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हिमाचल में एक साथ जलीं 8 चिताएं:2 बेटे-पिता ने दी मुखाग्नि; बाढ़ में 9 लोगों की मौत हुई थी, 2 अब भी लापता

हिमाचल-पंजाब बॉर्डर पर बीते रविवार को जेजो खड्ड हादसे में मारे गए हिमाचल के 8 लोगों की आज एक साथ चिताएं जलीं। ये सभी 2 परिवारों के सदस्य थे और ऊना के देहलां लोअर व भटोली के रहने वाले थे। सतलुज नदी के तट पर भभौर साहिब में इनकी चिताओं को 2 बेटों और पिता ने मुखाग्नि दी।5 चिताएं क्रिमेशन शेड के अंदर और 3 शव शेड के बाहर जलाए गए। इनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग भभौर साहिब पहुंचे थे। अंतिम संस्कार से पहले घर पर सभी रस्में पूरी की गईं। इस हादसे में मृत सरूप चंद के परिवार के 5 लोगों और सुरेंद्र कौर के 3 बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया।

मुखाग्नि देने के लिए सरूप चंद का बेटा नंद किशोर बहरीन से और सुरेंद्र कौर के पति अमरीक सिंह सोमवार देर रात को मस्कट से गांव पहुंचे थे।

2 लोग अब भी लापता

नंद किशोर ने अपनी माता पलविंदर कौर, भाई नितिन को मुखाग्नि दी। जबकि, सरूप चंद के भाई सुरजीत कुमार, परमजीत कौर और गगन कुमार को इनोवा गाड़ी से सुरक्षित बचाए गए बेटे दीपक कुमार ने मुखाग्नि दी। नंद किशोर के पिता सरूप चंद अभी लापता हैं।

वहीं, सुरेंद्र कौर उर्फ शिन्नों के पति अमरीक सिंह ने अपनी 2 बेटियों और 1 बेटे को मुखाग्नि दी। अमरीक सिंह की पत्नी सुरेंद्र कौर अभी भी लापता है।

बीते रविवार को बहे थे 12 लोग

बता दें कि बीते रविवार को सुबह करीब 8 बजे देहलां लोअर और भटोली से ड्राइवर समेत 12 लोग इनोवा गाड़ी में पंजाब के नवांशहर में साले की बेटी की शादी के लिए गए थे। इस दौरान जब उनकी गाड़ी जेजो खड्‌ड को पार कर रही थी तो उस समय खड्‌ड में उफान आया हुआ था।

पानी सड़क के ऊपर से बह रहा था। ड्राइवर ने उसी पानी में से गाड़ी को निकालने की कोशिश की तो पानी को बहाव तेज होने के कारण गाड़ी उसमें बह गई और खड्‌ड में जा गिरी। इसके बाद लोगों ने गाड़ी में से निकलने का प्रयास किया तो वे भी बह गए।मौके पर मौजूद लोग उसी समय JCB मंगाकर गाड़ी के पास तक पहुंचे तो उन्होंने दीपक कुमार को रेस्क्यू कर लिया। वहीं, 9 को नहीं बचाया जा सका। देहलां लोअर के सरूप चंद और भटोली की सुरेंदर कौर उर्फ शिन्नो की तलाश में अभी सर्च ऑपरेशन जारी है। इसके लिए जेजो खड्ड में JCB से भी खुदाई चल रही है। इन लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

 

कार में ये लोग सवार थे

हादसे के समय इनोवा कार में सुरजीत कुमार पुत्र गुरदास राम, परमजीत कौर पत्नी सुरजीत कुमार, गगन कुमार पुत्र सुरजीत कुमार, सरूप चंद पुत्र गुरदास राम, पलविंदर कौर पत्नी सरूप चंद व नितिन पुत्र सरूप चंद सभी निवासी देहलां लोअर, सुरेंद्र कौर उर्फ सिन्नो पत्नी अमरीक सिंह, अमानत पुत्री अमरीक सिंह, भावना पुत्री अमरीक सिंह व हर्षित पुत्र अमरीक सिंह सभी निवासी भटोली सवार थे। इनमें से 9 लोगों की जान चली गई। वहीं, 2 लोग लापता हैं। ड्राइवर कुलविंद्र सिंह पुत्र हुकम सिंह देहलां लोअर का था।

3 सगी बहनों और 2 भाई की मौत

देहलां-लोअर निवासी सरूप चंद और सुरजीत कुमार दोनों भाई-भाई थे। दोनों की इस हादसे में जान चली गई। अब इन दोनों भाइयों का पीछे एक-एक बेटा बचा है, जबकि भटोली में अमरीक सिंह ही अकेले बच्चे हैं।

इस हादसे में 3 सगी बहनों की मौत हुई है। इनमें परमजीत कौर, पलविंदर कौर और सुरेंद्र कौर उर्फ सिन्नो शामिल हैं। परमजीत कौर और पलविंदर कौर की 2 सगे भाइयों सुरजीत कुमार और सरूप चंद के साथ शादी हुई थी। जबकि, तीसरी बहन सुरेंद्र कौर उर्फ सिन्नो का भटोली में सुसराल था।

जेजो हादसे में लापता शिन्नो और मृत पाए गए उनके 3 बच्चे। – फाइल फोटो

प्रवीण ने बचाई कुलदीप की जान

जिस वक्त जेजो में हादसा हुआ, तब प्रवीण सोनी वहां मौजूद थे। उन्होंने इनोवा से बहे कुलदीप कुमार की जान बचाई। प्रवीण ने कहा कि यदि इनोवा ड्राइवर ने उनकी बात मानी होती तो हादसा नहीं होता।

वहीं, सोमवार शाम को डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मृतकों के परिजनों से मिलने और उन्हें ढांढस बंधाने देहलां लोअर और भटोली पहुंचे।

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