
पंजाब की राजनीति में एंट्री करने वाले 22 किसान संगठनों के संयुक्त समाज मोर्चा की राजनीतिक दल के रूप में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाई है। चुनाव आयोग ने मोर्चा को रजिस्टर्ड नहीं किया है। मोर्चा के बलबीर सिंह राजेवाल ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी और भाजपा के कारण उनकी पार्टी रजिस्टर्ड नहीं हो पाई है।
राजेवाल ने कहा कि चुनाव आयोग के पास दो बार आवेदन किया कि पंजाब में 117 सीटों पर उम्मीदवार उतार रहे हैं। इसलिए एक कॉमन चुनाव चिह्न दिया जाए जो हमारा सांविधानिक अधिकार है। चुनाव आयोग ने आवेदन को अस्वीकार कर संगठन के साथ धक्का किया है, इससे आयोग की निरपेक्षता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने अपने वकीलों के माध्यम से उनके आवेदन का विरोध करवाया। वहीं अंतिम दिन मोर्चा के मुख्यमंत्री चेहरा राजेवाल समेत अन्य उम्मीदवारों ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल किया है।
सहयोगी पार्टी के कप प्लेट को नकारा
पहले विचार किया जा रहा था कि संयुक्त समाज मोर्चा उम्मीदवार अपनी सहयोगी पार्टी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के चुनाव चिह्न कप प्लेट पर इलेक्शन लड़ सकते हैं। मगर इस पर सहमति नहीं बन पाई है। अब फैसला लिया गया है कि सभी आजाद उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि राजेवाल नहीं चाहते थे कि वह किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी की संयुक्त संघर्ष मोर्चा के चुनाव चिन्ह पर लड़ें, ऐसे में सीधे तौर पर पंजाब के किसान हरियाणा के नेता के अधीन हो जाएंगे।
आखिरी दिन नामांकन भरने का हो सकता है नुकसान
नामांकन पत्र दाखिल करने का आज आखिरी दिन है। अगर आज नामांकन दाखिल करते समय कागजात भरने में कोई गलती हुई तो उसे सुधारने का मौका नहीं मिलेगा। 2 फरवरी से तो नामांकन पत्र वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होनी है। इसलिए देरी से लिए गए फैसले का मोर्चा को नुकसान हो सकता है और इसका असर मिलने वाली वोटों पर जरूर पड़ेगा। इससे कई उम्मीदवारों के कागज रिजेक्ट हो सकते हैं।



