
जालंधर में वेस्ट में भी मुकाबला रोचक होता जा रहा है। आम आदमी पार्टी से छिटके डाक्टर शिव दयाल माली ने आज अपने समर्थकों के साथ भारतीय जनता पार्टी के अम्मीदवार मोहिंदर भगत का साथ देने का एलान किया। पहले संभावना यह जताई जा रही थी कि शायद डाक्टर माली इस बार आजाद प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरेंगे लेकिन उन्होंने एसा नहीं किया बल्कि किंग मेकर की भूमिका में आ गए हैं। यह भी बता दें कि डाक्टर माली हालांकि भाजपा में शामिल नहीं हुए हैं बल्कि उन्होंने पार्टी में शामिल हुए बगैर ही बाहर से अपने समर्थकों के साथ भगत का साथ देने की घोषणा की है।
पिछले विधानसभा चुनाव में जालंधर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र से डाक्टर शिव दयाल माली आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार थे। इस बार भी उन्हें पूरी उम्मीद थी कि आम आदमी पार्टी दोबारा फिर से उन पर अपना दांव लगाएगी। लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर शीतल अंगुराल को टिकट दे दिया। शीतल अंगुराल भाजपा छोड़ कर आम आदमी पार्टी में गए ही थे कि अगले ही दिन पार्टी ने उन्हें जालंधर वेस्ट से टिकट की घोषणा कर दी। इससे आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रत्याशी सकते में आ गए। उन्होंने अंगुराल को टिकटे का विरोध किया तो पार्टी ने झट से उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब उन्होंने पार्टी को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए भाजपा का साथ देने का एलान किया है।
आप में भाजपा से एक आया और दूसरा गया
आम आदमी पार्टी में भी अजीब स्थिति बन रही है। पार्टी यदि कोई दूसरे दल से आ रहा है तो अपने साथ छोड़कर जा रहे हैं। जालंधर में ही देख लिजिए। शीतल अंगुराल भारतीय जनता पार्टी को छोड़ कर आम आदमी पार्टी में गए तो आम आदमी पार्टी को क्षेत्र में खड़ा करने वाले पार्टी को छोड़कर चले गए। यही हाल जालंधर के सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र में हुआ। वहां पर भी पार्टी का टिकट न मिलने पर ढींडसा बिक्रम सिंह मजीठिया पास जाकर शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए। पार्टी अपना कैडर तो बना नहीं पाई है लेकिन जो थोड़ा बहुच बना भी था वह टिकटों की खिचखिच में टूट कर दूसरे दलों में चला गया है। हालांकि वेस्ट से आप के बागी डाक्टर शिव दयाल माली ने किसी पार्टी को जाइन नहीं किया है। लेकिन अब उनकी आप में वापसी की संभावनाएं नहीं है।





