
केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद पंजाब की अर्थव्यवस्था में अब बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इसका सबसे पहला असर राजमार्गों का निर्माण करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनियों पर होगा क्योंकि किसानों के विरोध के कारण पिछले डेढ़ साल से पंजाब में बंद पड़े राज्य के मुख्य मार्गों और एन.एच.ए.आई. के टोल प्लाजा खुल जाएंगे, हालांकि आम लोगों को अब सड़कों की जाने वाली आवाजाही के लिए टैक्स देना पड़ेगा और कई लोगों को तो अपने फास्ट टैग भी रीचार्ज करवाने पड़ेंगे। क्योंकि पंजाब के लोग किसान आंदोलन के कारण बिना रोड टैक्स के मुफ्त में आवाजाही कर रहे थे।
इससे ऐसे तमाम लोगों को रोजगार मिलेगा, जो इन टोल प्लाजा पर पहले काम कर रहे थे। पंजाब में इसका दूसरा असर रिलायंस के शॉपिंग मॉल्स और स्टोर्स के अलावा अडानी ग्रुप के स्टोर्स पर देखने को मिलेगा। पंजाब में रिलायंस ग्रुप में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 10 हजार पंजाबियों को रोजगार दिया हुआ था। अब रिलायंस के स्टोर खुलने के बाद यह रोजगार दोबारा वापस आएगा और इससे पंजाब का राजस्व भी बढ़ेगा। किसानों के विरोध के कारण मोगा के पास अडानी समूह के स्टोर्स बंद कर दिए गए थे, अब इनके दोबारा खुलने की संभावना बन जाएगी। इससे कार्पोरेट जगत में सकारात्मक संदेश जाएगा और पंजाब में एक बार फिर निवेश का माहौल पैदा हो सकता है।
किसानों के आंदोलन खत्म होने के बाद पंजाब में टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा क्योंकि किसान आंदोलन के कारण पंजाब में अस्थिरता की स्थिति थी और कई बार ट्रेनें रोके जाने के कारण पर्यटक पंजाब से मुंह मोड़ने लगे थे लेकिन अब स्थिति सामान्य होने के बाद पर्यटक एक बार फिर पंजाब को प्राथमिकता देंगे।



