
हाल-ए-सिविल अस्पताल जालंधर:एनिमल केयर प्राेटेक्शन फाउंडेशन के संस्था के सदस्यों काे सिविल अस्पताल में अज्ञात मरीज के सिर पर पड़े कीड़ाें की सफाई और ड्रेसिंग के लिए खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। करीब एक घंटे तक डाॅक्टरों के पास चक्कर लगाने के बाद भी सुनवाई न हुई तो सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद मरीज की ड्रेसिंग की गई।एनिमल प्राेटेक्शन फाउंडेशन की सीनियर काेआर्डिनेटर जसप्रीत काैर ने बताया कि शुक्रवार काे उन्हें सूचना मिली कि लाल रतन सिनेमा के सामने एक व्यक्ति के सिर पर हुए जख्म में कीड़े रेंग रहे हैं। अपने साथी सार्थक छाबड़ा की मदद से उन्होंने उसे सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचाया। वहां से ओपीडी में भेजा गया। वहां डाॅक्टर ने दूसरे मरीजों की जांच पहले करने की बात कही। बोले- जांच व ड्रेसिंग डेढ़ घंटे बाद होगी। इस मरीज से बाकी मरीजों को समस्या हो सकती है। उस दौरान व्यक्ति की हालत काफी गंभीर थी।आखिर वे मेडिकल सुपरिंटेंडेंट से मिलने गए तो आधा घंटा बाहर खड़े रहे, लेकिन वे नहीं मिले। राेष जताया तो अस्पताल के ही कर्मचारी नरेश कुमार ने ड्रेसिंग के साथ मरीज के सिर से कीड़े निकाले। कीड़ों के कारण पीड़ित की एक आंख भी खराब हो चुकी है।
कीड़ों वाले मरीज की अलग से हाेती है ड्रेसिंग…
मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डाॅ. गीता ने बताया कि जिन मरीजाें को कीड़े पड़ जाते हैं, उन्हें दूसरे मरीजाें से अलग रखा जाता है। उनसे अन्य मरीजाें काे भी इन्फेक्शन का खतरा हाेता है। इसलिए उनकी सबसे बाद में ड्रेसिंग की जाती है ताकि उपकरणों में इन्फेक्शन न जा सके। अगर मरीज की ड्रेसिंग के लिए काेई दिक्कत आई थी ताे संस्था के मेंबर उनसे काॅन्टैक्ट कर सकते थे।