
जालंधर : परगट सिंह मंत्री बनने के बाद जालंधर की सियासत में नया पावर सेंटर बन गए हैं। हालांकि बैलेंस के लिए कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत सिंह को भी चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया है। राणा बेशक कपूरथला से हैं, लेकिन जालंधर की सियासत में हमेशा से अंदरखाते सक्रिय रहे हैं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में साढ़े चार साल के इंतजार के बाद परगट सिंह के रूप में जालंधर का प्रतिनिधित्व सरकार में हो गया है, लेकिन कहीं परगट के लिए यही गले की हड्डी न बन जाए।
छह महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे करीब तीन महीने पहले चुनाव अचार संहिता लागू हो जाएगा। इन हालात में परगट के पास कुछ भी करने के लिए केवल तीन महीने का ही समय बचा है। विकास की राह देख रहे कैंट हलके लोगों को परगट के मंत्री बनने के बाद थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन कहीं यह राहत केवल वादों में सिमट कर न रह जाए। अभी तक परगट के पास इस बात का बहाना था कि वह पावर में नहीं हैं, जब पावर में होंगे तो विकास कार्यो की झड़ी लगा देंगे। अब उनके पास यह कहने का कोई मौका नहीं बचा है। नतीजतन उन्हें लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना ही पड़ेगा।
जालंधर की सियासत में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हमेशा तीन से चार मंत्री कैबिनेट में रहते थे। इस बार परगट को कैबिनेट में जगह मिली है। कैप्टन के करीबी विधायकों में सुशील रिकू, लाडी शेरोवालिया व राजिदर बेरी को अब तमाम कामों के लिए परगट के दरबार में जाना ही पड़ेगा। एक दौर वह भी था जब परगट सिंह तमाम कामों को लेकर नगर निगम के दफ्तर में जाते थे तो उनकी सुनवाई नहीं होती थी। अब मेयर को भी शहर के विकास कार्यो के लिए परगट का सहारा लेना पड़ेगा। नतीजतन किस्मत व मेहनत से मिले इस मौके को अगर परगट सिंह कैश करवा कर लोगों की उम्मीदों को पूरा कर देते हैं तो आने वाले समय में जालंधर की सियासत में उनके पैर और मजबूत होने तय हैं।
सियासत:परगट सिंह के मंत्री बनते ही निगम में हलचल, एससी नेता को जिला प्रधान बनाने के लिए सीएम के पास जाएंगे लीडर
केपी चंडीगढ़ में, आदमपुर में चुनाव न लड़ने के संकेतों से वेस्ट और करतारपुर हलकों में सरगर्मियां
कांग्रेस में सत्ता बदलते ही जालंधर में सत्तासीन पार्टी की राजनीति कई एंगिल से हरकत में आ गई है। सबसे बड़ी पहली हलचल यह है कि मेयर जगदीश राज राजा की गवर्नेस को हमेशा कमजोर कहने वाले परगट सिंह मंत्री बने हैं। वे लगातार मेयर जगदीश राज राजा की गवर्नेस को कमजोर बता रहे थे।ऐसे में अब उनका निगम के कामकाज में दखल तेज होगा। दूसरी हलचल मोहिंदर सिंह केपी को लेकर है। वे लंबे समय से सिटी की राजनीतिक में फोकस होकर सक्रिय नहीं थे, अब उनके आदमपुर विधानसभा हलके से दूसरी जगह से लड़ने के संकेत हैं।
मंत्री बने परगट की फैमिली चंडीगढ़ में, घर में पिता को मिली बधाई
विधायक परगट सिंह के कैबिनेट का हिस्सा बनते ही सीनियर लीडर उनके साथ चंडीगढ़ में ही रहे। घर में उनके पिता गुरदेव सिंह और माता नसीब कौर थे। उन्हें बेटे के मंत्री बनने की खबर नजदीकी कांग्रेसी वर्कर्स ने दी। एससी विंग के कांग्रेस लीडर अगले हफ्ते सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से मिलकर एससी जिला प्रधान बनाने की बात रखेंगे।
जगदीश समराय और साथी सीएम चरणजीत सिंह को देंगे मांग-पत्र
अगले हफ्ते कौंसलर एवं पंजाब सीड काॅर्पोरेशन कोे डायरेक्टर जगदीश समराय साथियों सहित सीएम चरणजीत सिंह चन्नी को मिलने जा रहे हैं। वे उनके सामने मामला रखेंगे कि जालंधर की कांग्रेस कमेटी में शहरी प्रधानगी एससी लीडरशिप में से दी जाए। उधर, मोहिंदर सिंह केपी इस बार वेस्ट पर फोकस कर रहे हैं। केपी के लिए चुनौती यह है कि वे कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद आदमपुर हलके में ही केंद्रित रहे थे।




