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रजिस्ट्री करवाने के दौरान एनओसी की अनिवार्यता के बाद अब लोग करवाने लगे पाॅवरआफ अटार्नी…

पावर आफ अटार्नी से सरकार को हो रहा रेवेन्यू का नुकसान

JALANDHAR – राज्य में प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाने के दौरान एनओसी की अनिवार्यता की गई है। इससे अब बिना एनओसी के प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाना आसान नहीं रहा है। इस बीच प्रापर्टी करवाने को लेकर पहले से बयाना कर चुके लोगों के लिए वसीका नवीसों ने बीच का रास्ता निकाल लिया है। वे प्रापर्टी की रजिस्ट्री करने के बजाय पावर आफ अटार्नी रजिस्टर करवा रहे हैं। इसके साथ ही फुल पेमेंट एग्रीमेंट भी करवाया जा रहा है। दरअसल, एनओसी की अनिवार्यता करने के साथ ही जिले की एक हजार से अधिक अवैध कालोनियों पर तलवार लटक गई है। इन कालोनियों में प्लाट या फिर घर खरीदना और बेचना टेढ़ी खीर बन गया है। आलम यह है कि बिना एनओसी के नई प्रापर्टी खरीदना या बेचना तो दूर की बात है पहले से किए गए बयाने पर भी प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाना संभव नहीं रहा है। मामला हाई कोर्ट से जुड़ा होने के चलते कोई भी अधिकारी इसमें रिस्क नहीं लेना चाहता। यही कारण है कि पिछले चार दिनों से तहसील कांप्लेक्स पहुंच रहे लोग बिना रजिस्ट्री करवाए ही बैरंग लौट रहे।

इसलिए करवा रहे फुल पेमेंट एग्रीमेंट

नियमों के मुताबिक दूसरे के नाम पर प्रापर्टी की पावर आफ अटार्नी करने के बाद भी मालिक के पास इसे रद करने का अधिकार रहता है। ऐसे में वसीका नवीसों ने बीच का रास्ता निकालते हुए पावर आफ अटार्नी के साथ एक फुल पेमेंट एग्रीमेंट करवाया जा रहा है। इससे पावर आफ अटार्नी रद करवाने वाले को फुल पेमेंट एग्रीमेंट के मुताबिक पैसे भी लौटने पड़ेंगे। खास बात यह है कि पावर आफ अटार्नी करवाते समय एनओसी की जरूरत नहीं होती।

पावर आफ अटार्नी से सरकार को हो रहा रेवेन्यू का नुकसान

इन दिनों प्रापर्टी की पावर आफ अटार्नी का चलन चल पड़ा है। इससे सरकार को रोजाना करोड़ों रुपये का रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है। जिस प्रापर्टी की रजिस्ट्री पर हजारों रुपये के अष्टाम व सरकारी फीस सहित कई तरह के खर्च अदा करने पड़ते थे, वहां पर केवल छह से लेकर आठ हजार के बीच खर्च करके पावर आफ अटार्नी करवाई जा रही है।

तहसील में आधा रह गया काम

सब रजिस्ट्रार-दो प्रवीण कुमार सिगला बताते हैं कि पावर आफ अटार्नी करवाने के लिए एनओसी की जरूरत नहीं है। इसके चलते लोगों का रुझान इस तरफ बढ़ा है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री के दौरान एनओसी की अनिवार्यता के चलते सामान्य दिनों से आधे से भी कम लोग प्रापर्टी की रजिस्ट्री करवाने पहुंच रहे हैं।

रियल एस्टेट विशेषज्ञ बोले, यह है समाधान

रियल एस्टेट विशेषज्ञ हरपाल सिंह बताते हैं कि अगर सरकार हर तरह की रजिस्ट्री पर एक प्रतिशत एनओसी चार्ज लगा दे तो इस समस्या का समाधान आसानी से निकल सकता है। इससे सरकार को रेवेन्यू का लाभ तो होगा ही काम भी सामान्य रूप से चलता रहेगा। इसके अलावा जितनी बार प्रापर्टी की दोबारा बिक्री होगी, सरकार को उतनी बार ही रेवेन्यू का लाभ प्राप्त होगा।

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