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फीस वसूली और जबरन कोटा दिए जाने पर बिफरे शराब ठेकेदार, डीईटीसी के सामने रखीं मुश्किलें

जालंधर। कोरोना लॉकडाउन और कर्फ्यू के दौरान 40 दिन बंद रहने पर भी शराब ठेकों से फीस वसूली करने व जबरदस्ती कोटा दिए जाने से खफा शराब ठेकेदार सोमवार को सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए। जालंधर डिवीजन के सभी शराब ठेकेदारों ने जीएसटी भवन जाकर डीईटीसी जसपिंदर सिंह के साथ मुलाकात की और उन्हें बंद के दिनों के दौरान फीस वसूलने और जबरन कोटा अलॉट न करने के विरोध में ज्ञापन भी सौंपा।

शराब ठेकेदारों ने डीईटीसी से एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर (ईटीसी) से बैठक करवाने के लिए भी कहा है। शराब ठेकेदारों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें राहत न मिली तो फिर वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे। जालंधर डिवीजन में जालंधर समेत पठानकोट, होशियारपुर, कपूरथला, अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर एवं नवांशहर जिले शामिल हैं।

जालंधर के प्रमुख शराब ठेकेदार राजा काहलों ने कहा कि उन्हें दिन में लगभग 14 घंटे शराब ठेके खोलने की अनुमति सरकार ने दी है। अप्रैल में जब लॉकडाउन लगा तो उन्हें एक्साइज विभाग के अफसरों ने शराब ठेके न खोलने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जालंधर के किसी भी शराब ठेकेदार के ऊपर नियमों के उल्लंघन का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ। उन्होंने पूरी तरह शराब ठेके बंद रखे। अगर घंटों को जोड़ दिया जाए तो यह 40 दिन से ज्यादा की समय अवधि बनती है। उन्हें आश्वासन दिया गया था कि बंद के दिनों के दौरान की फीस नहीं ली जाएगी और राहत दी जाएगी

इसके बावजूद, शराब ठेकेदारों से किस्त अदायगी के लिए कहा जा रहा है और जबरन शराब का कोटा लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शराब ठेकेदार इतना शराब कोटा बेचने में सक्षम ही नहीं है। इसी वजह से डीईटीसी को मजबूर होकर ज्ञापन सौंपा है। अगर राहत न मिली तो फिर शराब ठेकेदार हाई कोर्ट जाने के लिए मजबूर होंगे।

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