जालंधरपंजाबराष्ट्रीय

मीटर बंद, भ्रष्टाचार चालू:बिजली चोरी के मीटर खुद ठीक कर देता था जेई, कई चोर बचाए, सस्पेंड कर जालंधर भेजा; आज रिटायरमेंट

वेरका मीटर लैब में टैंपर मीटर ठीक कर बचाए जा रहे थे आरोपी पूरे पंजाब की मीटर लेबोरेटरी के कामकाज को लेकर विभाग की चेकिंग शुरू

बिजली चोरी को पकड़ने वाली पावरकॉम की वेरका स्थित मीटर लेबोरेटरी में ही आरोपियों को बचाने का खेल चल रहा था। मीटर टैंपर करने वाले आरोपियों की मदद करने वाले जेई को विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। आरोपी को अब जालंधर की मीटर लैब में भेज दिया गया है। खास बात यह है कि वह यहां केवल 1 ही दिन काम करेगा क्योंकि 31 जनवरी को उसकी रिटायरमेंट है। मामला खुलने के बाद पूरे पंजाब की मीटर लेबोरेटरी के कामकाज को लेकर विभाग ने चेकिंग शुरू कर दी है। इसमें देखा जा रहा है कि किन लोगों के मीटर बिजली चोरी की आशंका में चेक किए हैं और इनमें बिजली चोरी न मिलने के केस कितने हैं? पावरकॉम ने 7 ऐसे मामले पकड़े हैं, जिन्हें स्टाफ ने खुद ही ठीक कर दिया था। इस तरह से बिजली चोर बेकसूर साबित हो गए और जुर्माने से बच गए। बता दें बिजली चोरी के शक में या मीटर धीमा चलने पर पावरकॉम का इंफोर्समेंट स्टाफ ऐसे मीटरों को उतारकर लैब में चेक करवाता है। गड़बड़ी पाए जाने पर उपभोक्ताओं को जुर्माना किया जाता है।

जिन 7 मीटरों को ठीक किया उनमें 35 हजार यूनिट चोरी हुई थी

पावरकॉम ने दफ्तरी आदेश नंबर 19 (28.1.22) जारी कर वेरका एमई लैब के जिस जूनियर इंजीनियर प्रदीप कुमार को सस्पेंड किया है उसने लैब में नवंबर-दिसंबर में अलग-अलग मामले में पकड़े गए 7 मीटरों को ठीक कर रिपोर्ट में लिखा कि मीटर सही पाए गए हैं। इंफोर्समेंट विभाग के अफसरों को शक हुआ कि खराब मीटर लेबोरेटरी में जाकर कैसे ठीक हो जाते हैं तो क्रास चेकिंग की गई। इसमें लगभग 35000 बिजली यूनिट की चोरी पाई गई। इसके बाद जेई पर कार्रवाई के लिए लिखा गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page