पंजाब में राहुल गांधी करेंगे पहली वर्चुअल रैली:27 को आएंगे जालंधर, यहीं से लाइव होकर करेंगे कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संवाद -बिना परमिशन नहीं छपवा सकेंगे प्रचार सामग्री:जालंधर प्रशासन रोज कर रहा समीक्षा; भड़काऊ पोस्टरों पर होगी कार्रवाई, सोशल मीडिया पर भी नजर

कोरोना महामारी के कारण चुनाव रैलियों-जनसभाओं पर प्रतिबंध के बीच कांग्रेस वर्चुअल रैलियों का ट्रेंड शुरू करेगी। पंजाब के जालंधर में राहुल गांधी 27 जनवरी को इसकी शुरुआत कर कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित करेंगे।
राहुल गांधी 27 जनवरी को दिल्ली से जालंधर पहुंचेंगे और यहीं से प्रदेशभर के कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संवाद करेंगे। जालंधर में राहुल गांधी की वर्चुअल रैली के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रबंध कर रही है। इसी संदर्भ में मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PPCC) प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू, सांसद प्रताप सिंह बाजवा, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल समेत तमाम पार्टी नेता जालंधर में जुट रहे हैं। इस दौरान वर्चुअल रैली को लेकर मंथन कर रूपरेखा तय करेंगे।
कांग्रेस कमेटी ने जारी किया पोस्टर
पंजाब में राहुल गांधी की वर्चुअल रैली को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एक पोस्टर भी जारी किया है। कांग्रेस कमेटी ने फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया हैंडल्स पर पोस्टर शेयर किया है। पंजाबी में तैयार किए गए पोस्टर में लिखा है कि 27 जनवरी को शाम 4:00 बजे राहुल गांधी पंजाब के पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।
सिद्धू पत्रकारों को भी करेंगे संबोधित
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू मंगलवार को राहुल गांधी की वर्चुअल रैली के प्रबंधों को लेकर जालंधर आ रहे हैं। वह कांग्रेस के तमाम नेताओं के साथ राहुल गांधी की रैली को लाेकल बैठक में चर्चा करेंगे और इसका वेन्यू भी तय करेंगे कि राहुल गांधी कांग्रेस भवन से लाइव होंगे या फिर किसी होटल से।
संभावना है कि राहुल गांधी कांग्रेस भवन की बजाय किसी होटल से ही वर्चुअल रैली के लिए लाइव होंगे। किस होटल से लाइव होंगे अभी यह सब कांग्रेस की बैठक में तय होगा। सिद्धू के साथ सांसद प्रताप सिंह बाजवा और राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल भी बैठक में मौजूद रहेंगे। बैठक के बाद नवजोत सिंह सिद्धू 4:30 बजे पत्रकारों से भी मुखातिब होंगे और रैली के बारे में बताएंगे।
बिना परमिशन नहीं छपवा सकेंगे प्रचार सामग्री:जालंधर प्रशासन रोज कर रहा समीक्षा; भड़काऊ पोस्टरों पर होगी कार्रवाई, सोशल मीडिया पर भी नजर
पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के प्रत्याशियों को इस बार प्रचार सामग्री छपवाने के लिए पहले जिला प्रशासन कम चुनाव अधिकारियों से परमिशन लेनी होगी। ऐसा चुनाव आयोग की हिदायतों पर किया जा रहा है, ताकि कोई भी प्रत्याशी एक दूसरे के साथ लागत बाजी के कारण समाज में घृणा न फैला सके। जालंधर में जिला प्रशासन कम चुनाव अधिकारियों ने अलग-अलग विभागों से कर्मचारियों और अधिकारियों की टीमें बनाकर तीन शिफ्टें बनाई हैं। यह टीमें अपनी-अपनी शिफ्ट में 24 घंटे सोशल मीडिया से लेकर मैनुअल तरीके से प्रचारित प्रसारित की जा रही चुनाव सामग्री पर नजर रख रही हैं।
भड़काऊ या जनविरोधी कंटेंट न छाप सके
अतिरिक्त डिप्टी कमिशनर (विकास) कम जिला चुनाव अधिकारी और चेयरमैन मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंग समिति जसप्रीत सिंह ने बताया कि एेसा किया जा रहा है, ताकि कोई भड़काऊ, घृणा फैलाने वाली जनविरोधी सामग्री छाप कर उसका प्रचार प्रसार न कर सके। डीसी ऑफिस में कमरा नंबर 14ए में टीम बिठाई गई है, जो तीन शिफ्टों में 24 घंटे काम कर रही है। यह टीम सोशल मीडिया, अखबारों से लेकर अन्य प्लेटफार्म पर पूरी नजर रखे हुए है तथा लगातार समीक्षा कर रही है। इसके अलावा पेड न्यूज और दूसरी खबरों और ग़ैर प्रमाणित विज्ञापनों पर भी नज़र रखी जा रही है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म भी हो रहे चेक
एडीसी जसप्रीत सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया टीमों की तरफ से राजनीतिक पार्टियों के सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी नजर रखी जा रही है। नामांकन शुरू होने के साथ उम्मीदवारों की तरफ से दिए जाने वाले सोशल मीडिया अकाउंट की भी चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार निगरानी की जाएगी। यदि किसी भी तरह की इलैक्ट्राॅनिक, प्रिंट या सोशल मीडिया उल्लंघना सामने आती है तो उस पर तुरंत सम्बन्धित रिटर्निंग अधिकारी को नोटिस जारी करने के लिए कहा गया है। उन्होंने राजनीतिक प्रतिनिधियों से कहा कि वह अपनी प्रचार सामग्री और विज्ञापनों को समिति से स्वीकृत करवाए बिना जारी न करें।
कांग्रेस कैंडिडेट की दूसरी लिस्ट पर घमासान तेज:CEC की मीटिंग में नहीं आए CM चन्नी; हाईकमान की सब कमेटी को दोटूक- सहमति बनाकर नाम भेजो
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की दूसरी कैंडिडेट लिस्ट पर घमासान तेज हो गया है। सोमवार देर शाम इस संबंध में कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की वर्चुअल मीटिंग हुई। जिसमें CM चरणजीत चन्नी शामिल नहीं हुए। जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने कहा कि अब दोबारा CEC की मीटिंग नहीं होगी।अब सहमति का जिम्मा केसी वेणुगोपाल, अंबिका सोनी और अजय माकन की सब कमेटी पर छोड़ दिया गया है। सब कमेटी को कहा गया है कि वह अंतिम लिस्ट बनाकर कांग्रेस हाईकमान को भेज दे। जिसकी घोषणा कर दी जाएगी। सब कमेटी की लिस्ट पर पंजाब के किसी नेता से दोबारा चर्चा नहीं होगी।
सिद्धू, चन्नी और जाखड़ में नहीं बन रही सहमति
पंजाब में कांग्रेस 86 कैंडिडेट की लिस्ट जारी कर चुकी है। 31 कैंडिडेट की लिस्ट का इंतजार है। हालांकि इसको लेकर अब पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू, सीएम चरणजीत चन्नी और कैंपेन कमेटी चेयरमैन सुनील जाखड़ के बीच सहमति नहीं बन रही।
सूत्रों के मुताबिक भोआ में जोगिंदर पाल और खेमकरण से सुखपाल भुल्लर को लेकर चन्नी समर्थन में हैं लेकिन जाखड़ इसका विरोध कर रहे हैं। सिद्धू कई सीटों पर उम्मीदवार बदलने की बात कह रहे हैं जबकि कुछ सीटों पर सिटिंग विधायकों की जगह नए चेहरों के पक्ष में हैं। सिद्धू भी यह बात बन चुके हैं कि टिकटों को लेकर मतभेद जरूर है लेकिन अंतिम फैसला हाईकमान ही करेगा।
12 विधायकों को टिकट का इंतजार
कांग्रेस पहली लिस्ट में 4 विधायकों की टिकट काट चुकी है। 31 कैंडिडेट्स की दूसरी लिस्ट में 12 विधायकों की टिकट पर तलवार लटक रही है। इनमें कांग्रेस में फिरोजपुर देहाती से मौजूदा विधायक सत्कार कौर, शुतराणा से निर्मल सिंह, खेमकरण से सुखपाल भुल्लर की टिकट काटी जा सकती है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहीं अदिति सिंह के पति अंगद सिंह का भी टिकट कट सकता है। वह नवांशहर से विधायक हैं।
गुरदासपुर के भोआ से विधायक जोगिंदरपाल का टिकट भी कट सकता है। गिल से कुलदीप वैद को जगराओं भेजने की योजना है लेकिन वह गिल से ही लड़ना चाहते हैं। फाजिल्का से दविंदर घुबाया को टिकट देने का विरोध हो रहा है। उन्हें फिरोजपुर ग्रामीण भेजने की बात कही जा रही है लेकिन वहां सीएम चन्नी आम आदमी पार्टी से आए आशु बांगड़ को टिकट के समर्थन में हैं। इसके अलावा बटाला, मजीठा, श्री हरगोबिंदपुर और आदमपुर में उम्मीदवार बदलने की मांग की जा रही है।






