
पंजाब की तमाम मंडियों में फसल खरीदने के लिए आढ़ती को अब केवल एक ही लाइसेंस लेना होगा। इस लाइसेंस की अवधि 25 वर्ष होगी और फीस सिर्फ 5000 रुपए होगी। मौजूदा समय में एक लाइसेंस से संबंधित एक मंडी में ही आढ़ती फसल खरीद सकता है और प्रत्येक वर्ष प्रति मंडी 1000 रुपए सालाना फीस है। अगर आढ़ती किसी अन्य मंडी में खरीद करना चाहता है तो उसके लिए उसे पहले अलग से लाइसेंस बनवाना पड़ता है। पंजाब मंडी बोर्ड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के चेयरमैन लाल सिंह की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि फेडरेशन ऑफ आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कालड़ा ने पंजाब सरकार को एक ज्ञापन देकर कहा था कि जैसे जी.एस.टी. और वैट सभी जगह एक ही है, वैसे ही आढ़ती लाइसेंस भी एक ही होना चाहिए ताकि आढ़ती राज्य की किसी भी मंडी में फसल खरीद सकें।
बैठक में निर्णय लिया गया कि व्यापारियों द्वारा खरीदी गई उन दुकानों पर 15 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा, जिन दुकानों का निर्माण किसी वजह से नहीं किया गया था। पारित प्रस्ताव में अब जुर्माना सिर्फ 6 प्रतिशत ही होगा अथवा 75000 रुपए अधिकतम अथवा दोनों में से जो कम होगा, वही लागू होगा। इसके अतिरिक्त मंडियों में बनी दुकानों में नक्शे के अतिरिक्त किए गए अन्य निर्माण जैसे बेसमेंट, प्रथम मंजिल और गलियारा पर 10 प्रतिशत जुर्माना लेकर इमारत को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया है। जो आढ़ती मंडियों में दुकानें लेकर उसकी किस्त नहीं अदा कर सके, उन्हें पहले 12 प्रतिशत ब्याज और 10 प्रतिशत जुर्माना, कुल मिलाकर 22 प्रतिशत अदा करना पड़ता था लेकिन अब पारित प्रस्ताव के अनुसार ऐसे व्यापारी को महज 10 प्रतिशत ही अदा करना होगा।
एक अन्य पारित प्रस्ताव के अनुसार राज्य में अब प्राइवेट मंडियां नहीं खुलेंगी, जिस भी व्यापारी अथवा कॉर्पोरेट ने फसल की खरीद करनी होगी, उसे मार्कीट कमेटी के अधीन मंडी में से ही पंजाब के नियमों मुताबिक खरीद करनी होगी। पंजाब विधानसभा द्वारा ऐसा बिल पारित करने के बाद मंडी बोर्ड ने यह निर्णय लिया है। तमाम प्रस्ताव पारित करके पंजाब मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए भेज दिए गए हैं।