
पठानकोट, महिला बोली-गोदाम मत पूछो, बताओ पटाखे कितने चाहिए, पैसे और नंबर दो पहुंच जाएंगे
दिवाली को अभी 6 दिन बाकी हैं अधिकतर जिला प्रशासन ने पटाखा स्टोर करने का लाइसेंस नहीं दिया है फिर भी पटाखा बेखौफ स्टोर हो रहा है। सूबे के 4 शहरों में इस बार 25 करोड़ रुपए के पटाखे बिकने का अनुमान है। बुधवार को बरनाला पुलिस ने ऐसे ही एक पटाखा गोदाम में रेड कर एक करोड़ का पटाखा पकड़ा।
मीडिया टीम ने चार शहरों पटियाला, बटाला, पठानकोट और होशियारपुर में पड़ताल की तो पता चला कि बिना लाइसेंस न केवल पटाखे बनाए जा रहे हैं, बल्कि होल सेल रेट में माल घर तक पहुंचाने का दावा किया जा रहा है। पटियाला के राजपुरा में अवैध पटाखे के कारोबारियों ने गोदामों के बाहर गुप्तचर छोड़ रखे हैं जो बाहरी लोगों को देखते ही अलर्ट कर देते हैं। सौदा भी दलाल कर रहे ताकि कोई सीधा कारोबारी से न मिल सके। विस्फोट से 2019 में 23 लोगों की मौत का दर्द झेलने वाले बटाला शहर के कादियां में कारोबारी बिना लाइसेंस के पटाखे बना रहे हैं। यहां के एक कारोबारी सुलखण सिंह कहते हैं कि लाइसेंस के लिए अप्लाई किया है। मिला तो ठीक नहीं तो माल तो बेचेंगे ही। आर्मी से घिरे पठानकोट में भी भीड़ वाले बाजारों में 10 करोड़ के करीब का पटाखा स्टोर हो चुका है। बड़ी बात यह है कि यह पटाखा डेसिबल मानकों पर खरा नहीं है।
होशियारपुर लाइसेंस नहीं, दो करोड़ के पटाखे आबादी में स्टोर
जिला प्रशासन ने 18 स्थान निर्धारित कर पटाखा बेचने के 57 लाइसेंस जारी किए लेकिन स्टोर करने के लाइसेंस नहीं दिए हैं। बावजूद इसके कश्मीरी व शीश महल बाजार के घने इलाके में पटाखों का भंडारण हो रहा है। होशियारपुर में इस बार दो करोड़ के पटाखे बिक्री की संभावना है। एसडीएम शिवराज सिंह बल ने बताया कि शहर में 6 लोगों के पास साल भर पटाखे बेचने का लाइसेंस हैं। बिना लाइसेंस वालों की चेकिंग करवाएंगे और पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी। लोगों की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं करेंगे।
बटाला जहां 23 की जान गई फिर वहीं बन रहे अवैध पटाखे
जिले में किसी को पटाखे बनाने का लाइसेंस नहीं मिला है। एडीसी (ज.) राहुल ने इसकी पुष्टि की। गांव ढप्पई के सुलखन ने बताया कि वह पटाखा बनावा रहे हैं। लाइसेंस अप्लाई किया है। 2 साल पहले बटाला में ही पटाखों में ब्लास्ट से 23 लोगों की मौत हो गई थी।
पठानकोट, किसी ने गोदाम बनाने को अप्लाई नहीं किया
पठानकोट जिले में भीड़ वाले क्षेत्र में पटाखे स्टोर हो रहे हैं। न्यू एमसी बाजार, काजीपुर मोहल्ला, रेलवे, काॅलेज रोड पटाखे के अवैध भंडारण के अड्डे हैं। यहीं से हिमाचल और जम्मू में सप्लाई होती है। मीडिया टीम ने गुरदासपुर रोड पर महिला कारोबारी से माल लेने की बात की तो उसने कहा कि पैसा और नंबर दो माल पहुंच जाएगा। गोदाम के बारे में पूछा तो बोली-गोदाम खरीदना है क्या। डिवीजनल फायर अफसर नत्थू राम के अनुसार जिले से किसी ने पटाखा भंडारण के लिए अप्लाई नहीं किया है।
पटियाला ;राजपुरा के आउटर में प्रोडक्शन सेंटर, बाहर दलाल, फोन पर कारोबार
राजपुरा | अवैध पटाखों के लिए चर्चित राजपुरा में सितंबर में 3 बच्चों की मौत के बाद से कारोबार से जुड़े लोग सतर्क हैं। कारोबारियों ने जगह बदल ली है। माल फोन पर या एजेंट द्वारा पहुंचाने का दावा कर रहे हैं। राजपुरा में महीने भर से रोजाना 10 से 15 लाख का अवैध कारोबार हो रहा है।
मीडिया टीम राजपुरा की मिर्च मंडी पहुंची और पटाखों की डील की। पढ़िए बातचीत के अंश…
रिपोर्टर- पटाखा चाहिए, हम लुधियाना से आए हैं। महिला कारोबारी- कौन सा चाहिए। रिपोर्टर-धरती मार चाहिए। महिला- कितना माल चाहिए। रिपोर्टर-30 हजार का। महिला-मिल जाएगा। रिपोर्टर- हमें पहले सैंपल दिखाएं। महिला- सैंपल नहीं, माल खरा है। रिपोर्टर- मिल बैठकर बात कर लेंगे। महिला- मिलना तो दूर, मैं सामने भी नहीं आऊंंगी। आप पेमेंट करो, माल कहां और कैसे मिलेगा; बता दूंगी।