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सबसे बड़े त्योहार दीपावली पर 10 दिन तक बंद रहेगी एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी, विरोध में उतरे किसान, क्योंकि…!

Onion Price: देश का 40 फीसदी प्याज महाराष्ट्र में पैदा होता है. जबकि महाराष्ट्र के कुल प्याज उत्पादन में लगभग 50 फीसदी की हिस्सेदारी नासिक जिले की होती है. यहीं पर मंडियां सबसे ज्यादा वक्त तक बंद रहेंगी.

नासिक जिले के लासलगांव स्थित एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी को उसके प्रबंधन ने 10 दिन के लिए बंद कर दिया है. अब यहां 9 नवंबर मंगलवार को नीलामी शुरू होगी. इससे किसानों में गुस्सा है. उन्हें इससे काफी नुकसान होगा. क्योंकि तब तक प्याज की नई फसल बाजार में आनी शुरू हो जाएगी. महाराष्ट्र कांदा संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि  दीपावली में लेबर नहीं मिल रही है इसका बहाना बनाकर अगर ऐसा किया गया है तो वो लोग मंडियों में जाकर चेक करेंगे कि व्यापारी क्या कर रहे हैं.

संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि देश के सबसे बड़े त्योहार पर देश की सबसे  बड़ी प्याज मंडी को बंद करके सरकार ने ठीक नहीं किया है. कायदे से इतने दिन तक मंडी को बंद नहीं किया जा सकता. मंडी प्रबंधन यह सब व्यापारियों के दबाव में कर रहा है. लासलगांव मंडी में रोजाना औसतन लगभग 15000 हजार क्विंटल प्याज की आवक होती है. मंडी बंद होने से दाम में भी उतार-चढ़ाव हो सकता है.

तीन दिन से अधिक नहीं बंद रखनी चाहिए मंडी

उधर, विपणन अधिकारियों का कहना है कि दिवाली पर बाजार समितियां तीन दिन तक बंद रहती हैं. उससे ज्यादा दिन तक मंडिया नही बंद रखना चाहिए. लेकिन नासिक में शानिवार से ही जिले के  सभी बाजार समितियां बंद कर दी गई हैं. यानी इन मार्केट कमेटियों में कोई लेन-देन नहीं होगा. किसानों को उम्मीद थी कि सोमवार से मंडी समितियां बंद रहेंगी लेकिन शुक्रवार की रात ट्रेड यूनियन के अचानक लिए गए फैसले ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. प्याज का जो पुराना स्टॉक है वो कैसे बिकेगा.

जब देश में सभी मंडियां खुली थीं तब भी कारोना की वजह से नासिक की मंडियों में ताला लगा दिया गया था. किसानों को लाखों का नुकसान हुआ था. सिर्फ नासिक जिले की मंडियां ही नहीं लातूर और अकोला बाजार समितियां भी सोमवार से बंद रहेंगी.

प्याज उत्पादकों की उम्मीदों पर फिरा पानी

दीपावली के चलते किसान मंडियों में खूब माल ला रहे थे. ताकि त्योहार से पहले अच्छी बिक्री हो, लेकिन नासिक जिले के किसानों को उम्मीद नहीं थी कि बाजार समितियां इतनी जल्दी बंद हो जाएंगी. शुक्रवार की रात नासिकचैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से एक पत्रक जारी किया गया जिसमें कहा गया था कि 29 अक्टूबर से 8 नवंबर तक मार्केट कमेटी में लेन-देन बंद रहेगा. प्याज की नीलामी भी बंद रहेगी. व्यापारियों का कहना है कि दिवाली में श्रमिक नही हैं जिसके चलते इतनी जल्द मंडी बंद करने का फैसला लिया गया है.

लातूर और अकोला का हाल

जहां नासिक जिले में मंडी समितियां शनिवार से बंद ही बंद कर दी गईं वहीं सोयाबीन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाने वाली लातूर कृषि उपज मंडी समिति सोमवार से बंद रहेगी. जबकि दिवाली के चलते बाजार में उड़द और सोयाबीन की आवक बढ़ गई है. पहले से ही कम दाम की वजह से परेशान प्याज और सोयाबीन किसानों के लिए मंडी बंद होना और बड़ा झटका है.

अकोला मार्केट कमेटी सोयाबीन और अन्य कृषि चीजों के लिए भी महत्वपूर्ण है. किसानों को असुविधा से बचाने के लिए दिवाली के दौरान केवल पांच दिनों के लिए बाजार समिति बंद रखने का फैसला किया गया है. लेकिन पांच दिन में भी काफी नुकसान होगाा. हालांकि व्यापारी संघ के अध्यक्ष चंद्रकांत खेडकर ने कहा कि विपणन निदेशालय द्वारा निर्धारित नियमों का पालन किया जा रहा है. जिससे जिले के किसानों को परेशानी नहीं होगी.

नासिक के ये बाजार भी रहेंगे बंद

सताना मार्केट 29 अक्टूबर से 9 नवंबर तक बंद रहेगी.

येवला 29 अक्टूबर से 11 नवंबर तक बंद रहेगी.

नामपुर में 28 अक्टूबर से 8 नवंबर तक बंद रहेगी.

कलवन 29 अक्टूबर से 9 नवंबर तक बंद रहेगी.

अभोना मार्केट 29 अक्टूबर से 9 नवंबर तक बंद रहेगी.

देश का 40 फीसदी प्याज महाराष्ट्र में पैदा होता है. जबकि महाराष्ट्र के कुल प्याज उत्पादन में लगभग 50 फीसदी की हिस्सेदारी नासिक जिले की होती है. यहीं पर मंडियां सबसे ज्यादा वक्त बंद रहेंगी. यहां दर्जन भर से अधिक प्याज की मंडियां है, जिनमें एक सप्ताह से अधिक तक ताला लटका रहेगा और करोड़ों रुपये का कारोबार प्रभावित होगा.

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