
जिला होशियारपुर के कंडी और मैदानी इलाकों में इस बार कद्दू की बंपर पैदावार हुई, लेकिन सही दाम न मिलने से किसान परेशान हैं। किसान मजबूरन सड़कों पर कद्दू बेच रहे हैं। खरीदार न मिलने से ज्यादातर फसल खेतों में खराब हो गई है। होशियारपुर की शिवालिक पहाड़ियों के साथ पड़ते करीब 50 और पड़ोसी हिमाचल के 37 गांवों के किसानों की फसल एमएसपी व मंडीकरण न होने से खेत में ही सड़ गई है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब के संगरूर, मलेरकोटला, संतोखगढ़, हिमाचल से आने वाले व्यापारी कद्दू की खड़ी फसल का मूल्य 40 पैसे से डेढ़ रुपए प्रति किलो ही दे रहे हैं।
किसान मक्खन सिंह कोठी, प्यारा सिंह फतेहपुर, गुरनाम सिंह और गुरमीत सिंह चगर ने बताया कि क्षेत्र के किसानों को प्रति एकड़ इस बार 17 से 20 हजार रुपए तक का नुकसान का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि सब्जियों पर एमएसपी और मंडीकरण न होने से कद्दू की फसल खेत में ही खराब हो गई है। मंडी में आढ़ती को बेचने पर 1.80 रुपए प्रति किलो दाम मिला है। जबकि, बाजार में कद्दू 20 से 30 रुपए तक बिक रहा है। कई किसानों ने फसल उखाड़ आलू की बिजाई कर दी है।
मुआवजा न मिला तो कद्दू की खेती बंद कर देंगे : ढिल्लों
किसानों ने कहा कि नरमे की फसल खराब हुई तो सीएम जायजा लेने पहुंच गए। हमारी फसल का जायजा लेने कोई अधिकारी तक नहीं पहुंचा। उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की। व्यापारी बलबीर सिंह ढिल्लों ने बताया कि मंडियों में आढ़ती कद्दू खरीदने को तैयार नहीं हैं। सरकार किसानों को मुआवजा दे नहीं तो किसान कद्दू की खेती बंद कर देंगे।