
पंजाब की नई बनी सीएम चरणजीत चन्नी सरकार ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के एक और करीबी की छुट्टी कर दी है। करतारपुर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन राणा रंधावा को हटा दिया गया है। उनकी जगह पर अब नितिन अग्रवाल को चेयरमैन बनाया गया है। राणा रंधावा कैप्टन के खासमखास थे। पंजाब कांग्रेस में जब कलह मची तो वो खुलकर कैप्टन के समर्थन में खड़े हुए थे ।उन्होंने जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह का विरोध किया था।
परगट के विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने कैप्टन के समर्थन में बोर्ड तक लगवा दिए थे। उस वक्त परगट सिंह का कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ छत्तीस का आंकड़ा था। कैप्टन अमरिंदर सिंह को CM की कुर्सी से हटाने के बाद अब हालात बदल गए हैं। परगट सिंह पंजाब सरकार में शिक्षा और खेल मंत्री बन गए हैं। परगट की ताकत बढ़ते ही राणा रंधावा को हटा दिया गया। राणा कैप्टन से परगट के खराब रिश्तों को देख जालंधर कैंट से टिकट के भी दावेदार थे।

पहले सिद्धू ने कराई छुट्टी
शुरूआत में नवजोत सिद्धू ने कैप्टन के करीबियों की छुट्टी कराई थी। सिद्धू ने अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश बस्सी को हटा दिया था। उनकी जगह पर दमनदीप उप्पल को ट्रस्ट का चेयरमैन बना दिया गया था। पहले भी सिद्धू दमन को चेयरमैन बनाना चाहते थे लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बस्सी को यह कुर्सी सौंप दी थी।
नगर सुधार:कैंट में सक्रिय रहे राणा रंधावा को करतारपुर के नगर सुधार ट्रस्ट की चेयरमैन से हटाया
- टिकट की दावेदारी के लिए कैबिनेट मंत्री परगट सिंह के हलके में होने वाली बैठकों में अक्सर हो रहे थे शामिल, अब नितिन अग्रवाल के हाथ ट्रस्ट की कमान
- चेयरमैनशिप और डायरेक्टरशिप बचाने के लिए नेताओंं में अब और ज्यादा तेजी से होगी लाॅबिंग
फेरबदल के कई बिंदू
कैप्टन अमरिंदर सिंह से परगट की शुरू हुई खींचतान के बाद माना जा रहा था कि कैप्टन परगट की टिकट काट सकते हैं। एेसे में राणा रंधावा कैंट में सक्रिय हो गए थे। बताया जाता है कि कांग्रेस में फेरबदल के बावजूद राणा कैंट में सरगर्मी नहीं छोड़ रहे थे। पिछले दिनों एक समारोह में परगट सिंह व राणा रंधावा दोनों पहुंचे थे। इसके बाद चंडीगढ़ से नए चेयरमैन की नियुक्ति की अचानक लेटर आ गई है। उधर, पंजाब प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने विभिन्न विभागों के चेयरमैन व डायरेक्टर बने नेताओं को चिंता हो गई थी कि अमृतसर, मोगा के ट्रस्टों के चेयरमैन हटाने के बाद बाकियों पर गाज नहीं गिरेगी। उम्मीद थी कि सीएम चन्नी नेताओं को पदों से हटाकर गुटबाजी पैदा नहीं करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिक्रयोग है कि एमपी, एमएलए वाले चौधरी परिवार ने अपने नजदीकी नेता को ही इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में एडजस्ट करने के लिए ही कई साल पहले यहां ट्रस्ट बनवाया था।




