होस्टल से कालेज का रूप धारण करने बाले जालंधर के प्रख्यात इंजिनियरिंग इंस्टीच्यूट में गत माह हुई स्टार नाईट को प्रबंधको द्वारा जमकर कैश करने की चर्चा : 1500/1500 में खरीदे दर्शकों ने एंट्री पास…

जालंधर के प्रख्यात इंजिनियरिंग कालेज में मौजूदा प्रबंधकों द्वारा कालेज मैनेजमैंट कमेटी को गुमराह कर उनकी आंखो में धूल झोंकते हुए गत माह आयोजित की गई स्टार नाईट को जमकर कैश करने का मामला पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। गौरतलब है कि नियमानुसार ऑफिशियल प्रिंसिपल को 12 माह से ज्यादा देर तक कालेज का प्रबंधक नही बनाया जा सकता व इसके विपरित 18 माह गुजरने के वावजूद अभी तक मैनेजमैंट ने भी किसी योग्य प्रिंसिपल को कालेज के कार्यभार हेतु नियुक्ति नही की है जिसका पूर्ण लाभ उठाते हुए मौजूदा प्रिंसिपल अपने पद का गल्त इस्तेमाल करते हुए कैश गोलमाल में डटा हुआ है। वर्णनीय है कि गत माह इसी प्रिंसिपल के मार्गदर्शन में आयोजित स्टार नाईट में भी जमकर घपलेबाजी हुई व स्टार नाईट के आयोजन हेतू सपांसरो से लाखों की राशि एकत्र करने के बावजूद कालेज में आयोजित मेले दौरान विभिन्न लोगो से स्टाल लगबाने के लिए भी मनमानी वसूली की गई। इतना सब करने के बाद भी ईवैंट संचालक टीम के साथ मिलकर बाहरी लोगों को 1500-1500 रूपये प्रति एंट्री पास भी बेचे गये व ऐसे पास प्राप्त करने बालो से यूपीआई द्वारा पेमंट कालेज के ही एक कर्मचारी की धर्मपत्नी के खाते में डलबाए गये। आम दर्शको से मोटी राशि लेकर उन्हे वीआइपी में सिटिंग करबाने व सैर्टिफिकेट देने व वीआईपी खानपान सनैक्स सुविधा का भी लालच देकर वीआईपी सपांसर टेबल को भी जमकर कैश किया गया। स्टार नाईट में जीएसटी की चोरी की चर्चा होने पर जीएसटी विभाग ने भी छापेमारी कर इसकी जांच जारी कर रखी है वही इसी मैनेजमैंट से जुड़े एक महिला कालेज में आयोजित समारोह के भी रिकार्ड को जीएसटी विभाग जांचने में जुटा हुआ है। वर्णनीय है कि होस्टल से कालेज का स्वरूप धारण करने बाला जालंधर का यही इंजिनियरिंग कालेज पंजाब में ही नही ब्लकि देश विदेशो में अपनी अलग पहचान बना चुका था व देश-विदेशो के छात्रों की पहली पसंद हुआ करता था व अपने बच्चो को तकनीकि उच्च शिक्षा देने के इच्छुक मां-बाप मोटी डोनेशन देकर एनआरआई कोटे में दाखिला लेने के लिए सिफारिशों की तलाश में डटे रहते थे व इसी कालेज के आज के हालात यह है कि चपड़ासी से लेकर लैक्चरार तक को अपनी सैलरी के लिए 7-7 माह का इंतजार करना पड़ रहा है व कालेज प्रबंधन इतना कुछ होने के बावजूद कुभंकर्णी निद्रा में सौ रहा है। विचारयोग्य तथ्य है कि कालेज के ही स्टाफरो ने पूर्ण मामले को मीडिया हब तक पहुंचाने से पूर्व कालेज मैनेजमैंट प्रधान तक को लैटर लिख कर पूर्ण मामले की जांच करबाने की मांग करते हुए यह भी उल्लेख किया है कि मौजूदा प्रिंसिपल सीट पर विराजमान गत किसी कालेज में एचओडी पद पर रहते हुए घपलेबाजी करने के मामले में जेल की हवा भी का चुका है जिसके चर्चे भविष्य में किए जाएंगे।