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नवजोत सिद्धू की भूख हड़ताल पर तंज:हरियाणा के मंत्री अनिल विज बोले- सिद्धू परमानेंट मौन व्रत रखें तो देश-कांग्रेस को मिलेगी शांति; सुखबीर बादल ने कहा- ड्रामेबाजी कर रहे

पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिद्धू के लखीमपुर खीरी मौन व्रत पर अब विरोधी खूब तंज कस रहे हैं। पंजाब से लेकर हरियाणा के मंत्री भी उन्हें नहीं बख्श रहे। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने तो यहां तक कहा कि सिद्धू परमानेंट मौन धारण कर लें तो देश और कांग्रेस को शांति मिल जाएगी। वहीं शिरोमणि अकाली दल (SAD) बादल के प्रधान सुखबीर बादल इसे ड्रामेबाजी बता रहे हैं। सुखबीर बोले कि सिद्धू ने डिनर के बाद भूख हड़ताल शुरू की और ब्रेकफास्ट के समय इसे तोड़ दिया।

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि मुझे पता चला कि कांग्रेस के नेता नवजोत सिद्धू ने लखीमपुर खीरी जाकर मौन व्रत रखा है। अगर वे हमेशा के लिए मौन व्रत रखें तो कांग्रेस और देश, दोनों को शांति मिल जाएगी। अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की नैया डूबने वाली है। इसलिए सिद्धू चाहे जो करें, कांग्रेस का भला नहीं होगा।

शुक्रवार शाम को लखीमपुर खीरी में सिद्धू इस अंदाज में भूख हड़ताल पर बैठे थे।
शुक्रवार शाम को लखीमपुर खीरी में सिद्धू इस अंदाज में भूख हड़ताल पर बैठे थे।

मेरी सिद्धू साहब से विनती, ड्रामे बंद कर दो
अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कटाक्ष भरे अंदाज में कहा कि मैं सिद्धू साहब से विनती करना चाहता हूं कि ड्रामे करना बंद कर दो। वे शाम को भूख हड़ताल पर बैठ जाते हैं, फिर सुबह 7 बजे तोड़ देते हैं। मांग तो गिरफ्तार करने की थी, लेकिन जैसे ही केंद्रीय मंत्री का बेटा पेश हुआ, सिद्धू ने भूख हड़ताल खत्म कर दी। सुखबीर ने कहा कि सिद्धू को पॉलिटिकल ड्रामा करने की बजाय सही ढंग से किसानों का साथ देना चाहिए। इससे पहले सुखबीर सिद्धू को मिसगाइडेड मिसाइल तक बता चुके हैं, जो पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह पर गिरी तो उनकी सीएम कुर्सी चली गई। फिर इस्तीफा देकर वे कांग्रेस पर गिर पड़े।

शनिवार को सिद्धू ने भूख हड़ताल खत्म की।
शनिवार को सिद्धू ने भूख हड़ताल खत्म की।

अमरिंदर भी कर चुके हैं तल्ख टिप्पणी
सिद्धू पर कैप्टन अमरिंदर सिंह भी तल्ख टिप्पणी कर चुके हैं। CM की कुर्सी जाने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह, नवजोत सिद्धू के खिलाफ आर-पार की लड़ाई छेड़ चुके हैं। वह सिद्धू को मूर्ख और ड्रामेबाज कह चुके हैं। कैप्टन ने कहा था कि सिद्धू ड्रामा करके भीड़ जुटा सकते हैं, लेकिन वोट नहीं ला सकते। पिछले लोकसभा चुनाव में सिद्धू को बठिंडा और गुरदासपुर की जिम्मेदारी दी गई थी। वहां भीड़ तो खूब जुटी, लेकिन कांग्रेस दोनों सीटें हार गई।

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