Jalandhar में AAP ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया:मेयर बनना तय…

जालंधर नगर निगम में आम आदमी पार्टी का मेयर बनना लगभग तय हो गया है।
सोमवार को कांग्रेस के एक, बीजेपी के एक और आप से टिकट न मिलने पर आजाद चुनाव लड़ने वाले लखोत्रा ने झाड़ू थाम लिया है। अब आप के पास 43 पार्षद हो गए हैं। जिससे उनका मेयर बनना लगभग तय हो गया है।
रविवार देर रात एक कांग्रेसी और एक निर्दलीय पार्षद को आप में शामिल किया गया। मंत्री मोहिंदर भगत ने बताया कि वार्ड नंबर 47 से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतने वाली मनमीत कौर, बीजेपी की वार्ड नंबर 63 से चुनाव जीतने वाली सुलेखा भगत और 46 नंबर वार्ड से आजाद चुनाव जीतने वाले तरसेम लखोत्रा आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए है।आप नेता इस समय शहर में अपना मेयर बनाने के लिए लॉबिंग में जुटे थे। पूर्व मेयर जगदीश राज राजा की पत्नी अनीता राजा को हराने वाले पार्षद प्रवीण वासन को आम आदमी पार्टी में शामिल किया गया था। कांग्रेस-भाजपा और दो निर्दलीय समेत 5 पार्षद पार्टी में शामिल हुए जिसके बाद अब नगर निगम में आम आदमी पार्टी ने बहुमत के जादुई आंकड़े को छू लिया। आप नेताओं एवं कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ., डा. रवजोत सिंह और मोहिंदर भगत की उपस्थिति में पांचों कौंसलर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए। अब नगर निगम में आम आदमी पार्टी के कुल 43 पार्षद हो गए हैं और मेयर बनाने के लिए भी इतने ही पार्षदों की जरूरत होती है।
जालंधर के वार्ड नंबर-47 से कांग्रेसी कौंसलर मनमीत कौर और वार्ड नंबर – 65 से कांग्रेसी कौंसलर परवीन वासन पार्टी में शामिल हुए। वहीं वार्ड नंबर- 63 से भाजपा कौंसलर सुलेखा आम आदमी पार्टी में शामिल हुई। दो आजाद पार्षद वार्ड नंबर- 46 के कौंसलर तरसेम सिंह और वार्ड नंबर- 81 से आजाद कौंसलर सीमा भी आप में शामिल हुए। पांचों पार्षद औपचारिक तौर पर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए और पार्टी को निगम में पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया।आम आदमी पार्टी के मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ, मंत्री रवजोत सिंह और मंत्री मोहिंदर भगत अन्य पार्टियों के पार्षदों को मनाने में जुटे हुए थे। अब आप को बहुमत मिल गई है।
सीएम मान और 3 मंत्री मिलकर भी बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाए
राज्य के सीएम सरदार भगवंत सिंह मान, पंजाब आप प्रमुख और कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और मंत्री मोहिंदर भगत ने शहर के हर हलके में प्रचार किया और शहर की जनता से कई वादे किए। लेकिन जब नतीजे आए तो स्थिति अलग थी।
सीएम मान, मंत्री अरोड़ा, ईटीओ और भगत मिलकर भी बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर पाए। जिसके चलते अब मेयर चुनने के लिए विपक्ष की जरूरत है। हालांकि मोहिंदर भगत अपने हलके में 10 सीटें जीतने में कामयाब रहे।