
हिमाचल में बर्फ और भरपूर बारिश के कारण इस बार सेब की बंपर फसल हुई है। मंडियों में पिछले साल के मुताबिक इस साल सेब के ट्रक भी अधिक आ रहे हैं। बंपर फसल के कारण इस बार सेब का रेट पिछले साल के मुकाबले 10 रुपए प्रति किलो कम है। लैंड स्लाइड व बरसात के कारण जहां कुछ दिन रास्ते बंद रहे, लेकिन उससे सेब के दाम पर कोई असर नहीं पड़ा।
इस साल सेब का साइज भी छोटा आ रहा है और सेब मीठा है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र में 2 से 3 रुपए किलो में बिकने वाला टमाटर मकसूदां मंडी में 20 से 25 रुपए परचून में बिक रहा है। महाराष्ट्र में किसानों को अच्छा भाव न मिलने के कारण किसान टमाटर सड़कों पर ही फेंक रहे हैं। इसका मुख्य कारण नासिक व महाराष्ट्र में टमाटर की बंपर फसल होना है। मकसूदां मंडी में हिमाचल और नासिक का टमाटर भरपूर मात्रा में उपलब्ध है।
डैमेज दर कम होने से व्यापारियों को भी नहीं हुआ कोई नुकसान
फ्रूट मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान इंद्रजीत सिंह नागरा ने बताया कि इस साल सेब की बंपर फसल हुई है। डैमेज रेशो भी महज पांच फीसदी ही रही है। मकसूदां मंडी के सेब की आमद ज्यादा है, जिस कारण दाम पिछले साल के मुकाबले कम हैं। हर रोज 25 से 30 गाड़ियां मंडी में पहुंच रही हैं। यहां तक कि यहां आने वाले ट्रक दूसरे जिलों में भेजे जा रहे हैं।
त्योहारी सीजन के कारण सेब की डिमांड भी है। मंडी में 35 रुपए प्रति किलो तो मार्केट में 60 रुपए प्रति किलो की दर से सेब बिक रहा है। हालांकि क्वालिटी के हिसाब से कई सेब में रेट थोड़ा ज्यादा भी है।दूसरी तरफ आढ़ती रवि शंकर गुप्ता ने बताया कि मकसूदां मंडी में नासिक के टमाटर को अच्छा भाव मिल रहा है। होलसेल में 10 से 15 तो रिटेल में 20 से 25 रुपए में बिक रहा है। टमाटर की फसल की आमद भी मंडियों मे काफी ज्यादा है। टमाटर के भाव महाराष्ट्र के हिसाब से नहीं गिरे। इस साल नासिक में बंपर फसल हुई है। मकसूदां मंडी में हिमाचल और नासिक से टमाटर पहुंच रहा है।



