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BJP का नारा ‘नवां पंजाब, भाजपा दे नाल’:शेखावत बोले – सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, कैप्टन का स्वागत; किसानों से बातचीत को सरकार तैयार

BJP ने पंजाब विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है। इसके लिए पार्टी ने ‘नवां पंजाब- भाजपा दे नाल’ (नया पंजाब, भाजपा के साथ) का नारा दिया है। चंडीगढ़ पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत की अगुवाई में भाजपा नेताओं ने इसका पोस्टर जारी किया। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह का स्वागत करने और आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए केंद्र सरकार के तैयार होने की बात कही। उन्होंने ये भी कहा कि किसान किसी दुराग्रह से प्रेरित न होकर बराबरी से बात करें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंजाब में भाजपा सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। अगले चुनाव में पंजाब में कमल खिला BJP इतिहास रचेगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह से समझौते पर शेखावत ने कहा कि जो भी उनकी विचारधारा के साथ है और उनके लक्ष्य पूरा करने में साथ है, वे बांहे फैलाकर उनका स्वागत करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने नए नारे का पोस्टर रिलीज किया।
केंद्रीय मंत्री ने नए नारे का पोस्टर रिलीज किया।

किसानों के कंधों पर रख बंदूक चलाई जा रही
किसान आंदोलन की चुनौती पर शेखावत ने कहा कि कुछ लोग निजी स्वार्थ और राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा के लिए किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर चला रहे हैं। किसानों के फायदे के लिए ही केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया। इसमें भूमि सुधार, उपज बढ़ने और उनकी आमदनी के अलग-अलग साधन बनने पर जोर दिया गया है।

इससे देश के अधिकतर किसान खुश हैं। फिर भी वे नहीं चाहते कि एक भी अन्नदाता नाराज हो। इसलिए केंद्र सरकार के बातचीत के दरवाजे खुले हैं। केंद्र सरकार भी चाहती है कि इसका जल्दी हल निकले। पंजाब में किसान आंदोलन की चुनौती पर उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि किसान अपने हित की बात को समझेंगे।

नशा, माफिया राज और भ्रष्टाचार खत्म करेंगे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंजाब में फैले ड्रग्स, माफिया राज और भ्रष्टाचार को भाजपा ही खत्म करेगी। पंजाब के लोग अब कलह में फंसकर टुकड़ों में बिखरी कांग्रेस पर भरोसा नहीं करेंगे। वहीं, अकाली दल और आम आदमी पार्टी से भी पंजाब के लोग निराश हैं। इसलिए अब भाजपा पूरी तरह से नशा, भ्रष्टाचार और माफिया मुक्त पंजाब बनाएगी।

भाजपा की मीटिंग में मौजूद लोग।
भाजपा की मीटिंग में मौजूद लोग।

BSF मुद्दे पर हो रही राजनीति
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि BSF के अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के मुद्दे पर राजनीति हो रही है। उन्होंने कहा कि अब आतंकी नई तकनीक से ड्रोन के जरिए हथियार और नशा भेज रहे हैं। पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी यह बात कही। इसलिए BSF को यह अधिकार दिया गया। जो लोग कह रहे हैं कि 50 किमी से राज्य में हस्तक्षेप होगा, वो बताएं कि पहले 15 किलोमीटर के अधिकार से क्या कोई हस्तक्षेप होता था।

पंजाब और पंजाबियों के लिए किए काम गिनाए
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि 1984 में हुए दंगों के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाकर मोदी सरकार ने इसे पूरे अंजाम तक पहुंचाया। करतारपुर साहिब कॉरिडोर भी मोदी सरकार की वजह से खुल सका। 1984 से 2014 तक काली सूची में डाले पंजाबियों को पीएम नरेंद्र मोदी ने हटवाया। लंगर पर GST खत्म की और बठिंडा में एम्स और अमृतसर में IIM दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से काम हैं, जो पीएम मोदी ने पंजाब और पंजाबियों के लिए किए हैं।

अनुसूचित जाति के CM पर कुछ नहीं बोले
भाजपा ने पहले कहा था कि पंजाब में उनकी सरकार बनी तो मुख्यमंत्री किसी अनुसूचित जाति के नेता को बनाएंगे। इस पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करता है। उनके पास इस बारे में बोलने का अधिकार नहीं है।

अरूसा को बताया निजी मामला
केंद्रीय मंत्री ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की पाकिस्तानी मित्र अरूसा आलम को लेकर मचे सियासी घमासान पर कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत मामला है। वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते।

केंद्रीय मंत्री ने पंजाब भाजपा के नेताओं के साथ मीटिंग भी की।
केंद्रीय मंत्री ने पंजाब भाजपा के नेताओं के साथ मीटिंग भी की।

रात से लेकर दोपहर तक चला मंथन
पंजाब में चुनावी तैयारियों को लेकर पंजाब प्रभारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत, सह प्रभारी हरदीप पुरी और मीनाक्षी लेखी बुधवार शाम को ही चंडीगढ़ पहुंच गए। उनके साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह, सह प्रभारी सांसद विनोद चावड़ा भी थे।

राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब प्रभारी दुष्यंत गौतम, तरूण चुघ, डॉ. नरेंद्र सिंह रैना, प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा और वरिष्ठ नेता विजय सांपला के अलावा राज्य से लेकर जिला स्तर के नेताओं से मीटिंग की गई। इसके बाद कोर कमेटी की भी मीटिंग की जा रही है।

अकाली दल से अलग होकर पहली बार लड़ेगी भाजपा
पंजाब में इस बार भाजपा अकाली दल से अलग होकर चुनाव लड़ रही है। कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन के मुद्दे पर अकाली दल ने गठजोड़ तोड़ दिया था। पंजाब के भीतर भाजपा को किसानों का उग्र विरोध झेलना पड़ रहा है। उनके एक विधायक के कपड़े फाड़े जा चुके हैं तो कई वरिष्ठ नेताओं को किसानों ने बंधक तक बना लिया था। ऐसे चुनौतीपूर्ण हालात में भाजपा में चुनाव को लेकर बड़ा मंथन किया जा रहा है।

भाजपा को पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ आने की उम्मीद है।
भाजपा को पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ आने की उम्मीद है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह का मिलेगा सहारा
भाजपा के लिए बड़ा दांव कैप्टन अमरिंदर सिंह का चेहरा है। कांग्रेस ने सीएम की कुर्सी से हटाया तो अमरिंदर नई पार्टी बना रहे हैं। वह पहले भी कह चुके हैं कि वे किसान आंदोलन को हल करवा BJP से सीट शेयरिंग करेंगे।

अमरिंदर की नहीं हुई शाह से मुलाकात:गृहमंत्री के गुजरात दौरे के चलते टली मीटिंग; किसान आंदोलन पर होनी थी चर्चा

पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात टल गई है। शाह को गुजरात दौरे पर जाना है। वहां उन्हें 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह की अगुवाई करनी है। इस वजह से गुरुवार शाम को होने वाली मुलाकात टाल दी गई। इसके लिए अब अगले किसी दिन का वक्त तय किया जा सकता है।

शाह से मिलने के लिए कैप्टन बुधवार रात को ही दिल्ली पहुंच गए थे। अमरिंदर के साथ कृषि क्षेत्र के 25 एक्सपर्ट भी शामिल होने थे। शाह के साथ अमरिंदर ने विवादित कृषि सुधार कानूनों पर चर्चा करनी थी ताकि इसका हल निकाला जा सके।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि उनके पास फिलहाल किसान आंदोलन खत्म करने का कोई फॉर्मूला नहीं है। वे गृह मंत्री शाह से बात करेंगे। बातचीत के दौरान ही कोई रास्ता निकल सकता है। अमरिंदर ने यह भी साफ किया कि कृषि क्षेत्र के एक्सपर्ट का जो डेलिगेशन है, वह नॉन पॉलिटिकल है। हालांकि अभी उनकी संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से कोई बात नहीं हुई है। यह मोर्चा ही दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।

शाह से मुलाकात को लेकर कैप्टन का ट्वीट
शाह से मुलाकात को लेकर कैप्टन का ट्वीट

बैक चैनल से बातचीत का भी दावा
कैप्टन अमरिंदर ने यह भी खुलासा किया कि केंद्र सरकार आंदोलन कर रहे किसानों के संपर्क में है। प्रत्यक्ष तौर पर भले ही कम मीटिंग हुई हों, लेकिन बैक चैनल से बातचीत जारी है। इसके जरिए कृषि सुधार कानून और किसान आंदोलन का हल निकालने पर चर्चा हो रही है।

किसान आंदोलन हल करवाकर पार्टी की लॉन्चिंग
कैप्टन अमरिंदर के रुख से साफ है कि किसान आंदोलन हल होने के बाद ही उनकी नई पार्टी लॉन्च होगी। उन्होंने पार्टी का नाम बताने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि अभी चुनाव आयोग से मंजूरी मिलनी बाकी है। कैप्टन इसे सस्पेंस ही रखना चाहते हैं ताकि पंजाब विधानसभा चुनाव की घोषणा होने तक उनके सियासी दांव को लेकर उत्सुकता बनी रहे।

यह पहले ही स्पष्ट था कि कैप्टन की नई पारी की बुनियाद किसान आंदोलन खत्म होने के बाद ही खड़ी होगी। कैप्टन पहले भी किसानों के मुद्दे पर सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर को लेकर स्टैंड ले चुके हैं।

पंजाब सरकार के मंत्री भारत भूषण आशु ने कैप्टन पर हमला बोलते हुए कहा कि CM रहते हुए दिल्ली क्यों नहीं गए।
पंजाब सरकार के मंत्री भारत भूषण आशु ने कैप्टन पर हमला बोलते हुए कहा कि CM रहते हुए दिल्ली क्यों नहीं गए।

कांग्रेसियों का हमला, CM रहते क्यों नहीं गए
कैप्टन के रुख को देखते हुए कांग्रेसियों ने भी हमले शुरू कर दिए हैं। पंजाब के फूड एवं सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि कैप्टन ने इतना इंतजार क्यों किया। वह सीएम रहते क्यों कृषि कानून रद्द करवाने के लिए दिल्ली नहीं गए। उन्हें कौन रोक रहा था। तब अगर इसका हल निकलवा देते तो उन्हें CM की कुर्सी से हटने की जरूरत नहीं पड़ती।

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