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DSGMC Election: चुनाव हारने के बावजूद मनजिंदर सिंह सिरसा ही बनेंगे डीएसजीएमसी अध्यक्ष, सुखबीर सिंह बादल ने की घोषणा

डीएसजीएमसी के निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को हार का सामना करना पड़ा है। पंजाबी बाग वार्ड से उन्हें शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने पांच सौ से ज्यादा मतों से पराजित किया।

DSGMC Elections Result 2021 अपना चुनाव हारने के बाद भी निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ही दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष बनेंगे। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने की इसकी घोषणा की। सिरसा को सरना ने हराया है।

शिरोमणि अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ही होंगे। सिरसा चुनाव हार गए हैं लेकिन फिर भी वही डीएसजीएमसी के अध्यक्ष चुने जाएंगे। इससे पहले ऐसी अटकलें लग रही थी कि सिरसा के चुनाव हारने के बाद अकाली दल किसी अन्य नेता को डीएसजीएमसी का अध्यक्ष बनाएगी। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कोई और नहीं सिरसा ही दोबारा से इस पद पर काबिज होने जा रहे हैं। चुनाव में बहुमत मिलने के बाद पार्टी लगातार तीसरी बार डीएसजीएमसी की सत्ता पर काबिज होगी।

बता दें कि सुखबीर सिंह बादल नई दिल्ली सफदरजंग रोड स्थित आवास पर शिरोमणि अकाली दल के जीतने वाले प्रत्यशियों से मुलाकात की। इस मौके पर मनजिंदर सिंह सिरसा भी मौजूद रहे।

मनजिंदर सिंह सिरसा को दिग्गज सिख नेता हरविंदर सिंह सरना ने पंजाबी बाग वार्ड-9 से हराया। सिरसा को पांच सौ से ज्यादा वोटों से हार मिली। सिरसा को चुनाव हराने वाले हरविंदर सिंह सरना शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के महासचिव हैं।

शिरोमणि अकाली दल (बादल) को मिली 27 सीटें

मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट कर बताया कि उनकी पार्टी को डीएसजीएमसी चुनावों में 46 में से 27 सीटें मिली हैं जोकि बहुमत से ज्यादा है। सिरसा ने पार्टी की जीत पर सभी मतदाताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह जीत दिल्ली की संगत की जीत है। दिल्ली की संगत द्वारा शिरोमणि अकाली दल को दिए गए सम्मान के आगे हम सिर झुकाते हैं।

मनजिंदर सिंह सिरसा पर कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। उनके विरोधियों ने उनके खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था।

DSGMC Election: सियासत के धुरंधर खिलाड़ी हैं मनजिंदर सिंह सिरसा को मात देने वाले हरविंदर सिंह सरना

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) ने बहुमत हासिल कर लिया है। पार्टी तीसरी बार डीएसजीएमसी की सत्ता पर काबिज होगी। शिअद बादल को यह सफलता जरूर मिली लेकिन चुनाव में पार्टी का चेहरा व डीएसजीएमसी के निवर्तमान अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को हार का सामना करना पड़ा है। पंजाबी बाग वार्ड से उन्हें शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना) के महासचिव हरविंदर सिंह सरना ने पांच सौ से ज्यादा मतों से पराजित किया।

हरविंदर सिंह सरना दिल्ली की सिख राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं। डीएसजीएमसी के अध्यक्ष रहने के साथ ही वह श्रीपटना साहिब प्रबंधकीय बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इनके बड़े भाई परमजीत सिंह सरना भी डीएसजीएमसी के अध्यक्ष रह चुके हैं और पार्टी का नेतृत्व भी इन्हीं के हाथ में है।

पिछले चुनाव में वह खुद सिरसा के खिलाफ मैदान में थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। इस बार उन्होंने अपने छोटे भाई हरविंदर सिंह सरना को मैदान में उतारा। उनका यह दांव सही साबित हुआ और दिल्ली में शिअद बादल के सबसे बड़े नेता को पटखनी देने में सफल हुए। इनकी जीत से कमेटी में पार्टी की दमदार उपस्थिति हो सकेगी। इनके अनुभव से पार्टी सत्ता पक्ष को घेरने में सफल रहेगी।

उनका कहना है कि संगत व कार्यकर्ताओं की मदद से ही वह चुनाव जीत सके हैं। इसके अलावा मेरे बच्चों ने भी इसके लिए बहुत मेहनत की। पार्टी के अध्यक्ष परमजीत सरना ने चुनाव की पूरी रणनीति बनाई। पूरा प्रचार की कमान भी उन्होंने खुद संभाली और जीत दिलाने के लिए बहुत मेहनत की उनकी मेहनत रंग लाई है। करीब सवा पांच सौ वोट से जीत मिली है।

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