
जालंधर में एक गैस एजेंसी के कर्मचारियों की गुंडागर्दी सामने आई है। उन्होंने पहले तो कम वजन का सिलेंडर थमा दिया। जब कस्टमर ने इसका विरोध करते हुए वीडियो बनानी शुरू की तो वो भद्दी गालियां देने लगे। मामले के बारे में एसएचओ से लेकर पुलिस कमिश्नर तक शिकायत की लेकिन कार्रवाई के बजाय समझौता कराया जा रहा है। पुलिस अफसरों की तरफ से सही सुनवाई न होते देख पीड़ित कस्टमर ने वीडियो वायरल कर दी।
फगवाड़ा गेट में इलैक्ट्रिकल शॉप चलाने वाले न्यू ग्रीन माडल टाउन निवासी राहुल गुप्ता ने बताया कि उनके भाई अंकुश गुप्ता ने गैस सिलेंडर बुक कराया था। जब एजेंसी का कर्मचारी डिलीवरी देने आया तो उन्हें सिलेंडर का वजन कम लगा। उन्होंने गैस कम होने की बात कही तो कर्मचारी ने कहा कि सिलेंडर पूरा भरा है, चाहे तो उनके कंडे से वजन कर लो।
कर्मचारियों के कंडे पर एक किलो 400 ग्राम ज्यादा निकला
कर्मचारियों ने अपने कंडे से वजन किया तो वह 31 किलो 500 ग्राम निकला। कस्टमर ने कहा कि जब सिलेंडर का गैस समेत वजन 30 किलो 100 ग्राम होना चाहिए तो उनके कंडे में ज्यादा कैसे आ रहा?। उन्हें शक हो गया कि कर्मचारियों ने अपने कंडे के साथ भी छेड़छाड़ कर रखी है। इसके बाद कस्टमर ने अपने कंडे से वजन किया तो वह 28 किलो 60 ग्राम निकला। जब उन्होंने कर्मचारियों को इसके बारे में पूछा तो वो बहस करने लगे। पोल खुलने पर वह भरा हुआ सिलेंडर लेकर भागने की कोशिश करने लगे लेकिन कामयाब नहीं हुए। इसके बाद वह खाली लेकर भाग निकले।
वीडियो बनानी शुरू की तो गालीगलौज व हाथापाई की
अंकुश गुप्ता ने इस पूरे मामले की वीडियो बनानी शुरू कर दी। वह भी कर्मचारियों के पीछे वीडियो बनाते हुए दौड़ने लगे। उन्हें देख कर्मचारी ने खाली सिलेंडर स्कूटर रिपेयर की दुकान में रखा और बहस करने लगा। थोड़ी देर बाद वहां से भागा पहला कर्मचारी वापस लौट आया। वीडियो बनते देख वह गालीगलौज करने लगा। दूसरे कर्मचारी ने अंकुश को पीछे से पकड़ लिया और उनका मोबाइल भी तोड़ दिया। उसके साथ मारपीट की गई।
पुलिस के सामने भी कम निकला वजन, खानापूर्ति की कार्रवाई की
इसके बाद उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर दिया। पुलिस कर्मचारी वहां आए तो एक आरोपी वहां से दौड़ गया। पुलिस ने खुद भी सिलेंडर का वजन कराया तो वो 28 किलो 60 ग्राम ही निकला। इसके बाद पुलिस कर्मियों ने कार्रवाई करने के बजाय उन पर ही समझौते का दबाव डालना शुरू कर दिया। इसके बाद वो शिकायत लेकर पुलिस कमिश्नर के पास गए।
कमिश्नर ने थाना डिवीजन 7 में शिकायत भेजकर एक हफ्ते में कार्रवाई करने के लिए कहा। कम गैस देने के बदले फ्रॉड व एसेंशियल कमोडिटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने धारा 107, 151 के तहत कार्रवाई कर मामला रफा-दफा कर दिया।




