
कांग्रेस ने पंजाब की 117 में से 86 सीटों के लिए शनिवार को पहली सूची जारी कर दी है। जालंधर पश्चिम से एक बार फिर युवा विधायक सुशील रिंकू पर पार्टी ने भरोसा जताया है। पार्टी के पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट भी सुशील रिंकू के पक्ष में रही। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के करीबी रिश्तेदार मोहिंदर सिंह केपी आखिरी समय तक जालंधर वेस्ट से टिकट के लिए डटे रहे लेकिन हाईकमान ने सुशील रिंकू का नाम क्लियर कर दिया। सुशील रिंकू के पिता स्वर्गीय बाबू रामलाल पार्षद रहे हैं। उनकी पत्नी डा. सुनीता इस समय मौजूदा पार्षद हैं।

रिंकू खुद तीन बार पार्षद रह चुके हैं और जमीनी तौर पर लोगों की समस्याओं को समझते हैं। उनकी पब्लिक में इमेज अच्छी है, जिस वजह से दावेदारी मजबूत रही। पार्टी ने जितने भी सर्वे करवाए, उसमें रिंकू ही आगे रहे। पिछला चुनाव उन्होंने रिकार्ड मतों से जीता था।
सुशील रिंकू को ही क्यों?
हलके में बड़ा प्रोजेक्ट लाए
-रविदासिया समाज के साथ-साथ भगत बिरादरी में भी अच्छा आधार है।
-120 फुट रोड पर 21 करोड़ से बरसाती सीवरेज का काम चल रहा।
दूसरी पार्टियों से उम्मीदवार
बसपा-अकाली: अनिल मीनियां
आप : शीतल अंगुराल
भाजपा : उम्मीदवार घोषित नहीं
कमजोर पक्ष
-सीवरेज प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ
-हलके में सट्टा चल रहा
-सीवरेज व्यवस्था भी खराब है
हाईकमान में पैठ ने दिलाई विधायक बेरी को टिकट
पार्टी ने जालंधर केंद्रीय सीट से मौजूदा विधायक राजिंदर बेरी पर ही भरोसा जताकर तीसरी बार टिकट दी है। बेरी की पत्नी पार्षद हैं और खुद भी बेरी पार्षद रह चुके हैं। जनता के बीच उनकी मौजूदगी हमेशा रहती है। वह मिलनसार और मृदभाषी हैं। मेयर जगदीश राज राजा और पार्षद डा. जसलीन सेठी टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन पार्टी हाईकमान में उनकी पैठ और पब्लिक रिपोर्ट ठीक होने की वजह से टिकट मिल गई।
बेरी ने अंतिम समय में अधिकांश पार्षदों को साथ जोड़ कर ताकत दिखा दी। लद्देवाली आरओबी, पीएपी फ्लाईओवर, दो अंडर पास, निफ्ट प्रोजेक्ट उनके खाते में हैं। पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट भी सकारात्मक रही। इसके आधार पर विरोध होने के बावजूद बेरी को टिकट मिल गई।
राजिंदर बेरी को ही क्यों?
-आरओबी, अंडरपास जैसे बड़े प्रोजेक्ट लाए
-पब्लिक के लिए मिलना आसान
दूसरी पार्टियों से उम्मीदवार
बसपा-अकाली: चंदन ग्रेवाल
आप : रमन अरोड़ा
भाजपा : उम्मीदवार घोषित नहीं
कमजोर पक्ष
-मेयर जगदीश राजा से नाराजगी
-कई पार्षदों ने दूरी बनाई
-आरयूबी नहीं बना
पंजाब चुनाव 2022ः जालंधर नार्थ से बावा हैनरी के मुकाबले नहीं था कोई और दावेदार, पिछली बार मिली थी बड़ी जीत

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पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने शनिवार को पहली सूची जारी कर दी है। जालंधर की नौ विधानसभा सीटों में से आठ पर उम्मीदवार घोषित कर दिए गए हैं। कांग्रेस ने साल 2018 में चुनाव लड़ने वाले सात चेहरों पर भरोसा जताया है, जबकि एक चेहरे को बदल दिया है। जालंधर की राजनीति में यह बड़ा उलटफेर है। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी आदमपुर से अपनी टिकट नहीं बचा सके। वहीं नकोदर सीट पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि अन्य सीटों पर कांग्रेस ने पुराने चेहरों को ही मैदान में उतारा है। जालंधर नार्थ से एक बार अवतार सिंह जूनियर उर्फ बावा हैनरी पर भरोसा जताया गया है।
सबसे पहले क्लीयर हुई बावा हैनरी की टिकट
जालंधर नार्थ हलके पर हैनरी परिवार का दबदबा है। साल 2017 के चुनाव में अवतार सिंह जूनियर हैनरी ने रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी। वह 32,291 वोट के अंतर से जीते थे पिछला चुनाव। इस बार भी उनके मुकाबले में टिकट का कोई दूसरा दावेदार नहीं था। उनकी टिकट सबसे पहले ही क्लियर हो गई थी। नार्थ सीट पर हैनरी परिवार ने कई चुनाव जीते हैं और यहां कांग्रेस का एक बड़ा वोट बैंक है। जिन चुनावों में हार मिली है, उनमें भी मुकाबला काफी नजदीकी रहा था। बावा हैनरी शहर के सभी कांग्रेसी विधायकों में सबसे युवा हैं। विदेश में पढ़े हैं, ट्रांसपोर्ट बिजनेस हैं। वह अपनी बात बेहिचक कहने का दम रखते हैं। उनके पिता पूर्व मंत्री अवतार हैनरी की भी जनता में अच्छी पकड़ है।
इसलिए मिला टिकट
-दूसरा कोई दावेदार नहीं था।
-कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक है
मुकाबले में दूसरी पार्टियों से उम्मीदवार ये
बसपा-अकाली: कुलदीप लुबाना
आप : दिनेश ढल्ल
भाजपा : उम्मीदवार घोषित नहीं
कमजोर पक्ष
-कई पार्षदों में नाराजगी है
-विकास कार्य पूरे नहीं कर पाए
-नार्थ में क्राइम रेट ज्यादा है



