पर्दाफाश:जाली बिल बनाकर 16.18 करोड़ का टैक्स रिफंड मांगा, 8 फर्जी कंपनियां चलाने वाला संचालक अरेस्ट
दिल्ली की फर्मों के साथ 8 फर्जी कंपनियों की 90 करोड़ रुपए की थी बिलिंग, टैक्सेशन अफसरों ने पकड़ा जीएसटी अौर सीजीएसटी में फर्जी रिफंड लेने के खेल से सरकार को चूना

सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कमिश्नरेट के जालंधर ऑफिस की टीम ने बोगस बिलिंग के फर्जी रैकेट का पर्दाफाश किया है। टैक्स टीमों ने बटाला निवासी शिवा सरीन नामक शख्स को पकड़ा है। उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इस मामले की जानकारी सीजीएसटी जालंधर के डिप्टी कमिश्नर डाॅ. दीपक कुमार ने दी है। विभाग के एंटी इवेजन विंग ने इस बोगस बिलिंग के बड़े खेल को ट्रेस किया है।
आरोप है कि बटाला निवासी 31 साल का युवक पम्मा तथा उसका साथी शिवा सरीन फर्जी बिलिंग इनवायस बना रहा था। उसने करीब 90 करोड़ का फर्जी कारोबार किया। बटाला में 8 फर्जी फर्में बना रखी थीं। ये फर्में बटाला के अलावा दिल्ली के एड्रेस पर भी थीं। विभागीय जांच में पाया गया कि शिवा नामक शख्स ने फर्जी बिलों के सहारे लगभग 16.18 करोड़ रुपए का फर्जी टैक्स रिफंड पास किया या फिर इसका लाभ लिया था। वह कारोबार की डमी एंट्रियां दिखा रहे थे और फर्जी ई-वे बिल भी जेनरेट कर रहे थे।
टैक्स टीमों का प्रोसेस
रिफंड मांगने वालों की टैक्स रिटर्न की जांच होती है। अक्सर फर्जी एंट्री में टैक्स अधिकारी भांप लेते हैं कि अतिरिक्त जांच करनी है या नहीं। जांच में फर्जी टैक्स पकड़े जाते हैं।
ऐसे होता है फर्जी कारोबार
सरकार ने जीएसटी सिस्टम में रिफंड संबंधी नियम बनाया है। उदाहरण के तौर पर आपने कोई चीज 100 रुपए की लागत से तैयार की, जिस पर आपके लिए 18 फीसदी टैक्स है। आगे वही चीज उपभोक्ता बाजार में आम आदमी को लाभ देने के लिए 5 फीसदी जीएसटी पर बिकती है।
ऐसे में सरकार ने कह रखा है कि जिसने कच्चा माल 18 फीसदी टैक्स लेकर कोई चीज तैयार की है, उसे सरकार 13 फीसदी बनती टैक्स की पहले वसूली रकम वापस कर देगी। कई शातिरों ने नया खेल शुरू कर दिया। वे न चीज का निर्माण करते हैं व न ही बेचते हैं, यानी उन्हें कच्चा माल खरीदने पर 18 फीसदी टैक्स नहीं देना पड़ता है। इस तरह वे फर्जी बिलिंग करके सरकार से 13 फीसदी टैक्स रिफंड मांग लेते हैं।



