Techअमृतसरकपूरथला / फगवाड़ागुरदासपुरचंडीगढ़जम्मू-कश्मीरजालंधरपंजाबपटियालाफिरोज़पुरराष्ट्रीयलुधियानाहरियाणाहिमाचलहोशियारपुर

पंजाब में बिजली संकट गहराया:थर्मल प्लांटों के पास 2 से 5 दिन का कोयला बचा; 5 यूनिटों में उत्पादन बंद; रविवार को 8 घंटे का कट संभव

कोयले की कमी से पंजाब में बिजली संकट गहरा गया है। 3 थर्मल प्लांट की 5 यूनिट बंद हो चुकी हैं। थर्मल प्लांटों में 2 से 5 दिन का कोयला बचा हुआ है। शनिवार को दोपहर बाद 6-6 घंटे के कट लगे। रविवार को 8-8 घंटे तक के कट लगाने की तैयारी है। अगर जल्द कोयले की आपूर्ति न हुई तो पंजाब में ब्लैक आउट हो सकता है। चिंताजनक बात यह है कि दशहरे तक यही स्थिति रह सकती है। ऐसे में फेस्टिवल सीजन में लोगों की मुश्किल बढ़ सकती है।

कोयले की कमी से थर्मल प्लांटों की यूनिट बंद होनी शुरू हो गई हैं। हालांकि मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने केंद्र से जल्द आपूर्ति करने की मांग की है। बावजूद इसके जल्द हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे। माना जा रहा है कि पंजाब में सीएम चेहरा बदलने के चक्कर में सरकार से लेकर अफसरशाही तक इतनी व्यस्त रही कि बिजली संकट की तरफ किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। जिसकी वजह से अब हालात बेकाबू हो सकते हैं।

आधे से 2 दिन का ही स्टॉक बचा

पावरकॉम के सीएमडी ऑफिस से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी सूचना के मुताबिक, थर्मल प्लांटों में कोयले की उपलब्धता बहुत कम है। तलवंडी साबो थर्मल प्लांट के पास डेढ़ दिन, रोपड़ और लेहरा मुहब्बत के पास 4 और 5 दिन का स्टॉक है। गोइंदवाल यानी जीवीके थर्मल प्लांट के पास तो आधे दिन का ही कोयला है। वहीं राजपुरा थर्मल प्लांट के पास 2 दिन का कोयला है।

थर्मल प्लांटों की यूनिट बंद होने लगीं

ताजा जानकारी के मुताबिक, कोयले की कमी से तलवंडी साबो थर्मल प्लांट की 5 में से 2 यूनिट बंद हो गई हैं। इसी तरह रोपड़ थर्मल प्लांट की भी 2 और लेहरा मुहब्बत थर्मल प्लांट की एक यूनिट को बंद कर दिया गया है। इससे बिजली उत्पादन में भारी गिरावट आई है।

बिजली संकट को देखते हुए पावरकॉम ने लोगों के लिए अपील जारी की है।
बिजली संकट को देखते हुए पावरकॉम ने लोगों के लिए अपील जारी की है।

मांग से 37% फीसदी बिजली की कमी

पंजाब में सरकारी और प्राइवेट थर्मल प्लांटों में 8 हजार मेगावाट की जरूरत के हिसाब से 37% कम बिजली पैदा हुई। पंजाब में इस वक्त बिजली की मांग करीब 8 हजार मेगावाट है। इसके मुकाबले शनिवार को सिर्फ 3,784 मेगावाट ही बिजली पैदा हुई। हालात संभालने के लिए पावरकॉम ने करीब 3,200 यूनिट बिजली बाहर से खरीदी।

क्यों आई कमी?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल-मई महीने में कोरोना की वजह से कोयला खदानों का रखरखाव ढंग से नहीं हो सका। इसके अलावा मानसून से पहले कोयला निकालने की तैयारियां भी नहीं हो पाई। अब कोरोना के हालात ठीक होने के बाद इंडस्ट्री भी चल पड़ी हैं। ऐसे में बिजली की मांग एकदम बढ़ गई। सितंबर महीने में बारिश के बाद खदानों में पानी भर गया, जिसकी वजह से अब कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

2-3 दिन में कोयला मिलने की उम्मीद

पावरकॉम के सीएमडी ए. वेणुप्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी केंद्र सरकार से बात कर रहे हैं। 2-3 दिन में कोयले की आपूर्ति की उम्मीद है। यह भी पता चला है कि पंजाब के लिए कोयले के कुछ रैक रास्ते में हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page