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इंटरनेट मीडिया पर लोगों ने सिद्धू पर साधा निशाना, कहा- गुरु अब कोई अड़ंगा नहीं; तीन रुपए प्रति यूनिट बिजली कब से मिलेगी

प्रधान बनने के बाद नवजोत सिद्धू ने घोषणा की थी कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद तीन रुपये यूनिट बिजली दी जाएगी। हालांकि सिद्धू के बयान के बाद इंटरनेट मीडिया पर वह काफी ट्रोल हुए और लोगों ने उन्हें याद दिलाया कि अब भी कांग्रेस की ही सरकार है

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रधान बनने के बाद नवजोत सिद्धू ने घोषणा की थी कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद तीन रुपये यूनिट बिजली दी जाएगी। हालांकि सिद्धू के बयान के बाद इंटरनेट मीडिया पर वह काफी ट्रोल हुए और लोगों ने उन्हें याद दिलाया कि अब भी कांग्रेस की ही सरकार है। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू में तालमेल की कमी की वजह से एक बात साफ थी कि ऐसे में सिद्धू कोई भी अपनी योजना लागू नहीं कर सकते थे। अब कैप्टन ने इस्तीफा दे दिया है और सिद्धू खेमे के चरणजीत सिंह चन्नी सीएम बने हैं तो इंटरनेट मीडिया पर फिर से सिद्धू पर निशाना साधा जा रहा है कि सिद्धू साहब अब तो कोई अड़ंगा नहीं रहा। अब कब से तीन रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलेगी। गुरु अब तो कृपा बरसा दो, अब तो वही हो रहा है, जो आप चाहते थे।

उलझन में रहे वर्कर

कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अटकलों ने शहर के कांग्रेस वर्करों की उलझन बढ़ाए रखी। अपने महबूब नेताओं का जैसे ही नाम चर्चा में आया तो वर्करों ने उसके क्रिएटिव बनाकर इंटरनेट मीडिया पर खूब शेयर करने शुरू कर दिए और उन्हें सीएम बनने की बधाई दे डाली। दो दिनों तक चले इस घटनाक्रम में पहले सुनील जाखड़, फिर अंबिका सोनी, उसके बाद सुखङ्क्षजदर ङ्क्षसह रंधावा के नाम के क्रिएटिव चलते रहे और अंतिम समय में चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मुहर लग गई। कांग्रेसियों की ओर से बार-बार मुख्यमंत्री के चेहरे की फोटो बदलकर जब इंटरनेट मीडिया पर डाली गई तो विपक्षी नेताओं ने भी चुटकी लेते हुए सभी क्रिएटिव के क्लाज बनाकर अपने इंटरनेट मीडिया पर डाल दिए। फिर विपक्षी दलों के नेताओं ने लिखा कि पहले मुख्यमंत्री का चेहरा तो फाइनल होने देते, इसके बाद ही क्रिएटिव डालते।

अब कद के मुताबिक मिला रुतबा

सीनियर नेताओं में पांच बार के विधायक ओपी सोनी का नाम शुमार है। कांग्रेस में नवजोत सिद्धू की एंट्री होने से 2017 की कांग्रेस सरकार में सोनी को उनके रुतबे के मुताबिक एडजस्टमेंट नहीं मिली। विडंबना तो यह रही कि सरकार बनने के एक साल 35 दिनों बाद उन्हें मंत्री पद मिला। अब जब कैप्टन के जाते ही चरणजीत ङ्क्षसह चन्नी को सीएम बनाया गया तो उनके साथ ही सोनी को डिप्टी सीएम पद सौंपा गया। टकसाली कांग्रेसियों ने शुक्र किया कि अब सोनी को सियासी कद के मुताबिक रुतबा तो मिला। वह सरकार में मंत्री तो थे, पर जिस तरह का उनका सियासी करियर रहा है, वह पहले भी बड़ा मंत्रालय ही डिजर्व करते थे। अब जब उन्हें डिप्टी सीएम बनाया है तो उनके समर्थक तो खुश हैं ही, साथ ही उन नेताओं में भी उम्मीद जगी है, जिनका प्रोफाइल तो बड़ा है, पर उन्हें पूछा नहीं जा रहा।

सुक्खी तो चार घंटे भी नहीं चले

कांग्रेस में चल रही उठापठक से शहर का सियासी माहौल गरमाया हुआ है। कैप्टन बनाम सिद्धू के बीच चले सियासी तीरों के बाद सीएम पद के लिए कई नाम आए, पर आखिर में टिके चन्नी ही। अब कांग्रेसी गलियारों में चर्चा रही थी कि वह कैप्टन ही थे, जो साढ़े चार साल चल गए। माझा एक्सप्रेस के बड़े नेता माने जाने वाले सुखङ्क्षजदर सिंह सुक्खी रंधावा तो चार घंटे भी सीएम की दौड़ में नहीं चल सके और बाहर हो गए। चुटकी लेने वालों ने तो यहां तक कह दिया कि नवजोत सिद्धू को आगे लगाकर जो खेल माझा एक्सप्रेस ने खेला था, उसी पर बाद में सिद्धू हावी पड़ गए और सिद्धू के अडऩे की वजह से ही रंधावा भी सीएम की दौड़ से बाहर हो गए। अब आगे रंधावा-सिद्धू के बीच बने सियासी हालात किस करवट जाते हैं, इस पर भी कांग्रेसी गणितकार अपना-अपना अनुमान लगा रहे हैं।

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