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Punjab Election: पंजाब में त्रिशंकु विधानसभा के आसार! आप सबसे बड़ी पार्टी, कांग्रेस के हाथ से छूट सकती है सत्ता

सर्वे में पंजाब में खत्म हो सकता है कांग्रेस का शासन सर्वे में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है आम आदमी पार्टी, कांग्रेस को नुकसान अमरिंदर से गठबंधन का अभी दिख नहीं रहा भाजपा को फायदा

पंजाब विधानसभा चुनाव में लोग त्रिशंकु विधानसभा चुनने जा रहे हैं।पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर अभी तमाम पार्टियां मशक्कत करती दिख रही हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं। वहां पार्टी का एजेंडा फिट करने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें आम आदमी पार्टी काफी हद तक सफल होती भी दिख रही है।पंजाब की 117 सीटों पर लोगों के रुझान लिए गए। इसमें पाया गया कि इस बार लोगों की पहली पसंद आम आदमी पार्टी बनने वाली है। पार्टी को 53 से 57 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी को 41 से 45 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है। कांग्रेस प्रदेश में अंदरूनी विवाद में घिरी हुई है। प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बीच विवाद गहराया हुआ है। इसके बाद भी आम जनता के बीच पार्टी बनी हुई है। शिरोमणि अकाली दल और बसपा गठबंधन को 14 से 17 सीट आने का अनुमान है। वहीं, भाजपा गठबंधन को एक से तीन सीटों पर और अन्य दलों को एक से तीन सीटों पर जीत मिलती दिख रही है।

माझा क्षेत्र में कांग्रेस को बढ़त
पंजाब का माझा क्षेत्र कैप्टन अमरिंदर सिंह के दबदबे वाला इलाका रहा है। हालांकि, इस इलाके में अभी भी कांग्रेस अपनी बढ़त बनाए हुए हैं। 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में इस क्षेत्र से 25 सीटें आती हैं।  इस क्षेत्र में कांग्रेस को 11 से 13 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी यहां नेक टू नेक फाइट में है। आप को यहां पर 9 से 11 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है। वहीं, यहां पर भाजपा और कैप्टन अमरिंदर सिंह गठबंधन को शून्य से 1 सीट पर जीत मिलती दिख रही है। अकाली दल को एक से दो और अन्य को शून्य से एक सीट यहां पर मिल सकती है।

माझा में कांग्रेस को 36.48 फीसदी और आप को 35.9 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है। वहीं, अकाली दल के खाते में 19.01 फीसदी, भाजपा गठबंधन को 6.38 फीसदी और अन्य को 2.23 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं।

दोआब रीजन में भी कांग्रेस मजबूत
दोआब रीजन में भी कांग्रेस की पकड़ अभी मजबूत बनी हुई दिख रही है। इस इलाके की 23 सीटों में से 14 से 15 सीटें कांग्रेस के पाले में जाती दिख रही हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी को 6 से 7 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है। अकाली दल को इस इलाके में एक से दो, भाजपा को शून्य से एक और अन्य को शून्य से एक सीटों पर जीत मिलने की उम्मीद है। वोट प्रतिशत की बात करें तो इस क्षेत्र में कांग्रेस को 35.82 फीसदी और आप को 33.87 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं। अकाली को 19.92 फीसदी, भाजपा को 6.82 फीसदी और अन्य को 3.57 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।

मालवा रीजन में आप को बड़ी बढ़त
मालवा रीजन में सबसे अधिक 69 सीटें आती हैं। इस क्षेत्र में आम आदमी पार्टी को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है। इस क्षेत्र की 38 से 39 सीटों पर आप को बढ़त मिलती दिख रही है। वहीं, कांग्रेस के खाते में 15 से 16 सीटें आती दिख रही हैं। सर्वे में अकाली को 12 से 13 सीटों पर जीत मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं, भाजपा को एक और अन्य के खाते में एक सीटें जाती दिख रही हैं।

मालवा में आम आदमी पार्टी को 41.01 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है। यहां पर दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस को 31.48 फीसदी वोट मिलने के आसार हैं। अकाली के पक्ष में 20.58 फीसी, भाजपा को 3.2 फीसदी और अन्य को 3.73 फीसदी वोट मिल सकता है।

किसान आंदोलन का मु्द्दा हो रहा गायब
पंजाब के चुनावी मैदान से किसान आंदोलन का मुद्दा गायब हो रहा है। यह तीसरे नंबर चला गया है। स्वास्थ्य सेवा का मुद्दा अभी सबसे ऊपर है। इसी पर आम आदमी पार्टी फोकस भी कर रही है। 28.25 फीसदी लोगों का मानना है कि प्रदेश चुनाव में स्वास्थ्य सेवा का मुद्दा सबसे बड़ा है। वहीं, 22.55 फीसदी लोग ड्रग्स और तस्करी को बड़ा मुद्दा मान रहे हैं। किसान आंदोलन को 18.18 फीसदी लोग बड़ा मुद्दा मानते हैं। वहीं, 13.12 फीसदी लोगों के लिए महंगाई बड़ा मुद्दा है। रोजगार को 17.9 फीसदी लोग बड़ा मुद्दा मानकर चल रहे हैं।

  1. चन्नी प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के सबसे पसंदीदा उम्मीदवार
    भले ही चुनावी सर्वे में कांग्रेस अपनी सत्ता गंवाती दिख रही है, लेकिन मुख्यमंत्री पद का सबसे बड़ा चेहरा अभी भी कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी बने हुए हैं। 28.95 फीसदी लोगों का मानना है कि वे बेहतर नेतृत्व प्रदेश को दे सकते हैं। वहीं, भगवंत मान को 22.51 फीसदी लोग मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। वहीं, 18.24 फीसदी लोगों की पसंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। नवजोत सिंह सिद्धू को महज 4.92 फीसदी लोग ही मुख्यमंत्री बनता देखना चाहते हैं। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह को दोबारा मुख्यमंत्री पद पर बैठाने की ख्वाइश 2.87 फीसदी लोगों में है। अन्य कोई मुख्यमंत्री बने, यह चाहत 9.47 फीसदी लोगों की है।

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