देशभर में 28 हाईवे पर रनवे बनाने की तैयारी, जंग के दौरान फाइटर जेट भर सकेंगे उड़ान – हवाई सूरमाओं की हाईवे पर लैंडिंग -: पाक सीमा से सटे नेशनल हाईवे पर उतरा सुपर हरक्युलिस, इसके बाद जगुआर और सुखोई की भी लैंडिंग;

दिल्ली: देश के सीमावर्ती इलाकों पर बने वायु सेना के फॉरवर्ड एयर बेस पर युद्ध के दौरान दुश्मन के फाइटर जेट्स के हमले का खतरा हमेशा बना रहता है. दुश्मन इस कोशिश में रहता है कि रनवे को तबाह कर दिया जाए जिससे हमारे फाइटर जेट्स उड़ान न भर सकें.
लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. वायु सेना को अब 28 ऐसे रनवे मिलेंगे जो हाईवे पर होंगे और किसी भी मुश्किल हालात में वो इसका इस्तेमाल कर सकेंगे.

देश में 28 जगह बनेंगे ऐसे एयरस्ट्रिप्स
मीडीया के पास उन सभी 28 लोकेशन की एक्सक्लूसिव जानकारी हैं जहां ये नेशनल हाईवे बनाये जा रहे हैं. इन सभी एयरस्ट्रिप्स की लंबाई और डिजाइन उस हिसाब से तय की गई हैं जहां बड़े फाइटर एयरक्राफ्ट से लेकर विमान भी उतारे जा सकें. सड़क परिवहन मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि फ्लाइट लैंड करते समय हाईवे को दोनो तरफ से बंद करने से लेकर जरूरी सेफ्टी प्रोटोकॉल का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है जिससे ट्रैफिक बाधित न हो.
इमरजेंसी के हालात में या फिर रेस्क्यू और राहत पहुंचाने के मकसद से नेशनल हाईवे को लैंडिंग एयरस्ट्रिप में बदलने की तैयारी पूरे जोरों पर हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे पर बनाई गईं ऐसी ही दो एयरस्ट्रिप्स आंध्र प्रदेश में बनकर तैयार हो चुकी हैं और पश्चिम बंगाल के अलावा जम्मू-कश्मीर में हाईवे पर एक-एक और एयरस्ट्रिप्स बनाई जा रही हैं.
ये होंगी रनवे की लोकेशन
नेशनल हाईवे पर ऐसी ही चार एयरस्ट्रिप्स बनाने के टेंडर निकाले गए हैं. जानकारी के मुताबिक कुछ के टेंडर निकाले जा चुके हैं, कुछ की जमीन को अधिग्रहण करने का प्लान चल रहा है तो साथ ही कुछ जगहों पर काम करने की पूरी तैयारी की जा रही है. जानकारी के मुताबिक 28 नेशनल हाईवे हैं जिनपर एयरस्ट्रिप्स बननी हैं.

जम्मू कश्मीर: बनिहाल- श्रीनगर मार्ग पर अवंतिपुरा के पास काम चल रहा हैं. जम्मू-उधमपुर मार्ग में साइट विजिट होनी है.
पंजाब: संगरूर जिले में एनएच 71 पर दोगल दिरवा गांव के पास साइट विजिट होनी है. हरियाणा में सिरसा मार्ग में डबबली के पास टेंडर एक महीने के भीतर हो जाएगा. हिसार में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के पास टेंडर एक महीने में हो जाएगा.
उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद के पास एनएच 24 में साइट विजिट होनी है. इसके अलावा लखनऊ, रायबरेली के बीच और अयोध्या के पास एनएच 27 में साइट विजिट होनी है.
राजस्थान: फलौदी-जैसलमेर और बाड़मेड़-जैसलमेर मार्ग में स्पॉट फाइनल हो गया हैं और टेंडर होने वाला है. इसके साथ ही गंधो-बकासर मार्ग पर निर्माण कार्य चालू है.
पश्चिम बंगाल: बालासूर-खड़गपुर में काम चल रहा है. डिगना के पास साइट विजिट होनी है.
बिहार: इस्लामपुर-किशनगंज के पास साइट विजिट होनी है.
गुजरात: राजकोट के दतराना के पास निर्माण का टेंडर हो गया है. द्वारका-माल्या में वर्क ऑर्डर हो गया है, जमिन अधिग्रहण नहीं होने की वजह से काम नहीं हो रहा है. भुज-अंजार मार्ग में साइट विजिट होनी है. सूरत-मुबंइ मार्ग पर साइट विजिट होनी है.
आंध्र प्रदेश: नेल्लौर के पास निर्माण कार्य चल रहा है. विजयवाड़ा-अंगोर में निर्माण कार्य चल रहा है. राजमूंदरी-विजयवाड़ा मार्ग पर साइट विजिट होनी है.
तामिलनाडु: पुडुचेरी में टेंडर हो गया है. जमीन अधिग्रहण करने नहीं दिया गया और मदुरई मार्ग पर साइट विजिट होनी है.
असम: जोरहाट में शविसागर के पास जमीन का चयन हो गया है और टेंडर होने वाला है. बरकाघाट के पास लोकेशन फाइनल है और टेंडर होने वाला है. नौगांव सेनभोग मार्ग एनएच 27 का टेंडर होने वाला है.
ओडिशा: खगड़पुर-कंजावर मार्ग में साइट विजिट होनी है.

पाकिस्तान सीमा से 40 किलोमीटर दूर हाईवे पर गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ और नितिन गडकरी ने इमरजेंसी फील्ड लैंडिंग स्ट्रिप देश को सौंपी। राजनाथ और नितिन गडकरी को लेकर सेना के सुपर हरकुलिस ने हाईवे पर बनी 3 किलोमीटर की एयर स्ट्रिप पर लैंडिंग की। इसके बाद फाइटर जेट सुखोई MKI-30 और जगुआर भी यहां उतरे। यह पाकिस्तान बॉर्डर से सटी देश की पहली इमरजेंसी हवाई पट्टी है।
33 करोड़ की लागत से बनी इमरजेंसी स्ट्रिप
इस हवाई पट्टी को बनाने में 33 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एयरपोर्ट के अलावा पहली बार किसी हवाई पट्टी पर उतरने वाले प्लेन में मौजूद थे। रक्षा और ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के सहयोग से देश में इस तरह के करीब 12 हाईवे तैयार किए जा रहे हैं।
इमरजेंसी हवाई पट्टी पर प्लेन की पार्किंग, सर्विस रोड भी
बाड़मेर-जालोर जिले की सीमा अगड़ावा में बनी इमरजेंसी हवाई पट्टी वायुसेना के लिए इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए बनाई गई है। 32.95 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस हवाई पट्टी की 3 किमी. लंबाई और 33 मीटर चौड़ाई है। हवाई पट्टी के दोनों सिरों पर 40X180 मीटर आकार की दो पार्किंग भी बनाई गई हैं, ताकि लैंडिंग के बाद विमानों को पार्क किया जा सके।
इसके अलावा 25X65 मीटर आकार की एटीसी प्लिंथ का डबल मंजिला एटीसी केबिन के साथ निर्माण किया गया है। इसके अलावा इमरजेंसी हवाई पट्टी के पास 3.5 किलोमीटर लंबी और 7 मीटर चौड़ी सर्विस रोड भी बनाई गई है।
इन देशों में भी हैं हाईवे इमरजेंसी हवाई पट्टी
- जर्मनी, स्वीडन, दक्षिण कोरिया, ताइवान, फिनलैंड, स्विटजरलैंड और सिंगापुर सहित कई देशों ने अपने राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर विमानों के उतरने और आपात स्थिति में उड़ान भरने के लिए ऐसी हवाई पट्टी बनाई हैं।
- भारत में यह पहली इमरजेंसी हवाई पट्टी है, जो बनकर तैयार हो चुकी है। जबकि आंध्र प्रदेश में ऐसी दो, जबकि पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर एक-एक और हवाई पट्टी बनाई जा रही है।
- उत्तर प्रदेश में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी ऑपरेशनल है। जिस पर 2017 में वायुसेना ने ट्रायल किया था। भारत में ऐसे राजमार्ग पर करीब 12 जगह हवाई पट्टी बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसमें कई जगह काम चल रहा है और कुछ जगह शुरू होना है।
- यह है भारतमाला परियोजना
बॉर्डर इलाके में गांधव से साता, बाखासर, गागरिया तक NH-925 और 925A का निर्माण करवाया गया है। ये हाइवे 2019 में ही पूरा हो गया था। भारत माला प्रोजेक्ट के इन दोनों हाइवे पर करीब 962 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। भारतीय वायुसेना के लिए फाइटर प्लेन की आपातकालीन लैंडिंग के लिए NHAI की ओर से गांधव के पास 3 किमी. लंबी हवाई पट्टी का निर्माण करवाया गया है। भारत-पाक बॉर्डर पर सामरिक व आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से देश की यह महत्वपूर्ण परियोजना है। इसका निर्माण भारतीय सेना को मजबूत करने व सैन्य सुविधाओं का सुगमता से उपलब्ध करवाने के लिए किया गया है।



