
मतदान की तारीख जैस-जैसे नजदीक आ रही है लोगों ने भी चुनाव में खड़े प्रत्याशियों का आंकलन करना शुरू कर दिया है। इस बार का चुनाव पिछले चुनावों से कई मायनों में अलग भी नजर आ रहा है। पहले लोग किसी के भी प्रचार या सीधा-सीधा कहें कि झांसे में आकर वोट दे देते थे, लेकिन इस बार ऐसा बिल्कुल नहीं है। लोग बार-बार धोखा खाने के बाद अब जागरूक हो चुके हैं।
जालंधर के नौ विधानसभा क्षेत्रों की बात करें कि कोई भी सीट ऐसी नहीं है, जो साफ नजर आती हो कि इसे कोई दल या प्रत्याशी अपने बूते निकालकर ले जाएगा। बेशक कोई कहे कि दलित वोटर उसके साथ है या फिर कोई अन्य वर्ग उसके साथ है, लेकिन वास्तविकता यह है कि इस बार प्रत्याशियों को यह पता नहीं चल पा रहा है कि उनके परिवार-कुनबे से भी पूरे वोट उन्हें पड़ेंगे या नहीं।
जालंधर जिले के नौ विधानसभा क्षेत्रों में से सिर्फ तीन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा मुकाबला करती हुई नजर आ रही है। शेष में भारी भरकम प्रचार के बाद भी भाजपा अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ पाई है। जालंधर में नॉर्थ, वेस्ट, सेंट्रल हलके में भाजपा फाइट में है। आरक्षित सीट करतापुर में बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी में मुकाबला है। आरक्षित सीट फिल्लौर में कांग्रेस और अकाली दल में सीधी टक्कर है। जांलधर कैंट में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में मुकाबला है। आरक्षित सीट जालंधर वेस्ट में भी कांग्रेस और भाजपा में मुकाबला है। आरक्षित सीट आदमपुर में कांग्रेसी और अकाली दल के मध्य मुकाबला है। नकोदर विधानसभा क्षेत्र में अकाली दल का मुकाबला कांग्रेस से है। शाहकोट सीट पर कांग्रेस और अकाली दल टक्कर में है।
जालंधर नॉर्थ में सीधा फायदा भाजपा को हो रहा

जालंधर शहरी में नॉर्थ सीट पर भाजपा के कृष्ण देव भंडारी और कांग्रेस के विधायक बाबा हेनरी में कांटे की टक्कर है। दोनों में डिसाइडिंग फैक्टर की भूमिका अकाली दल-बसपा के सांझे कैंडिडेट कुलदीप सिंह लुबाना और आम आदमी पार्टी के दिनेश ढल्ल निभाएंगे। जिस तरह से दोनों के गढ़ों में तोड़फोड़ हो रही है उससे मुकाबला रोचक बन गया है। विधानसभा में नशे के खिलाफ मुद्दा उछल रहा है। आप प्रत्याशी दिनेश ढल्ल पहले कांग्रेस के साथ था। अब खिलाफ खड़ा है। एससी वर्ग को बसपा प्रत्याशी लुबाना अपनी तरफ खींच चुका है। ये सभी कांग्रेस की परेशानी बढ़ा रहे हैं। इसका सीधा फायदा भाजपा को हो रहा है। इसी कारण से भाजपा अब कांग्रेस के टक्कर में पहुंच गई है।
जालंधर सेंट्रल में आप प्रत्याशी विवादित-भाजपा-कांग्रेस आमने सामने

जालंधर सेंट्रल की सीट पर कांग्रेस के राजिंदर बेरी और भाजपा के मनोरंजन कालिया के बीच है। मनोरंजन कालिया के बारे में क्षेत्र में धारना है कि वह जरूरत से ज्यादा ही ईमानदार हैं। विरोध के बावजूद बेरी के लोगों को इसलिए रास आ रहे हैं कि कामों को लेकर उन्होंने पार्टीबाजी से ऊपर उठकर काम किया और किसी को निराश नहीं किया। अकाली दल के चंदन ग्रेवाल निगम के कर्मचारियों की वोट तो ले जाएंगे, लेकिन अकाली दल का कैडर उन्हें पूरा वोट नहीं देगा। आप प्रत्याशी रमन अरोड़ा मेहनत तो कर रहे हैं, लेकिन महिलाओं पर टिप्पणी को लेकर विवादित हो गए हैं। हालांकि कांग्रेस, भाजपा, अकाली दल और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी जीत के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
जालंधर वेस्ट में बंटी हुई हैं वोट
जालंधर वेस्ट सीट को अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित है। माहौल पर नजर डालें तो कांग्रेस के सुशील रिंकू की भाजपा के मोहिंदर भगत से सीधी टक्कर है। आप पार्टी द्वारा टिकट डॉ. माली की बजाए शीतल अंगुराल को देने से जनता नाराज है। रिंकू की प्रोफेसर पत्नी का क्षेत्र में अच्छा आधार है। जो सारा दारोमदार संभालने में सक्षम और पब्लिक डीलिंग की माहिर हैं। दूसरी तरफ मोहिंदर भगत और अंगुराल में भाजपा की वोट बंटी हुई है। जो बचे समय में मेहनत ज्यादा कर लेगी, वो सीट निकल पाएगी। वहीं आप पार्टी प्रत्याशी शीतल अंगुराल जिस प्रत्याशी की वोट तोड़ेंगे, वो दौड़ में कमजोर पड़ जाएगा।
करतारपुर में एससी वोटर का रुझान तय करेगा जीत-बसपा का मुकावला आप से

करतारपुर में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी पूर्व पुलिस अधिकारी बलकार सिंह का मुकाबला बसपा के प्रत्याशी बलविंद्र सिंह से है। एक तरफ पत्रकार तो दूसरी तरफ मुकाबले में पुलिस अधिकारी हैं। भाजपा के प्रत्याशी सुरिंदर महे और कांग्रेस के प्रत्याशी विधायक सुरिंदर चौधरी की फाइट निजी हो गई है। इनकी निजी लड़ाई के चलते वोटर दोनों से पीछे हट चुके हैं। लोगों को मनाने में सुरेंद्र चौधरी मेहनत करने में लगे हुए हैं। बचे पांच दिनों में अच्छी मेहनत से ऐसा कर गए तो मुकाबले में होंगे। दूसरा एससी वोटर का रुझान भी तय करेगा। पहले की तरह कांग्रेस की तरफ मुड़े तो कांग्रेस फाइट में होगी। कांग्रेस, बसपा व आप पार्टी प्रत्याशी में से एक की जीत होगी।
जालंधर कैंट में आप की तरफ लोगों का झुकाव-कांग्रेस से है कड़ी फाइट

जालंधर कैंट सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी शिक्षा मंत्री परगट सिंह का मुकाबला आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सुरिंदर सिंह सोढी से है। दोनों की हॉकी के ओलंपियन रह चुके हैं। भाजपा के प्रत्याशी पूर्व विधायक सरबजीत सिंह मक्कड़ हैं, जो अकाली दल को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। ऐसे में भाजपाई उन्हें सपोर्ट नहीं कर रहे। अकाली दल के प्रत्याशी पूर्व पीसीएस अधिकारी एवं पूर्व विधायक जगबीर सिंह बराड़ को पहले से ज्यादा फायदा मिलेगा। कांग्रेस प्रत्याशी परगट सिंह का इलाके में विरोध देखने को मिल रहा है। उनके घर के बाहर धरने पर बैठे कर्मचारी भी खिलाफ हैं। यही कारण दूसरों को मुकाबले में ला रहा है। परगट को छोड़ लोग आप की तरफ झुकते नजर आ रहे हैं।
आदमपुर में अकाली दल कांग्रेस में टक्कर

आदमपुर में निगाहें डेरा सचखंड बल्लां पर लगी आदमपुर सीट पर अकाली के प्रत्याशी निवर्तमान विधायक पवन टीनू व कांग्रेस के प्रत्याशी सुखविंदर सिंह कोटली के बीच टक्कर है। दोनों ही बसपा के पूर्व नेता है। इस टक्कर को जीत में डेरा सचखंड बल्लां बदलेगा। जिस तरफ डेरा सचखंड बल्लां की नजर रहेगी। वहीं विजय होगा। लगातार जीतते आ रहे अकाली के प्रत्याशी पवन टीनू की लहर अच्छी थी। इस बार सुबे के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने व्यक्तिगत रुचि लिए हुए हैं। जो पवन टीनू की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा कि यहां पर मुकाबला कोटली का नहीं, बल्कि चरणजीत सिंह चन्नी और पवन कुमार टीनू में है। अब जीत के लिए निगाहें डेरा सचखंड बल्लां पर लगी हैं।
फिल्लौर में चारों दलों में कांटे की टक्कर मुख्य मुकावला कांग्रेस व अकाली दल में

फिल्लौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी सांसद चौधरी संतोष सिंह के बेटे विक्रमजीत सिंह और अकाली दल के प्रत्याशी बलदेव सिंह खैरा के बीच है। कांग्रेस के विक्रमजीत सिंह पर पिछले दिनों टाइलों के लेकर कुछ आरोप लगे, पर पार्टी के कारण तवज्जो मिल रही है। अकाली दल के बलदेव सिंह को मिलनसार होने का लाभ मिल रहा है। आप पार्टी के प्रेम सिंह समाजसेवी कार्यों और सेवाकाल के दौरान लोगों के बीच रहने के लिए चहेते बने हुए हैं। संयुक्त अकाली दल के पूर्व मंत्री सरवन फिल्लौर ईडी के शिंकजे में आने और मंत्री पद गंवाने से अपने भी दूर हो गए हैं। अब जनता किसका पक्ष बढ़ाती है, ये देखने वाली बात है।
नकोदर सीट पर आप प्रत्याशी मुकाबले से बाहर अकाली प्रत्याशी रहेगा आगे

नकोदर विधानसभा क्षेत्र में इस बार अकाली दल के गुरप्रताप सिंह वडाला हैवी नजर आ रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के डॉ. नवजोत दहिया से रहेगा। यहां कैप्टन की पार्टी का प्रत्याशी शम्मी कुमार जीत की दौड़ से बाहर है, लेकिन कांग्रेस वोटों को लगातार तोड़ रहे हैं। वहीं आम आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी इंदरजीत कौर भी मुकाबले से बाहर हैं, लेकिन कांग्रेस और अकाली दोनों ही प्रत्याशियों के वोट को अपने पक्ष में कर रही हैं। दहिया मॉडल टाउन जालंधर में रहते हैं और यहीं पर प्रैक्टिस करते हैं, लेकिन चुनाव नकोदर में लड़ रहे हैं। ऐसे में अकाली व कांग्रेस में से जो आप पार्टी के पास वोट जाने से रोकेगा, वो जीतेगा।
शाहकोट में जिसकी वोट टूटेगी, वही जीत से बाहर होगा-कांग्रेस ओर अकाली दल मे सीधा मुकावला

शाहकोट में कांग्रेस के प्रत्याशी हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया और अकाली दल के टकसाली अकाली बचित्तर सिंह कोहाड़ के बीच कांटे की टक्कर है। भाजपा का क्षेत्र में अपना कोई खास आधार नहीं है। भाजपा की जो थोड़ी बहुत वोट गठबंधन के दौरान अकाली दल को जाती थी। वह अपने ही प्रत्याशी नरिंदर पाल सिंह चंडी को जाएगी। आम आदमी पार्टी का यहां पर अपना कोई कैडर नहीं है। उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी लाडी शोरोवालिया विधायक रह चुके हैं। कोहाड़ परिवार का अच्छा खासा आधार है। क्षेत्र अकाली दल का गढ़ रहा है। आम आदमी पार्टी ने प्रत्याशी बदलकर पूर्व सरंपच और NRI रतन सिंह को टिकट देने का नुकसान हो रहा है। ऐसे में जिसकी वोट तोड़ेंगे, उसी को जीत से बाहर करेंगे।



