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केपी को कैबिनेट रैंक देने की चर्चा, जालंधर में सियासत तेज

पूर्व सांसद मोहिदर सिंह केपी शहर की राजनीति में एक बार फिर मजबूत हो रहे हैं। मुख्यमंत्री रविवार को उनके घर पहुंचे तो चर्चा हो रही है कि केपी को कैबिनेट रैंक दिया जा सकता है।

जालंधर: पूर्व सांसद मोहिदर सिंह केपी शहर की राजनीति में एक बार फिर मजबूत हो रहे हैं। केपी शहर के ऐसे इकलौते नेता हैं, जो विधायक या सांसद नहीं हैं, लेकिन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी उनके घर गए हैं। मुख्यमंत्री के दौरे के बाद केपी को पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री का रैंक मिलने की चर्चा शुरू हो गई है। केपी को चंडीगढ़ में सरकारी कोठी भी देने की तैयारी बताई जा रही है। केपी इस समय पंजाब तकनीकी शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन हैं। इस विभाग के मंत्री राणा गुरजीत सिंह हैं, जिन्हें मंत्री बनने से रोकने के लिए केपी की अगुआई में ही मुहिम चलाई गई थी। तकनीकी रूप से किसी कैबिनेट मंत्री के अधीन बोर्ड के चेयरमैन को कैबिनेट मंत्री का रैंक देना संभव नहीं है, इसलिए मुख्यमंत्री केपी को कोई नई जिम्मेवारी दे सकते हैं।

मुख्यमंत्री से करीबी रिश्तेदारी होने के कारण केपी को इसका लाभ मिल रहा है। इसी वजह से वेस्ट हलके की राजनीति भी एक बार फिर सुलग रही है। मोहिदर सिंह केपी वेस्ट हलके से चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन पिछले चुनाव में सुशील रिकू को टिकट दी गई थी। केपी को आदमपुर भेजा गया था। केपी अब दोबारा से वेस्ट हलके में सक्रिय हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री जब मोहिदर सिंह केपी के घर पहुंचे तो वेस्ट हलके के कई नेता केपी के साथ मौजूद रहे। केपी इस बार विधानसभा चुनाव में वेस्ट हलके से फिर दावेदारी को तैयारी में हैं। विधायक सुशील रिकू की अपने हलके में अच्छी पकड़ है। इस वजह से चुनाव से पहले कांग्रेस की राजनीति गर्म रहेगी। सुशील रिकू भी मुख्यमंत्री से संबंध सुधारने में लगे हैं। रिकू पर पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के करीबी होने का टैग लगा है। इस वजह से उन्हें पार्टी के भीतर ही नई लीडरशिप से भी जूझना पड़ेगा।

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