कांग्रेस में अब कुर्सी की लड़ाई:साढ़े 4 साल कुछ नहीं हुआ, 6 माह बचे हैं, कैप्टन को बदला जाए : सिद्धू खेमा
सलाहकारों के विवाद के बाद सिद्धू के करीबियों का नया पैंतरा 4 मंत्री व 21 विधायकों की मीटिंग, कहा- हाईकमान से मिलेंगे; कैप्टन बोले- बगावत नहीं सिद्धू ने कहा- हाईकमान तक पहुंचाएंगे मंत्रियों, विधायकों की सीएम के साथ नाराजगी

पंजाब कांग्रेस में जारी अंतर्कलह दूर करने के लिए प्रभारी हरीश रावत के चंडीगढ़ दौरे से 1 दिन पहले मंगलवार को कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा के घर पहुंचे 4 मंत्रियों, 21 विधायकों और 6 पूर्व विधायकों ने मीटिंग कर कहा कि कैप्टन अमरिंदर शिरोमणि अकाली दल (बादल) से मिले हुए हैं। सीएम पर हमें कोई भरोसा नहीं।
इनके रहते बदलाव और विकास संभव नहीं। साढ़े चार साल तक कोई काम नहीं हुआ। अब जबकि 6 महीने बचे हैं, हाईकमान से मांग है कि सीएम बदला जाए। नाराज मंत्रियों और विधायकों ने बाद में प्रधान नवजोत सिद्धू के साथ मीटिंग की। सिद्धू बोले- हाईकमान तक यह मुद्दा पहुंचाएंगे।
कैबिनेट मीटिंग से 2 दिन पहले पैदा सियासी घटनाक्रम के कारण सितंबर में होने वाला मानसून सत्र स्थगित होने की उम्मीद है। नाराज मंत्रियों ने बातचीत के लिए हाईकमान से समय मांगा है। दूसरी तरफ कैप्टन समर्थक मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, भारत भूषण आशु, साधु सिंह धर्मसोत और बलबीर सिद्धू ने नवजोत सिद्धू के सलाहकारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, मीटिंग में शामिल रहे 7 विधायकों ने देर शाम कहा कि वह सीएम के साथ हैं। सीएम ने भी कहा कि पंजाब कांग्रेस में बगावत जैसी कोई बात नहीं है।
पंजाब कांग्रेस में 2 पावर सेंटर… दोनों आए आमने-सामने
सिद्धू के पंजाब प्रधान बनने के बाद सूबे में कांग्रेस के दो पावर सेंटर बन गए हैं। ऐसे में वर्करों के साथ ही ब्यूरोक्रेसी भी असमंजस में है कि किसकी सुनें और किसकी नहीं।
अभी तक सीएम का कुछ मुद्दों पर विरोध किया जा रहा था पर अब सिद्धू खेमा खुलकर सीएम के खिलाफ उतर गया है। समर्थक भी सामने आ गए हैं।
सिद्धू खेमे का कैप्टन पर ये आरोप
चन्नी मंत्री चरणजीत चन्नी ने कहा कि कैप्टन के रहते पंजाब के मसले हल होने वाले नहीं। दिल्ली जाकर हाईकमान को जमीनी हकीकत बताएंगे।
रंधावा मंत्री सुखजिंदर रंधावा बोले- मुख्यमंत्री अमृतसर में 1000 लोगों से मिल सकते हैं पर कैबिनेट मीटिंग वर्चुअल करते हैं ताकि हमसे न मिलें।
बाजवा मंत्री तृप्त बाजवा ने कहा कि सीएम चाहते हैं कि चुनाव के बाद वह जाएं और अकाली वापस लौट आएं। यह मिलीभगत है।
परगट हाल ही में महासचिव बने परगट सिंह बोले, विधायक सीएम के काम से संतुष्टि नहीं हैं। हाईकमान से मिलकर सीएम बदलने की मांग करेंगे।
कैप्टन समर्थक मंत्री आगे आए, बोले- सलाहकारों पर एक्शन ले हाईकमान
कैप्टन विरोधी नेताओं द्वारा सीएम के विरोध के बाद हरकत में आए सीएम समर्थक मंत्रियों ने हाईकमान से नवजोत सिद्धू के सलाहकारों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने मंगलवार को फिर सीएम पर निशाना साधा।
कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, विजयइंदर सिंगला, भारत भूषण आशु, बलबीर सिंह सिद्धू, साधु सिंह धर्मसोत और विधायक राजकुमार वेरका ने कहा कि सिद्धू के सलाहकारों की बयानबाजी देश के हितों के विरुद्ध और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। लीगल एक्शन की मांग करते हुए हाईकमान से अपील की है कि सिद्धू को अपने सलाहकारों पर कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं।
इन 4 मंत्रियों के अचानक विरोध का कारण क्या है?
-हाईकमान ने सीएम को कैबिनेट में बदलाव का अधिकार दे रखा है। कई मंत्रियों को डर था कि फेरबदल में उनका पत्ता कट सकता है। चुनाव से ठीक पहले कुर्सी छिनने से इनकी छवि काे भी नुकसान पहुंचने का डर था। ऐसे में विरोध का झंडा बुलंद किया। बाजवा ने कहा कि हमें पद जाने की कोई परवाह नहीं है। इससे भी इस आशंका को बल मिलता है।
क्या सीएम को बदलने की मांग आनन-फानन की गई है?
-नहीं। सूत्रों की मानें तो सिद्धू खेमे के मंत्री और विधायक 20 दिन से सीएम के खिलाफ झंडा उठाने की तैयारी कर रहे थे। कई बैठकें भी हुईं, जिसमें सीएम बदलने का प्रस्ताव लाने की चर्चा थी।
तीखा विरोध अभी ही क्यों?
-दो दिन बाद होने वाली कैबिनेट बैठक कुछ मंत्रियों की आखिरी कैबिनेट बैठक हो सकती थी। इसीलिए 48 घंटे पहले सीएम के विरोध का फैसला किया। आशंका थी कि बाद में विरोध करने का शायद वक्त ही न मिले।
ये हाईकमान पर दबाव की रणनीति है?
– सिद्धू अपने खेमे को मजबूत कर दबाव बनाने में जुटे हैं कि कैप्टन से कोई संतुष्ट नहीं है। वो खुद को कैप्टन से ऊपर बताने की कोशिश में नजर आ रहे हैं।
इधर, 7 विधायकों का यू-टर्न
वड़िंग समेत कई विधायक बोले- हम सीएम कैप्टन के साथ हैं…
देर शाम राजा वड़िंग समेत 7 विधायकों ने खुद को मुख्यमंत्री को हटाने की मुहिम से अलग कर कहा कि तृप्त बाजवा के घर पर हुई मीटिंग में सीएम को हटाने संबंधी कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ था। वड़िंग, कुलदीप वैद, दलवीर सिंह गोल्डी, गुरकीरत सिंह कोटली और अन्य ने कहा कि हम मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं। कुछ विधायकों ने सीएम को हाटने की बात कही थी, पर सर्वसम्मति से कोई प्रस्ताव पारित नहीं हुआ।
माली ने पाकिस्तान की महिला पत्रकार का फोटो पोस्ट कर पूछा- आपकी सलाहकार कौन?
सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली सोशल मीडिया पर सीएम कैप्टन के खिलाफ लगातार हमलावर हैं। सीएम की नाराजगी के बाद उन्होंने पाकिस्तानी महिला पत्रकार का फोटो पोस्ट कर पूछा, आपकी प्रशासनिक और सुरक्षा सलाहकार कौन है? सीएम ने सलाहकारों को सलाह देने तक सीमित रहने की ताकीद की थी।
इसके बावजूद माली के तेवर गर्म हैं। माली ने पाक महिला पत्रकार, सीएम, डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी की फोटो पोस्ट कर निजी हमले किए। सीएम के सलाहकार रहे भरत इंदर चहल की हिमाचल में संपत्ति पर भी सवाल उठाए। आरोप लगाया कि पंजाब में तब्दीलियां अब भी मोदी और सुखबीर बादल की इच्छानुसार हो रही हैं और आपके दस्तखत हो रहे हैं। अभी इतना ही…।
नड्डा बोले- देश विरोधी बयानबाजी पर कांग्रेस हाईकमान स्पष्टीकरण दे
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कांग्रेस की राष्ट्रीय लीडरशिप को स्पष्ट करना चाहिए क्या वह पंजाब कांग्रेस के नेताओं की कश्मीर, पाक को लेकर बयानबाजी का समर्थन करते हैं या नहीं। चुप्पी को उनका समर्थन माना जाएगा।



