
जालंधर। जिला कांग्रेस कमेटी जालंधर शहरी समेत सभी जिलों के प्रधानों की नियुक्ति की घोषणा अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। पंजाब कांग्रेस ने सूची केंद्रीय हाईकमान को भेजी हुई है। वहां ज्यादातर जिलों के लिए नाम तय कर लिए गए हैं। जालंधर शहरी इकाई के अध्यक्ष पद पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है। करीब पौने दो साल पहले सभी जिलों की इकाइयां भंग कर दी गई थीं, लेकिन अब तक नए प्रधानों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इतने समय से कांग्रेस बिना प्रधानों के ही काम कर रही है, जिस कारण वर्कर भी हतोत्साहित हैं।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर नवजोत सिंह सिद्धू की नियुक्ति के बाद से ही आस थी कि जिला प्रधानों की नियुक्ति जल्द होगी, लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चली लड़ाई में इसमें देरी हो गई। जालंधर इकाई के अध्यक्ष पद को लेकर लाबिंग जारी है। हाईकमान के लिए यह निर्णय करना कठिन हो रहा है कि किस कैटेगरी से प्रधान नियुक्त किया जाए। जालंधर शहरी इकाई के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के लिए केंद्रीय हाईकमान को तीन पैनल भेजे गए हैं। हर पैनल में दो-दो नाम तय किए गए हैं। इनमें से ही एक नाम पर मुहर लगनी है।
हिंदू कैटेगरी से युवा नेता मनोज मनु और दिनेश ढल्ल का नाम भेजा गया है। बैकवर्ड कैटेगरी से हरजिंदर सिंह लाडा और गुरनाम सिंह मुल्तानी के नाम हैं तो शहरी सिख के तौर पर मेजर सिंह और काकू आहलुवालिया के नाम पैनल में शामिल किए गए हैं। हरजिंदर लाडा का नाम मजबूत माना जा रहा है, लेकिन केंद्रीय हाईकमान के लिए यह दुविधा हो रही है कि लाडा को शहरी सिख माना जाए या बीसी कैटेगरी के प्रतिनिधि के रूप देखा जाए। इसे लेकर भी काफी खींचतान है। चुनावों के कारण जातिगत समीकरणों पर फोकस किया जा रहा है। किसी भी कैटेगरी को नाराज नहीं करने की रणनीति पर काम चल रहा है।



