अमृतसरकपूरथला / फगवाड़ागुरदासपुरचंडीगढ़जम्मू-कश्मीरजालंधरपंजाबपटियालाफिरोज़पुरराजनीतिराष्ट्रीयलुधियानाहरियाणाहिमाचलहोशियारपुर

पंजाब में AAP के CM चेहरे का ऐलान:भगवंत मान होंगे मुख्यमंत्री कैंडिडेट, केजरीवाल बोले- 21 में से 15 लाख लोगों ने पब्लिक वोटिंग में चुना

पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) ने CM चेहरे का औपचारिक ऐलान कर दिया। पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल मोहाली पहुंचे और उन्होंने भगवंत मान के नाम का ऐलान किया।

आप ने CM कैंडिडेट चुनने के लिए मोबाइल नंबर जारी करके जनता की राय मांगी थी। 3 दिन में 21.59 लाख लोगों ने राय दी। करीब 15 लाख लोगों ने भगवंत मान का नाम लिया है। केजरीवाल ने इस रिजल्ट के साथ ही भगवंत मान के नाम का ऐलान कर दिया।

अरविंद केजरीवाल पहले ही कहा था कि वह पंजाब में CM की दौड़ में नहीं हैं। पंजाब का CM चेहरा सिख समाज से होगा। 2017 में आप को इसी वजह से बड़ा झटका लगा था कि CM फेस सिख समाज से नहीं था। विरोधियों ने कहा कि बाहर से आकर कोई मुख्यमंत्री बन सकता है, जिससे पंजाबी आप से दूर होते चले गए।

नहीं रखी कोई प्रतियोगिता

आप यह दावा जरूर कर रही है कि पहली बार उसने जनता की राय से CM चेहरा तय किया। इसमें कोई प्रतियोगिता नहीं रखी गई थी। आप ने नेताओं के नाम आगे करके वोटिंग नहीं करवाई। बता दें कि भगवंत मान के अलावा विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल चीमा और कुलतार संधवां को भी इस रेस में माना जा रहा था।

प्रचार अब भी केजरीवाल के चेहरे पर

पंजाब में आप का प्रचार अभी भी अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर हो रहा है। आप केजरीवाल के नाम पर पंजाब में एक मौका मांग रही है। आप ने एक पोस्टर भी जारी किया है, जिसमें भ्रष्टाचार, कमजोर सरकारी स्कूल, खराब अस्पताल, महंगे बिजली-पानी बिल और बेरोजगारी का एक ही सॉल्यूशन केजरीवाल को बताया गया है।

पंजाब में 50% महिला वोटर, टिकट मात्र 8% को:कांग्रेस की पहली सूची में 9; AAP की 12 महिला उम्मीदवार, SAD और SSM आधी आबादी भूले

पंजाब में चुनाव से पहले महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए किए बड़े-बड़े दावों की पोल राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की लिस्ट के साथ ही धराशायी हो गए। कांग्रेस हो या शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी हो या संयुक्त समाज मोर्चा, किसी भी दल ने अब तक घोषित प्रत्याशियों की लिस्ट में महिलाओं को कोई तरजीह नहीं दी है।

पंजाब में सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनावों में 33 से 50 फीसदी तक सीटें महिलाओं को देने के दावे किए थे। पंजाब में चुनाव लड़ रहे चार बड़े राजनीतिक फ्रंट हैं, अब तक इनके घोषित कुल 322 उम्मीदवार घोषित हो चुके हैं। इनमें मात्र 26 महिला उम्मीदवार हैं, जो कुल उम्मीदवारों का मात्र 8 फीसदी है। अभी तक कांग्रेस के घोषित 86 प्रत्याशियों में से मात्र 9 महिलाएं हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी के 112 में 12, अकाली दली के 94 में 4 और संयुक्त समाज मोर्चा के घोषित कुल 30 नामों में से मात्र 1 महिला प्रत्याशी हैं। वहीं अभी तक भारतीय जनता पार्टी और कैप्टन अमरिंदर के गठबंधन ने कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है।

कांग्रेस : सिर्फ दो महिला कैंडिडेट नईं, बाकी सब पुरानी

पंजाब में सत्ताधारी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने महिलाओं को चुनावों में तरजीह देने के लिए ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ के स्लोगन के साथ विशेष अभियान किया। स्लोगन की हवा पंजाब के लिए घोषित 86 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में ही निकल गई।

कांग्रेस ने पहली सूची में सिर्फ नौ महिला उम्मीदवारों को जगह दी। यह घोषित टिकटों का मात्र 10 फीसदी है। पार्टी ने सिर्फ दो नई महिला कैंडिडेट मोगा से अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद और आम आदमी छोड़कर आने वाली रूपिंदर रूबी को मलोट से टिकट दिया है। बाकी सभी कैंडिडेट पहले से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ती रही हैं।

AAP : वोट लेने के लिए 1-1 हजार की घोषणा, उम्मीदवार बनाने में फिसड्‌डी

जीवन स्तर ऊंचा करने के नाम पर महिलाओं को 1-1 हजार रुपया प्रति महीने की गारंटी देने वाली आम आदमी पार्टी की स्थिति भी वैसी ही है। पार्टी अब तक कुल 112 प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है इनमें से मात्र 12 ही महिला उम्मीदवार हैं।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म है कि महिलाओं को आगे लाने के दावे करने वाली पार्टी को उम्मीदवार बनाने के लिए मात्र 12 ही चेहरे अभी तक मिले। अभी तक के पार्टी के किसी भी आंदोलन पर नजर डालें तो वहां महिलाओं की बराबर की सहभागिता रही है। इसके बावजूद महिला अधिकारों की बात करने वाली पार्टी भी टिकट आवंटन के समय पुरुष प्रधानता की सोच से नहीं निकल पाई।

अकाली दल और SSM महिलाओं को भूले

शिरोमणि अकाली दल इस बार बसपा के साथ गठबंधन कर चुनावी दंगल में उतरा है। उसने गठबंधन के तहत अपने हिस्से की 97 में से 94 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इनमें सिर्फ चार महिला प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। वहीं वोट की राजनीति के लिए आम आदमी पार्टी की तरह अकाली दल ने भी महिलाओं को 2 हजार रुपए प्रति माह और रसोई का राशन मुफ्त देने की घोषणा कर रखी है। अकाली दल घोषणा पत्र में महिलाओं को सुविधाओं का वास्ता देकर वोट तो हासिल करना चाहता है लेकिन विधानसभा में उपस्थिति देखने के पक्ष में नहीं दिखता। उसने टिकट आवंटन में सिर्फ 4 प्रतिशत महिलाओं को ही तरजीह दी है, ये चारों चेहरे भी पुराने हैं।

वहीं, किसानों के संगठन संयुक्त समाज मोर्चा की पहली और दूसरी सूची में घोषित 30 प्रत्याशियों में एकमात्र महिला उम्मीदवार है। मोर्चा ने श्रीमुक्तसर साहिब विधानसभा हलके से अनुरूप कौर को टिकट दिया है। जबकि दिल्ली बॉर्डर पर एक साल चले किसान आंदोलन में महिलाओं की भी बड़ी भूमिका रही, इसके बावजूद मोर्चा ने किसी महिला प्रत्याशी को तरजीह नहीं दी है।

महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा

पंजाब में कुल 2,12,75,067 मतदाता हैं। इनमें महिला मतदाताओं की संख्या 1,00,86,514 है। पिछले दो विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो सरकार बनाने में महिलाओं की भागीदार ज्यादा रही है। 2012 विधानसभा चुनाव में 78.90 महिला मतदाताओं ने मतदान किया था, जबकि पुरुष वोटिंग प्रतिशत 77.58 रहा। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी 79.2 प्रतिशत महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि 78.5 प्रतिशत पुरुषों ने वोट डाले। 2019 लोकसभा चुनाव में 79.2 प्रतिशत महिला और 78.5 प्रतिशत पुरुष मतदाताओं ने मताधिकारी का प्रयोग किया।

सरकार बनाने में लगातार महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। पिछले तीन चुनावों के आंकड़ों से स्पष्ट है कि महिला मतदाताओं का वोटिंग प्रतिशत लगातार बढ़ा है। इसके बावजूद महिलाओं को उम्मीदवार बनाने में राजनीतिक दलों की उदासीनता साफ नजर आ रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page