कपूरथला / फगवाड़ाजालंधरपंजाबराजनीति

पंजाब मिल्कफेड के चेयरमैन कैप्टन हरमिंदर शिअद में शामिल, सुल्तानपुर लोधी से प्रत्याशी घोषित

कैप्टन हरमिंदर सिंह पिछले लंबे समय से कांग्रेस में संक्रिय हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों दौरान वह सुल्तानपुर लोधी हलके में कांग्रेस की तरफ से सरगर्म हुए थे। हालांकि उनकी पैराशूट एंट्री से स्थानीय शिअद नेताओं में रोष भी देखा जा रहा है।

कपूरथला। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाए जाने के बाद उनके करीबी और पंजाब मिल्कफेड के मौजूदा चेयरमैन कैप्टन हरमिंदर सिंह कांग्रेस से नाता तोड़ कर शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए। कैप्टन हरमिंदर सिंह को शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने मंगलवार बाद दोपहर चंडीगढ़ में विधिवत सदस्यता दिलाई। उन्होंने उन्हें सुल्तानपुर लोधी से दल का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है। कैप्टन हरमिंदर सिंह को टिकट मिलने से कई स्थानीय शिअद नेताओं के हाथ मायूसी लगी हैं।

जिले के बड़े उद्योगपति व पेट्रोल पंप के मालिक कैप्टन हरमिंदर सिंह पिछले लंबे समय से कांग्रेस में संक्रिय हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों दौरान वह सुल्तानपुर लोधी हलके में कांग्रेस की तरफ से सरगर्म हुए थे। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कैप्टन हरमिंदर सिंह ने सुल्तानपुर लोधी से कांग्रेसी प्रत्याशी के तौर पर दावेदारी जताई थी लेकिन आलाकमान ने दोबारा नवतेज सिंह चीमा को टिकट दे दी। इसके पश्चात कांग्रेस ने कैप्टन हरमिंदर सिंह को पंजाब मिल्कफेड का चेयरमैन बनाकर उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश की। मूल रूप से सुल्तानपुर लोधी हलके के गांव नसीरपुर निवासी कैप्टन हरमिंदर सिंह का ज्यादातर कारोबार कपूरथला में है। लंबे समय से वह सियासी तौर पर सुल्तानपुर लोधी में सक्रिय हैं। कैप्टन हरमिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ शिअद में शामिल होने से हलके का सियासा पारा काफी बढ़ने लगा है।

पुराने अकाली दल नेताओं में मायूसी

उधर, कैप्टन हरमिंदर सिंह की पैराशूट के जरिए अकाली दल में एंट्री से हलके के पुरानी अकाली नेताओं में काफी मायूसी है। उन्होंने आपत्ति दर्ज करवाई है लेकिन सुखबीर सिंह बादल कैप्टन को शिअद में शामिल करवाने का पक्का मन बना चुके हैं। शिअद की टिकट के लिए दावेदारी जताने वाले सुखदेव सिंह नानकपुर, सतबीर सिंह बिट्टू खीरावाली एवं सुखविंदर सिंह सुक्ख आदि ने एसजीपीसी सदस्य जरनैल सिंह डोगरावाल के पक्ष में उतरते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव भी हाईकमान के समक्ष रखा था लेकिन सुखबीर अपने फैसले पर अड़िग हैं।

पूर्व वित्त मंत्री डा. उपिंदरजीत कौर परिवार नाराज

उधर, पूर्व वित्त मंत्री डा. उपिंदरजीत कौर के दमाद इंजीनियर स्वर्ण सिंह, उनकी बेटी एसजीपीसी मेंबर गुरप्रीत कौर एवं भतीजा एडवोकेट कर्मजीत सिंह थिंद अलग से अकाली वर्करों का इक्टठ कर टिकट की दावेदारी जता चुके हैं। डा. उपिंदरजीत कौर एवं बाबू आत्मा सिंह के परिवार का तर्क है कि वह चार दशक से बादल परिवार के साथ खड़ा है लेकिन इन तमाम दावों व दलीलों के बावजूद कैप्टन हरमिंदर सिंह की अकाली दल में एंट्री पर अब कोई संश्य नहीं है। ना ही उन्हें सुल्तानपुर लोधी से शिअद उम्मीदवार घोषित किए जाने पर कोई संदेह है।

इस बारे में कैप्टन हरमिंदर सिंह का कहना है कि चंडीगढ़ में वह अकेले ही शिअद में शामिल नहीं  हो रहे बल्कि दोआबा के कई सीनियर कांग्रेस भी शिअद में जा रहे हैं। इसके अलावा सुल्तानपुर लोधी की समूची भाजपा भी अकाली दल की सदस्यता ग्रहण करेगी।

कैप्टन हरमिंदर के सुल्तानपुर लोधी से शिअद प्रत्याशी बनने से बदलेंगे सियासी समीकरण

अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल ने मंगलवार को पंजाब मिल्कफेड के चेयरमैन कैप्टन हरमिंदर सिंह को विधानसभा क्षेत्र सुल्तानपुर लोधी से उम्मीदवार घोषित कर दिया। इसी के साथ हलके के सियासी समीकरण भी बदलेंगे। कई वर्षों से अकाली दल की टिकट की उम्मीद लगाए बैठे लगभग आधा दर्जन टकसाली नेताओं को काफी मायूसी हाथ लगी है। हालांकि कोई नेता अभी खुलकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। इन दावेदारों की यह खामोशी आने वाले दिनों में अकाली दल के लिए कोई मुसीबत खड़ी कर पाती है या नही, अभी कुछ भी कह पाना बेहद मुशकिल होगा।

कैप्टन हरमिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ कर अकाली दल में आने से हलके की राजनीति प्रभावित होने से कतई अछूती नही रहेगी। कैप्टन की शिअद में आमद से कांग्रेस के मौजूदा विधायक नवतेज सिंह चीमा के लिए कोई चुनौती पैदा हो सकती है या इस घटनाक्रम का आम आदमी पार्टी के संभावित उम्मीदवार सज्जन सिंह चीमा को कोई लाभ मिलेगा, यह तो आने वाला समय ही तय करेगा। वहीं, कैप्टन के शिअद में आने से पंथक हलके की राजनीति जरुर गर्मा गई है। कैप्टन के आने से पिछले करीब चार दशकों से अकाली दल की अगुआई करने वाली पूर्व वित्त मंत्री डा. उपिंदरजीत कौर और उनसे पहले उनके पिता साबका खजाना मंत्री व एसजीपीसी के पूर्व अध्यक्ष बाबू आत्मा सिंह के परिवार की राजनीति जरूर प्रभावित हुई है। 

उन्हें नजरअंदाज करके नए चेहरे को मैदान में उतारने से यह साफ हो गया है कि सुखबीर सिंह बादल 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बेहद संजीदगी से जुटे हुए हैं। उन्होंने पिछले दो चुनाव में हारने वाली डा. उपिंदरजीत कौर के बजाए एक नए प्रत्याशी को अकाली दल के चेहरे के तौर पर पेश किया है।

उधर, कैप्टन हरमिंदर सिंह का कहना है कि पंजाब को लेकर सुखबीर सिंह बादल का विजन स्पष्ट है। इसी से प्रभावित होकर वह अकाली दल में आए हैं। कै्प्टन ने कहा कि हलके का समूचा अकाली दल उनका परिवार है और वह अपने परिवार को साथ लेकर ही आगे बढ़ेंगे। उन्हें पूर्ण विश्वास है कि इस पंथक हलके के हर अकाली परिवार का उन्हें शत-प्रतिशत साथ व सहयोग मिलेगा।

सुखबीर ने चुनाव जीतना किया आसानः नवतेज चीमा

दूसरी ओर कांग्रेस उम्मीदवार नवतेज सिंह चीमा का कहना है कि वह सुखबीर सिंह बादल के आभारी हैं, जिन्होंने उनके लिए 2022 का चुनाव जीतना आसान कर दिया है। चीमा ने कहा कि सुखीबर ने दलबदलू को टिकट देकर टकसाली अकाली नेताओं के साथ विश्वासघात किया है।

अकाली दल ने टकसाली नेताओं के साथ धोखा कियाः चीमा

उधर, आम आदमी पार्टी के संभावित उम्मीदवार सज्जन सिंह चीमा का कहना है कि कैप्टन हरमिंदर सिंह का सक्रिय राजनीति में स्वागत है लेकिन वह एक ऐसे दल के साथ जुड़े हैं, जिसके कारनामों के बारे में उन्हें हलके की जनता को जवाब जरुर देना पड़ेगा। सज्जन ने कहा कि हलके से टिकट की दावेदारी करने वाली टकसाली अकाली नेताओं के साथ अकाली दल की हाईकमान ने बहुत बड़ा धोखा किया है, जिसका खमियाजा उन्हें आगामी चुनावों में भुगतना पड़ सकता है।

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