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चन्नी तक पहुंचेगी जांच की आंच:ईडी ने कहा, सीएम के नाम पर कमाए गए हैं 325 करोड़ , कोर्ट हनी का तीन रिमांड बढ़ाया

एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट के शिकंजे में फंसे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे की अपनी मुश्किलों को कम नहीं हो रहीं लेकिन उसने अपने मासड़ की मुसीबतें भी बढ़ा दी हैं। जिस तरीके से ईडी के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में हनी का रिमांड बढ़ाने के लिए तर्क रखे उससे साफ है कि अब ईडी की जांच की आंच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तक भी पहुंचने वाली है।

ईडी की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता लोकेश नारंग ने कहा कि खनन माफिया से अपने रिश्तेदार मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नाम का इस्तेमाल कर दस करोड़ कमाने वाले भूपिंदर सिंह हनी के आगे भी बहुत जगह तार जुड़े हुए हैं। इस मनी ट्रेल में और भी बहुत सारे लोग जुड़े हुए हैं। ईडी के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि यह मामला सिर्फ दस करोड़ का ही नहीं है। बल्कि ईडी की जांच में पता चलता है कि यह बहु करोड़ी मामला है। जांच में 325 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री का नाम इस्तेमाल करके कमाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच में अभी और भी कई कुछ पता चल सकता है। इसमें यह भी पता लगाना जरूरी है कि कौन-कौन से इस धन शोधन मामले में शामिल हैं। उनसे पूछताछ भी जरूरी है। उन्होंने ईडी की जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखते हुए भूपिंदर सिंह हनी का फिर से दस दिन का रिमांड मांगा।

बचाव पक्ष की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एपीएस दिओल ने ईडी की जांच रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ईडी के पास जांच के लिए कुछ भी नहीं बचा है। नाहक उनके मुव्वकिल को परेशान किया जा रहा है। लेकिन ईडी के वकील ने कहा कि पैसा खनन माफिया से लिया गया है और हनी ने माना भी है कि पैसा खनन विभाग में अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए लिया गय़ा था। अब जिन अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग हुई है उनसे जांच और पूछताछ भी जरूरी है।

कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला कुछ देर के लिए सुरक्षित रख लिया गया लेकिन दोबारा कोर्ट लगने पर ईडी के तर्कों से सहमत होते हुए हनी का मांग के अनुसार दस दिन का रिमांड तो नहीं दिया लेकिन तीन दिन रिमांड और बढ़ा दिया। भूपिंदर सिंह हनी को कोर्ट ने दस फरवरी तक ईडी की कस्टडी में रिमांड पर भेज दिया है।

बता दें कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह को ED ने तीन फरवरी को पहले पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन ईडी के सवालों के सही ढंग से जवाब ने देने पर एजेंसी ने देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया था। देर रात को ही करीब एक-डेढ़ बजे हनी का सिविल अस्पताल जालंधर में मेडिकल करवाया था।

अगले दिन चार फरवरी को ईडी ने हनी को जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया था और दस दिन का रिमांड मांगा था। जिस पर बहस के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए हनी का आठ फरवरी तक चार दिन का रिमांड दिया था।

ईडी का दावा- हनी ने माना खनन माफिया से लिए थे 10 करोड़

प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि चरणजीत सिंह चन्नी के भांजे भूपिंदर सिंह उर्फ हनी ने कस्टडी में पूछताछ के दौरान माना है कि उसने रेत माफिया से खनन अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग करवाने की एवज में 10 करोड़ रुपए नगद लिए थे।

ED ने पिछले कल बयान जारी कर कहा था कि हनी ने स्वीकार किया है कि उसे सीमावर्ती राज्य में रेत खनन कार्यों और अधिकारियों के स्थानांतरण या पोस्टिंग के बदले में 10 करोड़ रुपए नकद मिले हैं। केंद्रीय एजेंसी ने पंजाब में कथित रेत खनन कार्यों की मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत ही हनी को 3 फरवरी को जालंधर में हिरासत में लिया था।

घर से मिले थे 7.9 करोड़, 2 करोड़ बिजनेस पार्टनर के घर से मिले थे

ED की टीम ने 18 जनवरी को भूपिंदर सिंह और उसके साथ काम करने वाले लोगों के घरों में छापे मारे थे। केंद्रीय एजेंसी ने हनी के घर से करीब 7.9 करोड़ रुपए नकद और एक अन्य व्यक्ति संदीप कुमार से करीब 2 करोड़ रुपए नकद जब्त किए थे।

एजेंसी ने तलाशी के दौरान कुदरतदीप सिंह, हनी, हनी के पिता संतोख सिंह और संदीप कुमार के बयान दर्ज किए हैं। बयानों ने सभी ने माना है कि जब्त किए गए 10 करोड़ रुपए हनी के थे। ईडी का दावा है कि अब खुद भूपिंदर सिंह ने ही मान लिया है उसे रेत खनन कार्यों और अधिकारियों के स्थानांतरण-पोस्टिंग करवाने के बदले में नगद कैश मिला था।

पहले टालमटोल करता रहा बाद में माना

ईडी के अधिकारियों ने बताया कि जब 10 करोड़ कैश हनी और उसके दोस्त के घर से बरामद किया तो उसने कहा कि वह रेत का धंधा करता है और उसकी अपनी कंपनियां भी हैं, जिससे उसने धन कमाया है। फिर उसे समन भेज कर ईडी के जालंधर ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया गया। वहां पर जब उसके आगे सारे गोलमाल के सवाल रखे गए तो वह टालमटोल करने लगा।

उसकी गलत कमाई के जब सारे दस्तावेज उसके सामने रखे तो वह बातों को इधर-उधर घुमाने लगा, इससे ईडी का शक पक्का हो गया। इसके बाद 3 तारीख को ही हनी को ही गिरफ्तार किया गया। 4 फरवरी को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया। रिमांड के दूसरे दिन सख्ती करने पर उसने सारे राज खोल दिए।

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