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पानी-सीवरेज के अवैध कनेक्शन रेगुलर करने संबंधी नोटिफिकेशन जारी, जानें पूरी शर्तें

चंडीगढ़: पंजाब सरकार की तरफ से विधानसभा चुनाव में सियासी लाभ लेने के लिए लोगों को राहत देने संबंधी जो घोषणाएं की जा रही हैं। उसके तहत कैबिनेट में लिए गए पानी-सीवरेज के अवैध कनेक्शन रेगुलर करने व बकाया बिलों पर ब्याज माफी के फैसले को लागू कर दिया गया है। इस संबंधी लोकल बॉडीज विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ए.के. सिन्हा द्वारा जारी नोटीफिकेशन में वन टाईम सेटलमेंट पॉलिसी की शर्तों को क्लियर किया गया है। यदि उक्त शुल्क अधिसूचना की तिथि से तीन महीने के भीतर जमा कर दिया जाता है तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। जो उपभोक्ता इस अवधि में अपने कनेक्शन का नियमितीकरण नहीं करवाते हैं, उनके कनेक्शन को नियमित करते समय उपरोक्त शुल्क पर जुर्माना लगाया जाएगा। जो उपयोगकर्ता अधिसूचना की तारीख से छह महीने के भीतर अपने कनेक्शन को नियमित नहीं करवाते हैं, उन्हें डिस्कनेक्शन का सामना करना पड़ेगा।

यदि अधिसूचना जारी होने की तिथि से तीन माह की अवधि के भीतर मूलधन का भुगतान अधिसूचना की तिथि को किया जाता है, तो जल आपूर्ति के बकाए एवं सीवरेज प्रभार/कर/फीस पर कोई ब्याज नहीं लगाया जाएगा। साथ ही यदि बकाया राशि और ब्याज भुगतान की मूल राशि 3 महीने के बाद लेकिन इस अधिसूचना के जारी होने की तारीख से 6 महीने के भीतर भुगतान की जाती है, तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। इस अधिसूचना के जारी होने की तारीख से 6 महीने के भीतर बकाया जमा करने में विफलता पर नगर निकायों द्वारा डिस्कनेक्शन के अलावा लागू ब्याज और जुर्माना दोनों लगेगा। यह स्पष्ट किया जाता है कि बकाया का मतलब केवल जलापूर्ति और सीवरेज शुल्क की मूल राशि ही है।

नगर निगम को मिल सकता है करोडों का रेवेन्यू
सरकार दुआरा जारी की गई पॉलिसी से नगर निगम को करोडों का रेवेन्यू मिल सकता है। क्योंकि अकेले पानी – सीवरेज के बिलों के रूप में ही करीब 200 करोड़ बकाया बताया जा रहा है। इसकी वसूली के लिए डबल बिलों को ड्रॉप करने का फैसला लेने संबंधी कमेटी बनाई गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब उन लोगों से पानी – सीवरेज के बकाया बिलों की वसूली की जा सकती है जो ब्याज माफी का इंतजार कर रहे थे। इसी तरह लाखों की संख्या में अवैध रूप से चल रहे पानी – सीवरेज के कनेक्शन रेगुलर करने से नगर निगम को बिलों के रूप में रेवेन्यू मिलना शुरू हो जाएगा।

इस तरह रखी गई है फीस
– 125 गज तक रिहायशी मकान से 200 रुपए
– 250 गज तक रिहायशी मकान से 500 रुपए
– 250 गज से ऊपर के रिहायशी मकान से 1000 रुपए
– 250 गज तक कमर्शियल व इंस्टीट्यूशनल बिल्डिंग से 1000 रुपए
– 250 गज से ऊपर कमर्शियल व इंस्टीट्यूशनल बिल्डिंग से 2000 रुपए

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