रेलवे स्टेशन की सुरक्षा रामभरोसे:मेन गेट पर मेटल डिटेक्टर से नहीं निकलते लोग, न ही होती जांच, दावा- सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध, अतिरिक्त मुलाजिम लगाए सच्चाई- कोई कहीं से आए जाए, रोकने वाला कोई नहीं
रेलवे स्टेशन के दाे गेटों पर किसी भी पुलिसकर्मी का नहीं होता है पहरानई भर्ती न होने के कारण रेल ट्रैक की पैट्रोलिंग नहीं, नहीं दिखते पुलिस मुलाजिम

त्याेहारी सीजन शुरू हाे गया है। जालंधर से दूसरे राज्याें के लिए आने-जाने वाले यात्रियाें की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में अगर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा की बात करें ताे पुख्ता इंतजाम तक नहीं है। जालंधर रेलवे स्टेशन के चार गेट खुले हैं। इन पर जीआरपी-आरपीएफ द्वारा चेकिंग की काेई व्यवस्था नहीं की गई है। दाे मेन गेट पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं, मगर इनके बराबर खाली जगह से लाेग गुजरते हैं। दाे गेटों पर किसी भी पुलिसकर्मी का पहरा तक नहीं है। ऐसे में संदिग्ध लाेग आसानी से रेलवे स्टेशन पर घुस सकते हैं।
रेलवे स्टेशन पर स्टाफ की भी कमी है, जिस कारण रेलवे ट्रैक की सुरक्षा भी बाधित हाे रही है। जालंधर यार्ड के पास दाे इंजन समेत मालगाड़ी भी डिरेल हाे चुकी है। ऐसे ही लापरवाही रही ताे बड़ी अनहाेनी से इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन फिर भी प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरत रहा है।
विभाग में आधे कर्मचारी ही दे रहे ड्यूटी
जालंधर रेल सेक्शन में स्टाफ की कमी के कारण रेलवे ट्रैक की सुरक्षा नहीं हो पा रही। रेलवे द्वारा नई भर्ती न होने के कारण विभाग में आधे कर्मचारी बचे हैं। जालंधर सेक्शन का 36 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक है, जबकि 16 क्रॉसिंग गेट हैं। इस 36 किलोमीटर के रेल ट्रैक की सुरक्षा के लिए महज 150 ट्रैकमैन व अन्य कर्मचारी हैं। जबकि 279 की जरूरत है। ऐसे में क्रॉसिंग गेट पर करीब 5-6 कर्मचारियों को लगना पड़ता है। कर्मचारी कम होने के कारण रेलवे ट्रैक की पैट्रोलिंग नहीं हो पाती है।
यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा : एसएचओ
रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के लिए मेटल डिटेक्टर ताे लगा दिए गए, लेकिन सही जगह नहीं लगाए गए। उनके बराबर में खाली जगह छाेड़ी गई है। इन मेटल डिटेक्टर के बराबर से लाेग आते-जाते है। इसके अलावा मेटल डिटेक्टर के पास पुलिसकर्मी का पहरा भी नहीं देखने काे मिला।
ऐसे में सिटी रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध व्यक्ति काे कैसे पकड़ा जा सकेगा। वहीं, इस संबंध में जालंधर जीआरपी एसएचओ बलबीर सिंह का कहना है कि त्योहार सीजन को देखते हुए स्टेशन पर सख्त चेकिंग कर दी है। आरपीएफ और हमारे करीब 25 जवान स्टेशन पर अलर्ट है। इसके अलावा अतिरिक्त स्टाफ भी लगा है। यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
लापरवाही पड़ सकती है भारी:जान जाेखिम में डाल रेलवे लाइन क्राॅस कर रहे लोग, लोगों की सुविधा के लिए रेलवे ने ओवरब्रिज बनाया, पर कोई इस्तेमाल नहीं कर रहा
रेल हादसों काे राेकने के लिए रेलवे द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे है। फुटओवर ब्रिज, अंडरपास, इलेेक्ट्रिक रेलवे क्राॅसिंग गेट आदि का निर्माण भी किया जा रहा है। लेकिन जालंधर रेलवे स्टेशन पर लाेग खुद और परिवार की जान की परवाह न करते हुए राेजाना रेलवे लाइन क्राॅस करते है। सिटी स्टेशन में लकड़ी के पुल के पास राेजाना लाेग जान जाेखिम में डालकर रेलवे लाइन क्राॅस करते है। जबकि रेलवे ने लाेगाें की सुविधा के लिए ओवरब्रिज बनाया हुआ है, लेकिन लोग इस पुल का बहुत कम इस्तेमाल करते है।
कई बार युवा बेहतर फाेटाे के लिए खुद की जान की परवाह न करते हुए रेल लाइन पर फाेटाे सेशन करते है और सेल्फी लेते है। वीरवार काे भी रेल लाइन पर ऐसे कई युवा देखने काे मिले। जाे मेन रेल लाइन पर फाेटाे सेशन कर रहे थे, जबकि ट्रेन दूर से हाेर्न देती आ रही थी। इन रेलवे लाइन से हर आधे घंटे में मेल-एक्सप्रेस, डीएमयू समेत अन्य ट्रेन गुजरती रहती है। इसके अलावा यार्ड में इंजन भी शंटिंग हाेते रहते है। लापरवाही के कारण बड़ा हादसा हाे सकता है। लोगों काे खुद सावधानी बरतने की जरूरत है।




