
जालंधर,4 अक्तूबर : मानसून खत्म होने के बावजूद हो रही बेमौसमी अधिक बरसात के कारण कई राज्यों में प्याज की नई फसल खराब हो जाने के कारण इसके दाम बढ़ने शुरू हो गए हैं। प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए एक बार फिर अफगानिस्तान से प्याज आयात किया जाएगा। उम्मीद है कि अगले सप्ताह से अटारी के रास्ते अफगानी प्याज की आवक शुरू हो जाएगी। प्याज की खरीद-फरोख्त से जुड़े व्यापारी मानते हैं कि बाहर से सप्लाई आने के बाद प्याज के भाव बेकाबू नहीं होंगे। पिछले साल भी अगस्त-सितंबर में थोक में प्याज के दाम 5 रुपए से बढ़कर 60 रुपए तक पहुंच गए थे। उस समय फुटकर में प्याज 70 से 80 रुपए में बिका। उसके बाद सरकार के सहयोग से कारोबारियों ने सितंबर में अटारी के रास्ते अफगानिस्तान से प्याज मंगवाना शुरू किया। समुद्री मार्ग से तुर्की से भी सप्लाई आई जिससे प्याज के रेट कम हो गए थे।

अफगानिस्तान से चल चुकी हैं प्याज की गाड़ियां अटारी बार्डर दे चुकी है दस्तक
अमृतसर प्याज कारोबारी ने बताया कि अफगानिस्तान से प्याज की गाड़ियां शनिवार से पूर्व अटारी के रास्ते यहां पहुंच जाएंगी। उन्होने कहा कि आमतौर पर इस मौसम में प्याज की किल्लत हो जाती है। इस बार बारिश ज्यादा होने से प्याज उत्पादक राज्यों में थोक में प्याज के भाव 30 से 35 रुपए बोले जा रहे हैं। आने वाले दिनों में भाव और न बढ़ें इसलिए अफगानी प्याज मंगवाया जा रहा है जो कि भारतीय मंडीयो में 20-25 रूपये में उपलब्ध होगा। अफगानिस्तान में तालिबानी सत्ता काबिज होने के कारण वहां पर बैंको से भुगतान निकासी अभी बैन होने के कारण अफगानी कारोबारी परेशान है कि वह भारतीय कारोबारियों से प्याज की रकम की ट्रांसफर कैसे करबाए।



