
- आरटीए से बस स्टैंड अथॉरिटी को मिलेगी कैंसल एक्टेंशन परमिट की लिस्ट और ऑपरेटरों के नाम
- परमिट में एक्सटेंशन कल्चर खत्म करने के आदेश पर जालंधर में कार्रवाई
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प्राइवेट बसों पर लंबे समय से ऐसा खेल चल रहा है, जिस पर आज तक परिवहन विभाग चुप रहा। अब चंडीगढ़ से आए कार्रवाई के आदेश पर अफसर भी सख्त हो गए हैं। पहला एक्शन उन लोगों पर है, जिन्हें मेन परमिट के अलावा किसी दूसरे रूट तक यात्रियों को लेकर जाने के लिए एक्सटेंशन परमिट भी जारी किया गया था और वे इसका गलत इस्तेमाल करते हैं। दरअसल किसी के पास गोराया तक बस लेकर जाने का परमिट है तो फिल्लौर तक एक्सटेंशन ले लेता है, लेकिन बिना मंजूरी लुधियाना-पटियाला तक बस ले जाते हैं तो इससे सरकार को चूना लगता है। इसी के तहत जालंधर में पहली लिस्ट बनाई है, जिसमें 210 बसों के एक्सटेंशन परमिट रद करने के आदेश कर दिए गए हैं।
परमिट कैंसल होने के बाद आरटीए दफ्तर से इसकी लिस्ट बस स्टैंड अथाॅरिटी को दी जाएगी, जिसमें बस ऑपरेटरों की भी जानकारी दर्ज होगी। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि कई बसें ट्रांसपोर्ट कंपनी के नाम और कई निजी नाम के परमिट पर चल रही होती हैं। इसके अलावा बड़ा एक्शन 23,81,490 रुपए टैक्स न भरने पर विधायक बावा हैनरी के परिवार की जालंधर-चंडीगढ़ रूट पर चलने वाली एसी बस का परमिट रद करने का हुआ है। दरअसल एक्सटेंशन परमिट लेकर बस ऑपरेटरों द्वारा रास्ते में ही यात्रियों को चढ़ाने व उतारने का काम तो होता ही है, साथ ही पास के बड़े शहरों तक के एरिया में घुस जाती है। चुनाव में बड़ा मुद्दा रहा कि एक्सटेंशन परमिट इस प्रकार दिए जा रहे थे कि रोडवेज की बसों के मुकाबले प्राईवेट बसों को लाभ मिले। एक याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट ने सूबे में करीब 6500 परमिटों में की गई बढ़ौतरी को तुरंत प्रभाव से रद करने के निर्देश दिए थे। लंबा समय सरकार कार्रवाई से बचती रही, लेकिन अभी सक्रियता दिखाई जा रही है।
बसों के गैर परमिट वाले एरिया में घुसने की मिली थीं शिकायतें
बसों के ऑपरेशन से जुड़े जानकार बताते हैं कि एक्सटेंशन परमिट पर इसलिए परिवहन विभाग सख्त हुआ है, क्योंकि मोटी टैक्स चोरी इसके जरिये होती है। पिछले 10 साल से ही आरोप लगते रहे हैं कि प्राइवेट बस ऑपरेटरों को ऐसे प्राइम टाइम मिले थे, जिससे सरकारी बसों को कम बिजनेस मिलता था। इसमें परमिट की एक्टेंशन के सिस्टम का बड़ा खेल शामिल था। सबसे बड़ी बात यह है कि जालंधर में 210 बसों को एक्सटेंशन परमिट दे रखे हैं। जब किसी बस को एक रूट के परमिट के साथ ही दूसरे रूट पर जाने की एक्सटेंशन मिल जाती है तो वह रास्ते में आने वाले अलग-अलग अड्डों पर रुकती है। चंडीगढ़ से आए प्रदेश स्तरीय आदेश के बाद जालंधर में सभी एक्सटेंशन परमिटों का रिकॉर्ड निकाला गया। अब इनकी एक्सटेंशन बंद रहेगी।
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परमिट खुद सरेंडर किया- हैनरी, परमिट रद किया- आरटीए
पूर्व कैबिनेट मंत्री अवतार हैनरी ने कहा कि दो साल से उनकी यह बस खड़ी थी, इसलिए उन्होंने विभाग को खुद ही परमिट सरेंडर किया था। इस संबंध में आरटीए सचिव मेजर डाॅ. अमित महाजन ने बताया कि करतार एसी बस टैक्स डिफॉल्टर थी, उसका वीरवार को परमिट रद किया गया है। अब रोज टैक्स डिफाॅल्टर, बिना परमिट और टाइम टेबल के अनुसार न चलने वाली बसों पर कार्रवाई होगी। 210 बसों के एक्सटेंशन परमिट रद करने की भी उन्होंने पुष्टि की।
निर्धारित रूट से आगे तक बसें चलाकर किया जा रहा गोलमाल
परमिट में सिर्फ एक बार ही 25 किलोमीटर की बढ़ोतरी करवाई जा सकती है, लेकिन लोग कई गुना ज्यादा लंबे सफर पर जा रहे थे। मिसाल के तौर पर एक परमिट होशियारपुर-जालंधर के रूट पर जारी है, वह करतारपुर तक परमिट में एक्सटेंशन ले सकता था, लेकिन वह बस करतारपुर से सुभानपुर, ब्यास, रईया और अमृतसर तक ऑपरेट करता रहा। इसी तरह कई एेसी बसें हैं, जिनके पास सिर्फ फगवाड़ा तक चलने की परमिशन है, लेकिन ऐसी बसें फिल्लौर, लुधियाना, खन्ना, सरहिंद, पटियाला तक चल रही हैं।
पंजाब पनबस कर्मचारी यूनियन की मांग- एक्शन बड़े स्तर पर हो
पंजाब रोडवेज पनबस कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन के सदस्यों ने परिवहन मंत्री के काम की प्रशंसा की, साथ ही उन्होंने आरोप भी लगाया कि सिर्फ एक तरफा कार्रवाई की जा रही है। करतार, पियार, रघुराज, समरा सहित अन्य बड़ी स्तर पर कांग्रेसियों की बसों पर इक्का-दुक्का कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में बादल परिवार सहित अन्य अकालियों की बसों पर सख्त कार्रवाई हो रही है तो फिर बिना भेदभाव के कांग्रेस की जो अवैध बसें रोडवेज को नुकसान पहुंचा रही हैं, उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रोडवेज को बचाया जाना चाहिए।



