलिस ने सिद्धू, मंत्रियों और कुछ विधायकों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें सहारनपुर के सरसावा थाने में ले गए। जहां से देर रात अफसरों से बातचीत के बाद उन्हें लखीमपुर जाने की इजाजत मिल गई। वहीं काफिले में गई गाड़ियों और कांग्रेसियों को यूपी बॉर्डर से ही लौटा दिया गया।



