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किसानों का ऐलान : 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वह पूरे देश में निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च…

सुप्रीम कोर्ट ने करीब 6 महीने से बंद पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर को आंशिक तौर पर खोलने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की कि हाईवेज पार्किंग की जगह नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर ⁠एंबुलेंस, सीनियर सिटीजंस, महिलाओं, छात्रों, आदि के लिए हाईवे की एक लेन खोलने का आदेश दिया।इसके लिए पंजाब और हरियाणा के DGP के अलावा पटियाला, मोहाली और अंबाला के SP को मीटिंग कर इस पर फैसला लेने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस की सुनवाई 22 अगस्त को होगी। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि अगर पंजाब और हरियाणा के पुलिस अधिकारियों के बीच सहमति बन जाती है तो फिर सुनवाई की तारीख का इंतजार करने की जरूरत नहीं है।

वहीं किसानों ने ऐलान किया है कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वह पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। किसान नेताओं का कहना है कि किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के आह्वान पर MSP गारंटी कानून बना आर्थिक आजादी के लिए यह मार्च निकाले जाएंगे।

बता दें कि पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने को कहा था। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई।

इसके अलावा पंजाब और हरियाणा की सरकार ने आंदोलन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए निष्पक्ष कमेटी के सदस्यों के नाम दे दिए हैं। इस कमेटी के सदस्य किसानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थ का काम करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर हम आप दोनों को नाम देने के लिए राजी करने में सफल रहे हैं, अब जब स्थिति ऐसी है तो आप किसानों को क्यों नहीं राजी करते? क्योंकि हाईवे पार्किंग (जगह) नहीं है। अदालत ने कहा कि भले ही चरणबद्ध तरीके से यातायात की अनुमति दी जाए, लेकिन जो वाहन सड़क पर चलने लायक हैं… लोगों को बहुत असुविधा हो रही है। इस वार्ता में समय लगेगा।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ…

मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां ने शुरू की। हरियाणा की तरफ से सालिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता और पंजाब की तरफ से एडवोकेट जनरल (AG) गुरमिंदर सिंह ने समाधान के लिए किसानों से बात करने के लिए समिति के सदस्यों के नाम सौंपे।

AG : हम समिति के गठन से सहमत हैं। मेरे पास एक प्रतिष्ठित व्यक्ति का प्रस्ताव है।

SG : आपके आधिपत्य के चयन के लिए हमारे पास कुछ और नाम हैं।

जस्टिस सूर्यकांत : आपके नाम 6 नाम हैं।

SG : यह सही है।

जस्टिस सूर्यकांत : श्री सुरजीत सिंह, क्या वह IAS में पदोन्नत अधिकारी थे? शायद वह एक बहुत प्रसिद्ध (टाउनप्लानर) थे! मैं सिर्फ पुष्टि करूंगा। जब मैं कुछ कार्यक्रमों में था, मैंने उन्हें (क्रम संख्या 5 पर नाम) सुना है। यहां तक कि क्रमांक 1…प्रशंसनीय…परास्नातक, PhD, बहुत ही विनम्र पृष्ठभूमि।

AG : एक व्यक्ति जितना जमीन से जुड़ा हो सकता है…

कोर्ट : हम प्रयासों की सराहना करते हैं।आपने उस व्यक्ति को चुना है जो अराजनीतिक है।

जस्टिस सूर्यकांत : हम आप दोनों को नाम सुझाने के लिए मनाने में सफल रहे हैं। अब ऐसी स्थिति है तो आप किसानों को क्यों नहीं मनाते? क्योंकि राजमार्ग पार्किंग (स्थान) नहीं हैं।

AG : भले ही चरणबद्ध तरीके से यातायात की अनुमति दी गई हो, जो वाहन सड़क पर चलने लायक हैं। लोगों को अत्यधिक असुविधा हो रही है। इस बातचीत में समय लगेगा।

जस्टिस सूर्यकांत : सोचिए कि वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और स्थानीय लोगों के लिए, जो चिकित्सा सुविधाओं के लिए पंजाब आते हैं, केवल एक ही लेन कैसे होगी?

SG : सुझाव ले लिया है, सरकार के समक्ष रखूंगा। मैं (इस पर) वापस आऊंगा।

जस्टिस सूर्यकांत : हम उन्हें नहीं चाहते। हम किसानों को (ट्रैक्टर) हटाने के लिए मनाने के लिए पंजाब राज्य पर दबाव डाल रहे हैं। हम किसी सौहार्दपूर्ण समाधान तक इस मुद्दे को लंबित रखेंगे। हम समान रूप से चिंतित हैं। कोई नहीं चाहेगा कि किसान…

AG : और ऐसी धारणा मत बनाओ जो सच नहीं है।

जस्टिस कांत : हम एक संक्षिप्त आदेश पारित करेंगे। आप दोनों राजमार्ग के आंशिक रूप से खोलने के संबंध में बातचीत करेंगे। आप जमीनी स्थिति जानते हैं और हम समाचार रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करना चाहते हैं। आप दोनों…

SG : दोनों राज्यों के DGP एक साथ बैठ सकते हैं।

SG : क्रमांक 3 का नाम…. नगर नियोजन विभाग में नहीं था

जस्टिस कांत : उन्होंने बहुत अच्छा किया है…

SC का आदेश: इस बीच, हम पटियाला और अंबाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और दोनों जिलों के DC को एक बैठक आयोजित करने और एम्बुलेंस, आवश्यक सेवाओं, छात्राओं व आसपास के क्षेत्र के दैनिक यात्रियों के लिए शुरू में राजमार्ग को आंशिक रूप से खोलने के लिए तौर-तरीके तय करने का निर्देश देते हैं।

यदि दोनों पक्ष समाधान करने में सक्षम हैं, तो उसे इस न्यायालय के आदेश की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है, और समाधान को तुरंत प्रभावी होने देना चाहिए। मामले को 22 अगस्त, 2024 को सुनवाई के लिए पोस्ट करें।

फरवरी से चल रहा संघर्ष

फसलों के MSP को लेकर पंजाब के किसान फरवरी-2024 से आंदोलन पर हैं। ऐसे में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हरियाणा और पंजाब के शंभू बॉर्डर को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो गई।

किसानों ने बॉर्डर पर पंजाब की तरफ स्थायी मोर्चा बना लिया। ऐसे में वहां से आवाजाही बंद है। इसके चलते अंबाला के व्यापारियों को परेशानी हो रही है। इस कारण उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।

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