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Air India Deal : टाटा सन्‍स ने 18000 करोड़ में एयर इंडिया की डील जीती, 67 साल बाद फिर दोनों साथ-साथ

Air India फिर Tata Sons की झोली में आ गिरी है। Dipam सचिव की मानें तो मंत्री समूह ने Air India के विनिवेश प्रक्रिया में Tata Sons की बोली को स्‍वीकार कर लिया है। इससे टाटा Air India को 67 साल बाद ग्रुप में जोड़ने में कामयाब रहा है। Airline अब नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले टाटा समूह के पास वापस चली जाएगी।

1932 में टाटा एयरलाइंस था नाम
टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। इसके बाद सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण (Nationalisation of Air India) कर दिया।

18000 करोड़ में जीती बोली
Dipam सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि Tata Sons ने एंटरप्राइज वैल्‍यू 18000 करोड़ रुपए लगाई थी। इस बिड में दो बोली लगाने वाले ग्रुप ने हिस्‍सा लिया था। 5 बिडर्स को अयोग्‍य घोषित कर दिया गया क्‍योंकि उनकी बोली वे निर्धारित मानदंड से मेल नहीं खा रही थी। बिडर्स को विश्‍वास में लेते हुए पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से आगे बढ़ाया गया।

कुल कितने कर्मचारी
नागर विमानन मंत्रालय के सचिव राजीव बंसल के मुताबिक एयर इंडिया में 12,085 कर्मचारी हैं, जिसमें से 8,084 स्थायी कर्मचारी हैं और 4,001 कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं। इसके अलावा एयर इंडिया एक्सप्रेस में 1434 कर्मचारी हैं। 1 साल और तक अगर उनकी छंटाई होगी तो उनको वीआरएस देना होगा।

Talace Pvt की होगी एयरलाइन
Dipam सचिव ने बताया कि टाटा सन्‍स की इकाई Talace Pvt Ltd ने 18 हजार करोड़ रुपए में यह बोली जीती है। यह डील दिसंबर 2021 तक पूरी होने की संभावना है। इस बिड को पास करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह की अध्‍यक्षता में मंत्रियों का पैनल बना था। इसमें दो बिडर के बीच कड़ा मुकाबला था।

एक्‍सपर्ट कमेंट
एयर इंडिया के पूर्व चेयरमैन रोहित नंदन ने कहा कि सरकार का यह फैसला एविएशन इंडस्‍ट्री के लिए बहुत अच्‍छा है। इस डील से पूरी एविएशन इंडस्‍ट्री का विकास होगा।

Spicejet ने भी लगाई थी बोली
बता दें कि टाटा सन्‍स और उद्योगपति अजय सिंह ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में Air India के लिए वित्तीय बोलियां जमा की थीं। स्पाइसजेट के प्रवर्तक सिंह ने कुछ अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर एयरलाइन के लिए एक संयुक्त बोली लगाई थी।

विनिवेश का हिस्‍सा
कारोबारी साल 2021-22 के बजट भाषण के दौरान, फाइनेंस मिनिस्‍टर निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सभी प्रस्तावित निजीकरण की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी, जिसमें एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश भी शामिल है। इससे पहले, टाटा सहित कुछ इच्छुक पार्टियों को बोली दौर के लिए चुना गया था।

एयरइंडिया का परिचालन
Covid महामारी आने से पहले, एयरलाइन ने एक स्टैंडअलोन आधार पर 50 से अधिक घरेलू और 40 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों का संचालन किया। इसके अलावा, इसने कोविड महामारी से पहले 120 से अधिक विमानों का संचालन किया। उस अवधि के दौरान, एयरलाइन में 9,000 से अधिक स्थायी और 4,000 संविदा कर्मचारी थे।

Air Vistara को फायदा
Tata Sons पहले से सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विमानन सेवा विस्तारा (Air Vistara) का परिचालन कर रहा है। इस डील का फायदा विस्‍तारा को बड़े रूप में होने की उम्‍मीद है। उसका नेटवर्क नेशनल से इंटरनेशनल में बदल सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि Tata Group एयरलाइन के धंधे को एक बैनर तले ले आएगा। हालांकि इसके लिए Singapore Airlines (SIA) की सहमति की दरकार होगी। Singapore Airlines (SIA) की कंपनी में 49 फीसद हिस्‍सेदारी है।
100 प्रतिशत हिस्‍सेदारी बिकेगी
सरकार एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। इसमें Air India की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एआई एक्सप्रेस लि. और 50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. शामिल हैं। सरकारी कंपनी Air India पर कुल संचित कर 60,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ जाने से इसकी हालत पतली हो गई है।
 

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