
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता हरजोत सिंह बैंस ने कांग्रेस सरकार पर विधानसभा कर्मचारी भर्तियों में घोटाला करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सबूत दिखाते हुए कहा कि विधानसभा में कांग्रेस ने विधायकों और मंत्रियों के बच्चे, रिश्तेदारों और करीबियों को भर्ती किया और योग्य नौजवानों को बाहर किया। नियमों को ताक पर रखकर पंजाबियों के बजाय पंजाब से बाहर के लोगों को भी नौकरी दी गई। यह पंजाब के नौजवानों के साथ सरासर धोखा है।
उन्होंने कहा कि घर-घर नौकरी का वादा करने वाली कांग्रेस ने सरकार बनने के बाद रोजगार मांगने वाले बेरोजगार नौजवानों पर पुलिस की लाठियां पर चलवाई और अपने नेताओं के बच्चों को नौकरी दी। पंजाब के बेरोजगार नौजवान नौकरी के लिए पिछले पांच साल सड़कों पर आंदोलन करते रहे और पानी की टंकियों पर चने रहे लेकिन कांग्रेस सरकार ने उन नौजवानों को नौकरी देने के बदले अपने परिवारों और रिश्तेदारों को प्राथमिकता दी। बैंस ने पिछले 5 साल के दौरान विधानसभा में हुई भर्तियों की लिस्ट जारी करते हुए कहा कि भर्ती हुए सभी लोग पंजाब के बड़े कांग्रेसी नेताओं, विधायकों और मंत्रियों के करीबी या रिश्तेदार हैं। कई लोग वरिष्ठ पदाधिकारियों के नजदीकी हैं। पंजाब से बाहर के लोगों की भर्ती पर सवाल करते हुए उन्होंने कहा, ” क्या कांग्रेस सरकार ने पंजाब के सभी नौजवानों को नौकरी दे दी कि वह हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के लोगों को पंजाब सरकार की नौकरी दे रही है?
उन्होंने लिस्ट में से कुछ नामों का जिक्र करते हुए बताया कि विधानसभा में सहायक सूचना अधिकारी की पोस्ट पर भर्ती सिद्धार्थ ठाकुर ब्यूरोक्रेट वी.सी. ठाकुर के बेटे हैं, जो राणा के.पी.सिंह के नजदीकी है। इसी तरह मनजिंदर सिंह निवासी संगरूर सपुत्र राम सिंह जो सुरजीत सिंह धीमान कांग्रेस एम.एल.ए. का भतीजा है, गौरव ठाकुर सपुत्र राजेश सिंह होशियार से सबंधित है और राणा के.पी. सिंह के रिश्तेदार के पुत्र है। परवीन कुमार सपुत्र प्रेमचबंद जो जोगिंदर सिंह पूर्व एम.एल.ए. के भतीजे है, एक ही घर से दो भाई गौरव राणा और सौरभ राणा पुत्र प्रेम चंद जो राणा के.पी. सिंह के रिश्तेदार है, राकेश कुमार सपुत्र हरबंस लाल, जो आनंदपुर साहिब की मार्कीट कमेटी का चेयरमैन है, का बेटे है। बैंस ने बताया कि इनकी नियुक्ति विधानसभा में करने के बाद इन्हे रोपड़ के डी.सी. दफ्तर शिफ्ट कर दिया गया। यह न तो विधानसभा जाते है और न ही डी.सी. दफ्तर, घर बैठे ही मुफ्त की तनखाह ले रहे है। बैंस ने आगे बताया कि इस तरह से अजय कुमार सपुत्र राम स्वरूप जो बठिंडा से है और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल के यहां काम करते है, यह भी एक दिन भी विधानसभा नहीं गए और मुफ्त में तनखाह ले रहे है। अवतार सिंह कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल के ड्राइवर के बेटे है, कुलदीप सिंह मान मनप्रीत बादल के स्टाफ से है, प्रमोद कुमार सपुत्र कमलदीप जो पी.आर.टी.सी.के डायरेक्टर के बेटे है। हरजोत सिंह बैंस ने आरोप लगाया कि घोटाले की यहां ही हद नहीं होती है, इनमे से कई लोगों को उनके जाली पत्तों पर नियुक्ति पत्र सौंपे गए। अंजू बाला जो धर्मपाल की बेटी है और विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह के सचिव के साली है। सूरज प्रीत कौर डिप्टी स्पीकर की भांजी है, तरुण शर्मा विधानसभा के पूर्व सचिव लखनपाल मिश्रा की बहन की पुत्रवधू है। बैंस ने आरोप लगाते हुए कहा कि भर्ती करने के लिए नियमों को तक पर रखकर एक अप्वाइंटमैंट सैल बनाया गया और उसके अधीन एक कमेटी बनाई गई। इस कमेटी में उन लोगों को ही शामिल किया जिन्होंने कांग्रेस के प्रभाव तले कार्य किया। बैंस ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की इसके साथ ही जितने भी नेताओं के रिश्तेदार भर्ती किये गये है, उनकी भी जांच कराई जाएगी।



