
अवैध रूप से चलने वाली बसों को लेकर डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट ने 24 घंटे के लिए स्पेशल नाका लगाकर चेकिंग की तो हैरानीजनक खुलासा हुआ। 24 घंटे में रामामंडी चौक से अमृतसर, बटाला, पठानकोट, जम्मू, होशियापुर, चंडीगढ़, दिल्ली साइड और पीएपी चौक से अमृतसर, पठानकोट, जम्मू, होशियारपुर, चंडीगढ़, दिल्ली साइड 125 से ज्यादा अवैध बसें चल रही है।
उक्त बसें सवारियों से टिकट, बस अड्डे की फीस चोरी और बिना परमिट के दौड़ने से खुद तो फायदे में हैं, लेकिन इससे सरकार को लाखों का रेवेन्यू लॉस हो रहा है। इन अवैध बसों के खिलाफ रोडवेज की यूनियनें लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। हैरानी की बात है कि इनमें ज्यादातर बसें सियासी नेताओं व बड़े बिजनेसमैन घरानों की है। इस संबंध में सर्वे पिछले महीने किया गया, जिसकी रिपोर्ट आई है। इन बसों पर कार्रवाई का अधिकार आरटीए और ट्रैफिक पुलिस के पास है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
रोडवेज जीएम बोले,स्टैंड के अंदर कार्रवाई करना ही मेरा अधिकार
जालंधर डिपो-1 के जीएम परमवीर सिंह ने कहा कि मेरा अधिकार बस स्टैंड के अंदर बसों पर कार्रवाई करना है। बस स्टैंड के अंदर से कोई अवैध बस नहीं चल रही। बाहर चल रही अवैध बसों पर कार्रवाई का अधिकार आरटीए हरप्रीत सिंह अटवाल का है। आज ही उन्हें बसों की लिस्ट भेजी गई है। उम्मीद है कि सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने वाली बसों पर कार्रवाई की जाएगी।
संबंधित अधिकारियों से आज ही करेंगे बात : आरटीए अटवाल
आरटीए का एडिशनल चार्ज संभाल रहे एसडीएम-1 हरप्रीत सिंह अटवाल ने कहा कि अवैध रूप से चल रही बसों के संबंध में वीरवार सुबह ही संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे। हालांकि उन्होंने कुछ दिन पहले 4 बसों के चालान काटे, पर विभाग की तरफ से बड़ी कार्रवाई नहीं की गई।
चेकिंग और कार्रवाई का अधिकार आरटीए के पास : डीसीपी डोगरा
डीसीपी ट्रैफिक नरेश डोगरा ने कहा कि बसों के परमिट और कागज चेक करने का अधिकार आरटीए के पास है। जॉइंट चेकिंग में ट्रैफिक पुलिस चालान काट सकती है। वहीं, पनबस पंजाब के एमडी भूपिंदर सिंह राय ने कहा कि अवैध बसों पर कार्रवाई स्पेशल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ही कर सकते हैं।
144 ट्रैफिक मुलाजिम, आरटीए की टीम, फिर भी कार्रवाई नहीं
सिटी में ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी, एडीसीपी, एसीपी, 4 इंस्पेक्टर, 1 सब-इंस्पेक्टर, 95 एएसआई रैंक के अधिकारी हैं। हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल्स को मिलाकर कुल 144 ट्रैफिक पुलिस के मुलाजिम कमिश्नरेट पुलिस में तैनात हैं। पीएपी और रामामंडी चौक में पक्का नाका होने के बावजूद इन बसों को कोई नहीं रोका जाता।
अवैध रूप से दौड़ने वाली बसें
पारोवाल, पॉल ट्रेवल, टूरिस्ट, राव ट्रैवल, पॉल ट्रैवल मिन्नी, सतगुरु मोटर, जय बस, बलविंदर, ट्रैवल पाॅइंट, अशोक ट्रैवल, यादव ट्रैवल, केेएस ट्रैवल, संधू, एडीटीसी वॉल्वो, संधू ट्रैव, लक्ष्मी इंट्रोसिटी, इंडो कैनेडियन, न्यू नवयुग, विजय, खैहरा, अरोड़ा, प्रिंस, लक्ष्मी हॉलीडे, गोल्डन टेंपल, राठौर, केएस सिद्धू, यंग बस, इंट्रोसिटी, शेखर, सचखंड, प्यार, राज, प्रीतम, ब्लू हॉर्स, राम दलाल, लिबड़ा, कूल कूल, गॉर्डियन, धर्म बस सर्विस, रोहतक, सर्बजीत, बाबा बुड्ढा, मनचली, दरवेश, करतार, गार्डियन वॉल्वो, लिबड़ा वॉल्वो, महेश्वरन वॉल्वो, राम दयाल वॉल्वो, हरगोबिंद, सुकराला, महाराजा वॉल्वो, सिद्धू हाईवे, राजधानी, राजिंदरा कोच, रूप राया ट्रांसपोर्ट, अमन ट्रांसपोर्ट ढिल्लों, खेरू, स्मार्ट ट्रैवल, सुपर कोच, धर्मराज, इंडियन बस सर्विस, औरबिट, दरवेश, बादशाह कंपनी की बसें डायरेक्टर स्टेट ट्रांसपोर्ट के सर्वे में अवैध रूप से दौड़ने वाली बसों में गिना गया है।



