डिप्टी सीएम सोनी के साथ डेरा ब्यास पहुंचे सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, कई मंत्री भी थे साथ
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सोमवार सुबह राधा स्वामी डेरा ब्यास पहुंचे। वहां उन्होंने डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से विशेष मुलाकात की। उनके साथ डिप्टी सीएम ओपी सोनी वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल सहित कई मंत्री भी मौजूद थे।

ब्यास (अमृतसर)। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी सोमवार सुबह राधा स्वामी डेरा ब्यास पहुंचे। वहां उन्होंने डेरा प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से विशेष मुलाकात की। आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उनका यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनमें हुई बाचीत संबंधी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। बता दें कि सुबह मौसम के बिगड़ते मिजाज की वजह से एक बार चर्चा हुई कि मुख्यमंत्री हवाई मार्ग की जगह सड़क मार्ग से डेरा पहुंच सकते है। हालांकि मौसम ठीक होने के बाद वह 9.30 के बजाए 10.30 बजे हवाई मार्ग से डेरा ब्यास पहुंचे। उनके साथ उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, ब्रह्म मोहिंदरा, राणा गुरजीत सिंह, अरुणा चौधरी, बलविंदर सिंह लाडी, सुखपाल भुल्लर, नवतेज सिंह चीमा आदि भी थे।
अहम माना जा रहा सीएम का दौरा
बता दें कि पंजाब की राजनीति में राधा स्वामी डेरा ब्यास और डेरा सचखंड बल्लां का विशेष स्थान है। दोनों डेरों के बड़ी संख्या में अनुयायी होने के कारण सभी बड़े दलों के नेता विधानसभा चुनाव से पहले डेरा पहुंचकर आशीर्वाद लेते देखे जा सकते हैं। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है। ऐसे में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का यह दौरा महत्वपूर्ण है। कुछ दिन पहले ही उन्होंने जालंधर के गांव बल्लां में डेरा सचखंड प्रमुख संत निरंजन दास से मुलाकात की थी।
चन्नी के सीएम बनते ही बदले राजनीतिक समीकरण
कांग्रेस ने पंजाब में पहली बार अनुसूचित जाति का सीएम बनाकर विरोधी दलों के गणित को बिगाड़ दिया है। विशेष तौर पर अकाली दल, आम आदमी पार्टी को झटका लगा है क्योंकि दोनों ही पार्टियां आगामी विधानसभा चुनाव में जीतने पर अनूसूचित जाति से डिप्टी सीएम बनाने का दावा कर रही थीं। इसी बीच कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर उनके लिए चुनौती बढ़ा दी है। वैसे भी पंजाब में 30 प्रतिशत से अधिक मतदाता अनुसूचित जाति वर्ग के हैं। यही कारण है कि कोई भी दल उन्हें लुभाने में कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहता है।



