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Punjab New CM: चरणजीत सिंह चन्नी के जरिए कांग्रेस ने पंजाब में खेला दलित कार्ड!

कांग्रेस की पंजाब इकाई के वरिष्ठ नेता चरणजीत सिंह चन्नी को रविवार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना गया और अब वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने  ट्वीट कर बताया कि चन्नी को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया। चन्नी दलित सिख समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। । इसी के साथ पंजाब को पहला दलित मुख्यमंत्री मिल गया है।

पंजाब की राजनीति पर नजर रखने वाले जानकार मानते हैं कि चरणजीत के जरिए कांग्रेस ने चुनावों से पहले दलित कार्ड फेंका है। कैप्टन की सरकार में रहने के साथ साथ उनके पास विपक्ष में रहने का भी अनुभव है।राज्य में दलितों की करीब 20 फीसदी आबादी है, पिछले चुनावों में यह वोटबैंक बिखरा हुआ नजर आया था। ऐसे में इसे कांग्रेस की दलितों के बिखरे हुए वोटों को एकजुट करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है। कुछ देर पहले तक सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम आगे चल रहा था, लेकिन आखिरी मौके पर चन्नी के नाम का ऐलान किया गया। बताते चलें कि चरणजीत सिंह चन्नी को कैप्टन अमरिंदर सिंह का धुर विरोधी नेता माना जाता है।

सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम थी सीएम रेस में सबसे आगे
इससे पहले, राज्य के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चलने की चर्चा थी, हालांकि ऐन मौके पर कांग्रेस आलाकमान ने चन्नी के नाम पर मुहर लगाई। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी के नाम की जोरदार पैरवी की और फिर राहुल गांधी ने दिल्ली में लंबी मंत्रणा के बाद चन्नी के नाम को मंजूरी दी। चन्नी दलित सिख समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। 

कैप्टन अमरिन्दर ने दिया था इस्तीफा
आपको बतां दे कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ खींचतान के बीच शनिवार को इस्तीफा दे दिया था। चंडीगढ़ में राजभवन से बाहर निकल कर उन्होंने कहा , ‘‘मैंने आज सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को कह दिया था कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं। पिछले दो महीने में मुझे जिस तरह बार-बार तलब किया गया, वह मेरे लिए अपमानजनक था। ” उन्होंने कहा कि वह अपने भविष्य की राजनीति का फैसला अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करके जल्द ही करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ भविष्य की मेरी राजनीति क्या होगी, यह मैं अपने साथियों से विचार-विमर्श करके करूंगा।” उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अपने विकल्पों का उपयोग करूंगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या अब वह भारतीय जनता पार्टी में जा सकते हैं, उन्होंने कहा, ‘‘ आप कुछ भी कहते रहें, मैं कांग्रेस में हूं, 52 वर्षों की मेरी राजनीति है, मैं साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री रहा हूं, अपने समर्थकों के साथ विचार-विमर्श करके आगे का फैसला करूंगा।” 

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