स्व. श्री मती नीरू घई की स्मृति में अपाहिज आश्रम नेत्र चिकित्सा विभाग के सेवार्थ फेको मशीन हेतु बहुमूल्य सहयोग देगी यूनीक ग्रुप ऑफ कंपनीज : प्रसिद्ध उधोगपति विनोद घई * अपाहिज आश्रम आश्रित बुजुर्गो का सेवा सहयोग कर स्व.श्री मती नीरू घई की छठी पुण्यातिथि पर उधोगपति विनोद घई परिवार ने किए श्रद्धासुमन अर्पित…

जालंधर : यूनीक ग्रुप ऑफ कंपनीज के एम.डी. विनोद घई ने अपनी धर्मपत्नी स्व. नीरू घई की छठी पुण्यातिथी पर अपाहिज आश्रम के आश्रितों को 100 टॉवल भेंट करते हुए खाने की भी व्यवस्था की।
इस दौरान उन्होने स्व. नीरू घई को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए अपाहिज आश्रम के आश्रितों को भोजन खिलाया तथा कहा कि स्व.श्रीमती नीरू घई मानसिक रूप से आज भी परिवार के साथ है। श्री विनोद घई ने समूह परिवार सहित अपाहिज आश्रम स्थित लाला राम किशोर कपूर विकलांग सहायता ट्रस्ट भवन द्वारा संचालित आँखों के चिकित्सा विभाग का दौरा किया तथा आश्रम द्वारा जारी लोगों की भलाई के कार्यो का जायजा लिया व स्व.नीरू घई की समृति में आश्रम द्वारा संचालित आँखों के विभाग के विस्तार हेतु फेको मशीन हेतु बहुमूल्य सहयोग देने की घोषणा भी की। इस दौरान उद्योगपति विनोद घई के साथ गौरव घई,महक घई, कुणाल घई,सानिया घई, गीतिका,अनंतिका,साध्वी, कृष्या,कृदेय,भव्या,पार्थ,सार्थक को अपाहिज आश्रम चेयरमैन तरसेम कपूर, को-चेयरपर्सन सुनीता कपूर, प्रधान आर.के.भंडारी,ब्रिज मित्तल,सुभाष अग्रवाल, मनोहर लाल शर्मा,बलदेव कत्याल,संजय सभरवाल, उमेश ढींगरा,डा. जगदीप सिंह,प्राण नाथ भल्ला, देशबंधु भल्ला,ललित भल्ला,शैलजा भल्ला,सुमित पुरी,निधि पुरी,भावना सभरवाल,सुमन खन्ना, ने सहयोग हेतु सम्मानित किया। इस दौरान सहारा सेवा समिति के प्रधान हरबंस गगनेजा,कंवर जैन, शशि भूषण बुद्धिराजा,अनिल कुमार शर्मा, दविंदर साहनी, कमलेश कपूर,अशोक जैन, सतीश कपूर,शांति सरूप शर्मा ने भी शिरकत की।
अपाहिज आश्रम चेयरमैन तरसेम कपूर ने जताया उद्योगपति विनोद घई परिवार का आभार..
अपाहिज आश्रम चेयरमैन तरसेम कपूर ने सहयोग हेतु यूनीक ग्रुप ऑफ कंपनीज के एम.डी.उद्योगपति विनोद घई परिवार का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि उनके द्वारा आश्रम में अपने पिता स्व. दीनानाथ घई व धर्मपत्नी स्व. श्रीमती नीरू घई के निमित्त दो अत्याधुनिक वार्ड भी बनवाए गए जिनमें जरूरतमंद वेसहारा बुजुर्ग घरों की भांति सुख-सुविधा प्राप्त कर रहे है। श्री कपूर ने बताया कि फेको आई मशीन की सुविधा शीघ्र अपाहिज आश्रम में घई परिवार के सहयोग से उपलब्ध होगी। आज मोतियाबिंद सर्जरी की सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली विधि है। सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह सर्जरी छोटे चीरों से की जाती है। इसे आमतौर पर “लेजर मोतियाबिंद सर्जरी” के रूप में माना जाता है क्योंकि यह आमतौर पर ड्रॉप एनेस्थीसिया के तहत किया जाता है।