
पंजाब में अगर हंग असेंबली की नौबत आई तो 2-3 दल गठबंधन कर सरकार बना सकते हैं, यह दावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया है। शाह ने किसी भी सूरत में पंजाब में राष्ट्रपति राज की संभावनाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में विचित्र तरह का चुनाव हुआ है। जिसमें हार-जीत का आकलन कोई ज्योतिषी ही कर सकता है। उन्होंने इतना जरूर कहा कि भाजपा ने पूरी मजबूती से पंजाब में चुनावी लड़ाई लड़ी है। इससे पहले अकाली नेता बिक्रम मजीठिया भी कह चुके हैं कि चुनाव परिणाम के बाद उनका भाजपा से गठबंधन हो सकता है। पंजाब में 20 फरवरी को मतदान हो चुका है और मतगणना 10 मार्च को होगी।
इस बार कैप्टन और शिअद संयुक्त के साथ मैदान में भाजपा
कृषि कानूनों के मुद्दे पर पंजाब में भाजपा का अकाली दल से गठबंधन टूट चुका है। जिसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस और सुखदेव ढींढसा की शिअद संयुक्त के साथ मिलकर भाजपा चुनाव लड़ रही है। ऐसे में भाजपा को उम्मीद है कि पहले के मुकाबले उनका प्रदर्शन सुधरेगा। इस बार भाजपा अकाली दल से गठजोड़ के वक्त से 3 गुना सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
अकाली नेता भी दे चुका भाजपा संग गठजोड़ के संकेत
इससे पहले दिग्गज अकाली नेता बिक्रम मजीठिया ने भी संकेत दिए कि चुनाव के बाद अगर हंग असेंबली जैसी स्थिति बनी तो उनका भाजपा से गठबंधन हो सकता है। जिन कृषि कानूनों के मुद्दे पर उन्होंने गठजोड़ तोड़ा था, वह अब वापस हो चुके हैं। जिसके बाद दिल्ली बॉर्डर पर चल रहा 13 महीने लंबा किसान आंदोलन भी खत्म हो गया।
इस बार कम वोटिंग, राज्य में एक जैसी लहर नहीं
पंजाब में इस बार कम वोटिंग हुई है। साल 2017 में 77.20% के मुकाबले इस बार 71.95% यानी 5% कम वोटिंग हुई है। तीन क्षेत्रों में बंटे पंजाब के मालवा में बंपर वोटिंग हुई है। यहां सबसे ज्यादा 69 सीटें हैं। वहीं दोआबा और माझा में कम मतदान हुआ है। गांवों में ज्यादा मतदान हुआ लेकिन अमृतसर, जालंधर और लुधियाना जैसे बड़े शहरों में मतदान काफी कम हुआ। पंजाब में कम मतदान के वक्त हर बार सरकार में बदलाव हुआ लेकिन वह कांग्रेस के लिए फायदेमंद रहा। इस बार कांग्रेस खुद ही सत्ता में है तो सियासी पंडित भी असमंजस में हैं।



