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श्रद्धा व धूमधाम से निकली बाबा नानक की बरात, पंज प्‍यारों की अगुवाई में हजारों संगतें शामिल, जगह-जगह भव्‍य स्‍वागत

Baba Di Barat बाबा गुरु श्री नानक देव की शाही बरात आज सुबह सुल्‍तान पुर लोधी से रवाना हुई। गुरुद्वारा श्री बेर साहिब से निकली इस शाही बरात में पंज प्‍यारों की अगुवाई में हजारों संगतें शामिल हुईं। श्रद्धालुओं ने बरात का जगह-जगह स्‍वागत किया।

सुल्तानपुर लोधी। श्री गुरु नानक देव जी के विवाह पर्व नगर कीर्तन रूपी बरात  आज गुरुद्वारा श्री बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी से बटाला के लिए बेहद श्रद्धा, धूमधाम व शाही ठाठ बाठ से रवाना हुई। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्र-छाया एवं पंज प्यारों की अगुवाई में बाबा नानक की बरात सरबत के भले की अरदास के बाद रवाना हुई। विभिन्न किम्स की भीनी भीनी खुशबू बिखेर रहे ताजा फूलों की वर्षा के बीच ढोल नगाड़ों व बैंड बाजों के साथ बरात रवाना हुई। इसमें अनेक संत महापुरुषों के अलावा एसजीपीसी सदस्‍य, गणमान्यों समेत हजारों की तदाद में संगतें शामिल थीं। बाबा की शाही सवारी का पूरे रास्ते में बेहद जोरदार ढंग से स्वागत हो रहा था।

हर गांव व पूरे रास्ते में संगतें दोनों हाथ जोड़े बारात रुपी नगर कीतर्न के इंतजार में पलकें बिछाए घंटों तक खड़े रहे। इस दौरान हर जगह विभिन्न किस्म की मिठाइयों, चाय पकोड़ों, जूस व दालों सब्जियों समेत अनेक किस्म के लंगर लगे हुए थे। श्री गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन का लंबा समय सुल्तानपुर लोधी में व्यतीत किया और अपना ग्रहस्थी जीवन यही से शुरू किया। गुरु जी का विवाह बटाला में माता सुलखनी जी से हुआ था।

गुरु जी सुल्तान पुर लोधी से अपने निवास अस्थान से बारात लेकर बटाला गए थे, उसी दिन की महत्ता के मद्देनजर गुरु जी के विवाह पूर्व को धूमधाम व श्रद्धा से मनाया जा रहा है। शनिवार शाम बटाला की संगत सुल्तानपुर लोधी में विवाह के शगुन के तौर पर बारात के रूप में नगर कीर्तन लेने पहुंची थी।हल्‍की बूंदाबादी के बीच रविवार की सुबह पांच प्यारो की अगुवाई में इलाके एवं दूर से श्रदालु गुरु जी की बरात के रूप में निकलने वाले नगर कीर्तन में शामिल हुए। सुल्तानपुर लोधी के गुरुद्वारा श्री बेर साहिब से नगर कीर्तन बड़ी धूमधाम से बटाला के लिए रवाना हुआ। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी ताजा फूलों से सजी सुंदर पालकी में संशोभित थे। उससे आगे संगतें सड़क पर पुष्प वर्षा कर रही थी।इस नगर कीर्तन में श्रद्धालु सेंकडों, गाडियों, बसों, ट्रैक्टर ट्रालियों व मोटर-साइकल की लंबी कतारों में शामिल हुए। नगर कीर्तन के रास्ते में लोगों द्वारा अलग-अलग तरह के लंगर लगाए गए थे एवं धार्मिक जथेबंदियों ने जगह-जगह नगर कीर्तन का भव्‍य स्वागत किया। इस नगर कीर्तन में शामिल संगते भी अपने आप को नगर कीर्तन का हिस्सा मानते हुए काफी उत्साहित थी।

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